नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसआईपीएल 2025चुनाव

Gita Jayanti 2025: 30 नवंबर या 1 दिसंबर, कब है गीता जयंती? जानें इस दिन का महत्व

गीता जयंती वह पवित्र दिन है जब भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में अर्जुन को भगवद गीता की शिक्षा दी थी।
12:21 PM Nov 21, 2025 IST | Preeti Mishra
गीता जयंती वह पवित्र दिन है जब भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में अर्जुन को भगवद गीता की शिक्षा दी थी।
Gita Jayanti 2025

Gita Jayanti 2025: प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती मनाई जाती है। यह वह पवित्र दिन है जब भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में अर्जुन को भगवद गीता का दिव्य ज्ञान दिया था। यह दिन (Gita Jayanti 2025) हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक श्रीमद्भगवद् गीता के जन्म का उत्सव है।

चूंकि गीता जयंती (Gita Jayanti 2025) एकादशी तिथि पर मनाई जाती है, इसलिए इस दिन मोक्षदा एकादशी भी पड़ती है। लोग इस मौके पर गीता पढ़ते हैं, पूजा करते हैं, मंत्र पढ़ते हैं और इसकी हमेशा रहने वाली शिक्षाओं पर सोचते हैं। यह दिन इस बात की ओर ध्यान दिलाता है कि आध्यात्मिक ज्ञान कन्फ्यूजन दूर कर सकता है और मन की शांति ला सकता है।

कब है इस वर्ष गीता जयंती?

गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी एक ही दिन मनाया जायेगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 30 नवंबर को रात 09:29 मिनट पर होगी। एकादशी तिथि का समापन 01 दिसंबर को शाम 07:01 मिनट पर होगा। उदया तिथि के कारण, गीता जयंती सोमवार, 01 दिसंबर को गीता जयंती मनाई जाएगी।

गीता जयंती का धार्मिक महत्व

गीता जयंती वह पवित्र दिन है जब भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में अर्जुन को भगवद गीता की शिक्षा दी थी। यह अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है, जो इंसानियत को सही जीवन जीने की ओर ले जाता है। यह दिन गीता के शाश्वत ज्ञान पर ज़ोर देता है, जो भक्ति, कर्म, अनुशासन और निस्वार्थ काम करना सिखाता है।

गीता जयंती मनाने से लोगों को सच्चाई, कर्तव्य और आध्यात्मिक जागृति के रास्ते पर चलने की प्रेरणा मिलती है। भक्त भगवद गीता पढ़ते हैं, भजन करते हैं और इसके दिव्य संदेश को समझने के लिए ध्यान करते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि गीता की शिक्षाओं को अपनाने से मन की शांति, स्पष्टता और मुक्ति मिल सकती है।

इस दिन भगवान कृष्ण, महर्षि वेद व्यास और गीता की पूजा की जाती है। जगह-जगह गीता पाठ और प्रवचन का आयोजन होता है, जिसमें इसके उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाया जाता है। इस दिन लोग एकादशी व्रत भी रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।

यह भी पढ़ें: Vinayak Chathurthi 2025 : इस दिन है अगहन माह की विनायक चतुर्थी, ऐसे करें आराध्य को प्रसन्न

Tags :
Bhagavad Gita JayantiGita Jayanti 2025Gita Jayanti 2025 DateGita Jayanti SignificanceImportance of Gita JayantiKab hai Gita Jayanti 2025Mokshada Ekadashi 2025Why Gita Jayanti is celebrated

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article