बिहार चुनाव में कहां तेजस्वी यादव से हुई चूक..? 'MY' फेक्टर भी नहीं चला
Bihar Election Results 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में एक बार फिर NDA ने भारी बहुमत के साथ बाजी मार ली। दूसरे चरण के मतदान के खत्म होने के साथ ही एग्जिट पोल में NDA को बड़ी बढ़त बताई गई थी। लेकिन बिहार में NDA 200 सीटों के पार पहुंच जाएगा..शायद ये किसी ने नहीं सोचा था। बिहार चुनाव परिणाम से महागठबंधन को तगड़ा झटका लगा है। बिहार में मतदान से पहले सत्ता में परिवर्तन का दावा करने वाले महागठबंधन और उसके नेता इस तरह कैसे धराशायी हो गए..? चलिए जानते हैं इसके प्रमुख कारण...
बिहार में नहीं चला 'MY' फेक्टर
बिहार में लालू यादव की पार्टी आरजेडी का काफी दबदबा देखने को मिलता था। पिछले चुनाव में भी RJD पार्टी ने सबसे ज्यादा सीटें जीती थी। लेकिन इस बार आरजेडी को मिली करारी हार मिली हैं। एग्जिट पोल में आरजेडी को 65 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान था। लेकिन आरजेडी सिर्फ 25 सीटों पर ही सिमट के रह गई। राजनीति के जानकार मानते हैं कि बिहार में इस बार 'MY' (मुस्लिम-यादव) फेक्टर नहीं चला। इसका खामियाजा लालू यादव की पार्टी को उठाना पड़ा हैं।
जंगलराज का तोड़ नहीं निकाल पाया विपक्ष
बता दें इस चुनाव में भाजपा के नेताओं ने जनसभाओं में कांग्रेस और आरजेडी पर जमकर निशाना साधा था। नीतीश कुमार की सरकार को सुशासन और महागठबंधन की सरकार को NDA ने जंगलराज का नैरेटिव बना दिया था। जब भी किसी NDA के नेता की रैली और जनसभा हुई तो उसमें विपक्ष को जंगलराज बताकर निशाना साधा। महागठबंधन के नेता NDA ने जंगलराज के नैरेटिव का तोड़ नहीं निकाल पाए। बिहार चुनाव में इस बार कानून व्यवस्था के मुद्दे ने सभी जाति और सभी के लोगों को प्रभावित किया।
महागठबंधन का दिखा बिखराव
भले ही बिहार में महागठबंधन ने एक होकर चुनाव लड़ने का सन्देश लोगों को दिया। लेकिन चुनाव के पहले टिकट वितरण के समय और डिप्टी सीएम के पद को लेकर भी महागठबंधन में काफी बिखराव दिखा था। महागठबंधन में 10 से ज्यादा सीटों पर फ्रेंडली फाइट होने से एकता नहीं होने की बात भी सामने आई। हालांकि आखिर में जाकर राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने महागठबंधन की सभी पार्टी के नेताओं को एक करके एकजुटता का मैसेज दिया, लेकिन इसका जनता पर कोई असर नहीं पड़ा।
लालू यादव के परिवार में फूट!
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू यादव के परिवार में फूट हो गई थी। आरजेडी से लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को निकाला गया। इसके बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी का गठन कर लिया। इसके बाद आपसी बयानबाजी से बिहार की जनता में इसका गलत सन्देश गया। बिहार चुनाव में लालू यादव के परिवार का राजनीतिक संघर्ष सामने आया। राजनीति के जानकारों के मुताबिक परिवार में कलह के चलते भी तेजस्वी यादव को काफी नुकसान उठाना पड़ा हैं।
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