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Chandrayaan 3: पीएम मोदी ने बढ़ाया था हौसला, चार साल बाद फिर इतिहास रचने को तैयार 'इसरो'

Chandrayaan 3: भारतीय वैज्ञानिक एक बार फिर दुनिया को अपनी ताकत दिखाने जा रहे हैं। आज से दो दिन बाद यानी 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया जायेगा। जो अगले एक महीने में चांद की साथ पर लेंडिंग करेगा। भारत अगर अपने इस मिशन में सफल हुआ तो पूरी दुनिया में एक बाद सन्देश जाएगा। अब तक सिर्फ तीन ही देशों ने यह मुकाम हासिल किया। भारत के पास इस सूची में शामिल होà¤

04:23 PM Jul 12, 2023 IST | mediology

Chandrayaan 3: भारतीय वैज्ञानिक एक बार फिर दुनिया को अपनी ताकत दिखाने जा रहे हैं। आज से दो दिन बाद यानी 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया जायेगा। जो अगले एक महीने में चांद की साथ पर लेंडिंग करेगा। भारत अगर अपने इस मिशन में सफल हुआ तो पूरी दुनिया में एक बाद सन्देश जाएगा। अब तक सिर्फ तीन ही देशों ने यह मुकाम हासिल किया। भारत के पास इस सूची में शामिल होà¤

Chandrayaan 3: भारतीय वैज्ञानिक एक बार फिर दुनिया को अपनी ताकत दिखाने जा रहे हैं। आज से दो दिन बाद यानी 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया जायेगा। जो अगले एक महीने में चांद की साथ पर लेंडिंग करेगा। भारत अगर अपने इस मिशन में सफल हुआ तो पूरी दुनिया में एक बाद सन्देश जाएगा। अब तक सिर्फ तीन ही देशों ने यह मुकाम हासिल किया। भारत के पास इस सूची में शामिल होने का बड़ा मौका हैं। यह चंद्रयान-2 का फॉलो-अप मिशन है। यह मिशन इसरो के साथ पीएम मोदी का भी एक सबसे बड़ा सपना माना जा रहा हैं। 
पीएम मोदी ने चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग के बाद जब पूरा देश और इसरो के वैज्ञानिक भावुक हो गए थे तब अपने सन्देश से सभी के आत्मविश्वास को बढ़ाया। इससे भारत के वैज्ञानिकों का मनोबल नहीं टूटा और उसका ही नतीजा हैं कि अब चार साल से भी कम समय में एक बार फिर इसरो अपने मिशन को दोहरा रहा हैं। इस बार पिछले गलतियों में सुधार करके यह मुकाम हासिल करने के लिए इसरो के वैज्ञानिक दिन- रात जुटे हुए हैं।  
पीएम मोदी ने चंद्रयान-2 के समय दिया था ये सन्देश:
चंद्रयान-2 लेंडिंग से कुछ ही समय पहले इसरो के संपर्क से दूर हो गया था। एक समय पूरा देश जहां खुशियां मनाने की तैयारियों में जुट गया था। फिर अचानक चंद्रयान-2 सिर्फ 2 किमी क्रैश हो गया था। उसके बाद इसरो चीफ से लेकर अन्य सभी वैज्ञानिकों की आँखों में आंसू आ गए थे। उस भावुक पल के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो पहुंचकर उनका मनोबल बढ़ाया था। पीएम मोदी ने उस समय अपने सन्देश में कहा था कि साथियो, आज भले ही कुछ रुकावटें आई हों, कुछ बाधाएं हाथ लगी हों, लेकिन इससे हमारा हौसला कमजोर नहीं पड़ा, बल्कि और मजबूत हुआ है। आज हमारे रास्ते में भले ही एक आखिरी कदम पर रुकावट आई हो, लेकिन इससे हम अपनी मंजिल के रास्ते से डिगे नहीं हैं।
क्यों हुई थी चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग..?
वैसे तो चंद्रयान-2 ने अपनी लैंडिंग लगभग पूरी कर ली थी। लेकिन अपनी मंज़िल से केवल दो किमी पहले ही चंद्रयान-2 का इसरो से संपर्क टूट गया था। लेकिन इसके बावजूद उसका ऑर्बिटर आज भी चंद्रमा के चक्कर लगा रहा हैं। उस समय बताया गया कि ज्यादा बल उत्पन्न होने से कुछ ही अवधि में एरर पैदा हो गए। जिसके बाद स्थिति को संभाला नहीं जा पाया और चंद्रयान-2 का संपर्क इसरो से टूट गया।   
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