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गुजरात में 2 सीटें जीतकर भी इतिहास रच देगी "आप"; पढ़िए पूरी खबर

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के लिए दो चरणों में मतदान हुआ। पहले चरण में एक दिसंबर को 89 सीटों पर मतदान हुआ था। लिहाजा दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान हुआ। गुजरात में पहले चरण में 14 जिलों की 93 सीटों पर 63 फीसदी मतदान हुआ। उसके बाद राजनीतिक दलों ने दूसरे चरण में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की कोशिश की थी। पिछले चुनाव में बीजेपी ने 99 और कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत हासिल की थी। लिहाजा निर्दलीय और छोटे दलोà¤

04:56 PM Dec 07, 2022 IST | mediology

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के लिए दो चरणों में मतदान हुआ। पहले चरण में एक दिसंबर को 89 सीटों पर मतदान हुआ था। लिहाजा दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान हुआ। गुजरात में पहले चरण में 14 जिलों की 93 सीटों पर 63 फीसदी मतदान हुआ। उसके बाद राजनीतिक दलों ने दूसरे चरण में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की कोशिश की थी। पिछले चुनाव में बीजेपी ने 99 और कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत हासिल की थी। लिहाजा निर्दलीय और छोटे दलोà¤

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के लिए दो चरणों में मतदान हुआ। पहले चरण में एक दिसंबर को 89 सीटों पर मतदान हुआ था। लिहाजा दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान हुआ। गुजरात में पहले चरण में 14 जिलों की 93 सीटों पर 63 फीसदी मतदान हुआ। उसके बाद राजनीतिक दलों ने दूसरे चरण में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की कोशिश की थी। 
पिछले चुनाव में बीजेपी ने 99 और कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत हासिल की थी। लिहाजा निर्दलीय और छोटे दलों को 6 सीटें मिलीं। आप ने 2022 के गुजरात चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ भी उम्मीदवार उतारे हैं। जन की बात के एग्जिट पोल के मुताबिक बीजेपी को 182 सीटों में से 129 सीटें मिलने का अनुमान है। कांग्रेस को 43 सीटें, यूएस को 10 और अन्य को एक भी सीट नहीं मिलने का अनुमान है। पी मार्क के अनुमान के मुताबिक बीजेपी को 138, कांग्रेस को 36, एपीए को 6 और अन्य को 2 सीटें मिलने की संभावना है। TV9 के एग्जिट पोल के मुताबिक गुजरात में बीजेपी को 125 से 130, कांग्रेस को 40 से 50, आप को 3 से 5 और अन्य को 3 से 7 सीटें मिल सकती हैं। 
इस बीच गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर यानी कल घोषित किए जाएंगे। इस बार आम आदमी पार्टी ने चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी है। हालांकि, एग्जिट पोल के नतीजे भले ही आम आदमी पार्टी के पक्ष में न हों, लेकिन अगर वह गुजरात में सिर्फ 2 सीटें जीतती है तो इतिहास रचा जाएगा।
क्या ‘आप’ बन जाएगी राष्ट्रीय पार्टी?
दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाने के बाद एमसीडी पर आम आदमी पार्टी का कब्जा होता दिख रहा है। इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी को गोवा में पहचान मिली है। ऐसे में अगर केजरीवाल की पार्टी को दूसरे राज्य में मान्यता मिल जाती है तो उसे आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा।
देश में तीन तरह की पार्टियां
देश में तीन तरह की पार्टियां हैं। राष्ट्रीय, राज्य और क्षेत्रीय दल। देश में राष्ट्रीय दलों की बात करें तो इनकी संख्या सात ही है। 35 राज्य स्तरीय दल और 350 से अधिक क्षेत्रीय दल हैं।
राष्ट्रीय पार्टी कैसे बनती है?
भारत के चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया है। इसके लिए तीन शर्तें तय की गई हैं। इनमें से किसी भी शर्त को पूरा करने वाली पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया जाता है।
राष्ट्रीय पार्टी बनने की तीन शर्तें क्या हैं?
  • पहली शर्त यह है कि पार्टी को तीन राज्यों के लोकसभा चुनाव में 2 फीसदी सीटें हासिल करनी होंगी।
  • दूसरी शर्त – किसी पार्टी को 4 लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा में 6 प्रतिशत वोट या विधानसभा चुनाव में कम से कम चार या अधिक राज्यों में 6 प्रतिशत वोट हासिल करने होंगे।
  • तीसरी शर्त – दल को चार या अधिक राज्यों में क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए।
राष्ट्रीय पार्टी बनने से क्या फायदा होगा?
अगर कोई पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बन जाती है तो उसके कई फायदे होते हैं। पार्टी को देश भर में एक आरक्षित चुनाव चिह्न मिलता है। नामांकन दाखिल करने वाले प्रत्याशियों की संख्या बढ़ सकती है।
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