संविधान दिवस पर विशेष समारोह, राष्ट्रपति मुर्मू ने दी संविधान दिवस की शुभकामनाएं
Constitution Day 2025: आज का दिन देश के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। आज ही के दिन 1949 में भारत ने अपने संविधान को अंगीकार किया था। इस अवसर पर पुराने संसद भवन में राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विशेष समारोह का नेतृत्व किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ने 9 भाषाओं में संविधान का ट्रांसलेटेड वर्जन जारी किया है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने दी शुभकामनाएं
संविधान दिवस पर विशेष समारोह में राष्ट्रपति मुर्मू ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ''विश्व के विशालतम लोकतंत्र में आज भारत एक उदाहरण के तौर पर खड़ा है। बीते दशक में हमारी संसद ने जन आकांक्षाओं को व्यक्त करने के उदाहरण पेश किए हैं। मैं आप सभी सांसदों को बहुत-बहुत बधाई देती हूं। तीन तलाक जैसी सामाजिक कुरीति पर रोक लगाकर हमारी संसद ने बहन-बेटियों को न्याय दिलाया है। वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि विकसित भारत का संकल्प जरूर पूरा होगा।
सामूहिक ज्ञान, त्याग और सपनों का प्रतीक: सी.पी. राधाकृष्णन
कार्यक्रम में संबोधन के दौरान उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा कि "हमारे संविधान का प्रारूपण, उस पर बहस और उसे संविधान सभा में भारत माता के हमारे महान नेताओं द्वारा किया गया। यह स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हमारे लाखों देशवासियों के सामूहिक ज्ञान, त्याग और सपनों का प्रतीक है। महान विद्वानों, प्रारूप समिति और संविधान सभा के सदस्यों ने करोड़ों भारतीयों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गहन विचार दिए।
आज ही के दिन अपनाया था संविधान
आज ही के दिन, 26 नवंबर, 1949 को, संविधान भवन के इसी सेंट्रल हॉल में, संविधान सभा के सदस्यों ने भारत के संविधान का ड्राफ्ट बनाने का काम पूरा किया था। उसी साल इसी दिन, हम भारत के लोगों ने अपना संविधान अपनाया था। आजादी के बाद, संविधान सभा ने भारत की अंतरिम संसद के तौर पर भी काम किया।
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