Putin India Visit: PM मोदी ने एयरपोर्ट पर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक साथ की कार में सवारी
Putin India Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का खुद स्वागत किया। PM मोदी ने पुतिन का हाथ मिलाकर और गले लगाकर स्वागत (Putin India Visit) किया और फिर दोनों नेता एक ही गाड़ी में एयरपोर्ट से साथ-साथ निकले।
पुतिन आज शाम 07:20 पर पालम एयरपोर्ट पर पंहुचे और वहां पर प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन का स्वागत किया। पुतिन के लिए एयरपोर्ट पर रेड कारपेट बिछाई गयी थी। इसके साथ ही वहां सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था।
पुतिन के आने (Putin India Visit) पर दिल्ली पुलिस, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG), और रूसी सुरक्षा अधिकारियों के साथ एक सिक्योरिटी ग्रिड बनाया गया। एयरपोर्ट के रास्ते पर फ्लेक्स बोर्ड और रूसी झंडे लगाए गए थे, और राजधानी के खास इलाकों में एडवांस्ड सर्विलांस सिस्टम चालू कर दिए गए थे।
PM मोदी के साथ प्राइवेट डिनर डिप्लोमेसी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति पुतिन के लिए आज रात एक डिनर का भी आयोजन करेंगे। इसके बाद दोनों नेता हैदराबाद हाउस में एक मीटिंग करेंगे। भारत में पुतिन का पहला कार्यक्रम PM मोदी के साथ एक प्राइवेट डिनर है। इस मीटिंग में "स्पेशल और प्रिविलेज्ड स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप" के पूरे दायरे को कवर करने की उम्मीद है, जिसमें डिफेंस और एनर्जी सिक्योरिटी से लेकर उभरते सेक्टर में ट्रेड और सहयोग तक शामिल है। चर्चा में ग्लोबल जियोपॉलिटिकल मुद्दे, यूरेशियन डेवलपमेंट और इंडो-पैसिफिक भी शामिल होंगे। यह डिनर शुक्रवार की स्ट्रक्चर्ड समिट बातचीत के लिए मंच तैयार करता है।
23वें इंडिया-रूस एनुअल समिट का होगा आयोजन
दोनों नेता 23वें इंडिया-रूस एनुअल समिट की को-चेयर करेंगे, जहाँ 10 से ज़्यादा इंटर-गवर्नमेंटल एग्रीमेंट और 15 से ज़्यादा कमर्शियल MoU साइन होने की उम्मीद है। अधिकारियों द्वारा चर्चा किए जाने वाले मुख्य फोकस एरिया में ट्रेड बढ़ाना, हेल्थकेयर, फर्टिलाइजर, शिपिंग, एग्रीकल्चर, कनेक्टिविटी और वर्कफोर्स मोबिलिटी शामिल हैं।
ग्लोबल अनिश्चितता के बीच डिफेंस और ट्रेड संबंधों पर फोकस
पुतिन के आने से पहले, डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने इस बात पर ज़ोर दिया कि ग्लोबल अस्थिरता के बावजूद, भारत-रूस सहयोग "अच्छी रफ़्तार से आगे बढ़ रहा है।" उन्होंने यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की दिशा में हो रही तरक्की का स्वागत किया और दोनों पक्षों के बीच लगातार मिलिट्री लेन-देन पर ज़ोर दिया।
रूसी डिफेंस मिनिस्टर आंद्रेई बेलौसोव ने भी यही बात दोहराई, और भारत के साथ संबंधों को आपसी सम्मान और सांस्कृतिक जुड़ाव पर आधारित "समय की कसौटी पर खरी दोस्ती" बताया।
इस दौरे के दौरान, पुतिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से दी गई सरकारी दावत में शामिल होंगे और उनसे रूसी ब्रॉडकास्टर RT का भारतीय एडिशन लॉन्च करने की भी उम्मीद है।
दूसरा दिन: राजघाट श्रद्धांजलि, औपचारिक स्वागत और बिज़नेस कार्यक्रम
पुतिन अपने शुक्रवार के शेड्यूल की शुरुआत राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने से करेंगे — यह दौरे पर आने वाले राष्ट्राध्यक्षों के लिए एक परंपरा है। इसके बाद राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत होगा, जिसके बाद हैदराबाद हाउस में PM मोदी के साथ औपचारिक समिट चर्चा होगी। वर्किंग लंच के बाद, पुतिन प्राइवेट सेक्टर पार्टनरशिप और इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने के मकसद से इंडिया-रूस बिज़नेस फोरम को संबोधित करेंगे। शाम का अंत राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा आयोजित सरकारी भोज के साथ होगा, जिसके बाद पुतिन के रात करीब 9.30 बजे रवाना होने की उम्मीद है।
बड़े समझौते और 2030 का ट्रेड रोडमैप
कई सेक्टर में समझौतों के साथ एक जॉइंट स्टेटमेंट की उम्मीद है। खास नतीजों में 2030 तक रूसी-भारतीय आर्थिक सहयोग के स्ट्रेटेजिक एरिया के डेवलपमेंट का प्रोग्राम शामिल है, जिसे लंबे समय के इंडस्ट्रियल और ट्रेड सहयोग को बढ़ाने के रोडमैप के तौर पर देखा जा रहा है। पुतिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने कन्फर्म किया कि 2024 में दोनों देशों का ट्रेड $63.6 बिलियन तक पहुंच जाएगा, जिसमें एनर्जी, फर्टिलाइजर और मशीनरी की वजह से 12% की बढ़ोतरी होगी। उन्होंने सहयोग के लिए ज़रूरी एरिया भी बताए: इंडस्ट्रियल पार्टनरशिप, नई टेक्नोलॉजी, शांतिपूर्ण स्पेस एक्सप्लोरेशन, ट्रांसपोर्ट, माइनिंग, हेल्थकेयर और लेबर मोबिलिटी। पुतिन रूसी मीडिया चैनल RT के इंडिया ऑपरेशन के लॉन्च में भी शामिल होंगे — यह मॉस्को की बढ़ती सॉफ्ट पावर पहुंच का संकेत है।
भारत-रूस के रिश्ते लगातार बेहतर हो रहे हैं
मोदी और पुतिन ने 2024 में पांच बार फोन पर बात की है और आखिरी बार तियानजिन में SCO समिट में आमने-सामने मिले थे। बदलते ग्लोबल अलाइनमेंट और चल रहे रूस-यूक्रेन झगड़े के बावजूद, इंडिया-रूस पार्टनरशिप में अलग-अलग तरह के बदलाव हो रहे हैं, जो टेक्नोलॉजी, एनर्जी ट्रांज़िशन, एजुकेशन और वर्कफ़ोर्स मोबिलिटी में नए सहयोग के साथ पुराने डिफ़ेंस रिश्तों को बैलेंस कर रहा है।