Valsad में माँ विश्वंभरी का विश्व का एक मात्र मंदिर, जानिए विशेषता और महत्व
Valsad : चैत्र नवरात्र के दौरान देश और दुनिया में सनातन धर्म को मानने वाले माता के भक्तो के द्वारा विशेष पूजा – अर्चना की जाती है. ऐसा ही एक विश्व का एकमात्र विश्वंभरी माँ का मंदिर गुजरात के वलसाड के राबड़ा गाँव में आया हुआ है. विश्वंभरी माँ का मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है और इसी वजह से हर साल वलसाड में नवरात्र के दौरान विशेष और भव्य पूजा अर्चना की जाती है. इस साल भी चैत्र नवरात्र के दौरान विश्à¤
Valsad : चैत्र नवरात्र के दौरान देश और दुनिया में सनातन धर्म को मानने वाले माता के भक्तो के द्वारा विशेष पूजा – अर्चना की जाती है. ऐसा ही एक विश्व का एकमात्र विश्वंभरी माँ का मंदिर गुजरात के वलसाड के राबड़ा गाँव में आया हुआ है. विश्वंभरी माँ का मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है और इसी वजह से हर साल वलसाड में नवरात्र के दौरान विशेष और भव्य पूजा अर्चना की जाती है. इस साल भी चैत्र नवरात्र के दौरान विश्वंभरी माँ की विशेष पूजा – अर्चना का लाभ लाखो माता के भक्तो ने लिया था.
दिनांक – 09-05-2016 के शुभ दिन माँ विश्वंभरीधाम की शुभ शुरुआत हुई थी. इस मंदिर का निर्माण महज तीन महीने के कम समय में किया गया है। मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य के बीच 10 बीघा जमीन पर बना है। साथ ही एक गौशाला भी बनाई गई है।
विश्वंभरी धाम की खासियत भी जान लीजिए
- वलसाड के पास रबाडा गांव में महज 90 दिन में विश्वंभरीधाम पाठशाला, गोवर्धन पर्वत, गौशाला और रामकुटीर का निर्माण किया गया है।
- विद्यालय में प्रवेश करते समय 17 सीढ़ियों पर मन के 17 वैदिक गुण देखे जाते हैं। प्रवेश द्वार के पास श्रीराम और श्रीकृष्ण के दर्शन होते हैं।
- श्रीराम परिवार व्यवस्था और मर्यादा बताते हैं, वहीं श्रीकृष्ण सामाजिक व्यवस्था सिखाते हैं।
- पाठशाला में जिस स्वरूप में मां विश्वंभरी ने साक्षात रूप में महापात्र को दर्शन दिए थे उसी रूप में मूर्ति और रथ बनाया गया है।
- स्कूल की ऊपरी मंजिल पर हिमालय बनाया गया है। जिसमें हम शिवलिंग के दर्शन कर सकते हैं।
- पाठशाला में आकाश, पाताल और पृथ्वी तीनों लोकों में भी मां का चैतन्य स्वरूप दिखाया गया है।
- स्कूल के विशाल प्रांगण में गोवर्धन पर्वत नजर आता है। द्वापर युग में भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर लोगों को अधर्म की वर्षा से बचाया था।
- पूरे मंदिर परिसर में शेर, विशालकाय गजराज, जिराफ, बंदर जैसे कई जानवरों की विशाल मूर्तियां भी बनी हुई हैं।