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प्रमुखस्‍वामी महाराज शताब्दी समारोह "समाज सेवा और समर्पण का महायज्ञ"

<p>अहमदाबाद के प्रमुखस्‍वामीजी महाराजनगर में आयोजित प्रमुखस्‍वामीजी महाराज जन्‍मशताब्‍दी समारोह महंत स्‍वामीजी महाराज की प्रेरणा से समाज सेवा का महायज्ञ है. स्‍वयं सेवकों द्वारा सेवा और समर्पण भावना देखने को मिल रही है. स्‍वयंसेवकों के रूप में प्रशासनिक अधिकारी, डॉक्‍टर, इंजीनियर, पायलट, व्‍यापारी, मल्‍टीनेशनल कंपनी में काम करने वालों से लेकर दर्जी, मोची, कारपेंटर सभी शामिल होà¤</p>
05:34 PM Dec 15, 2022 IST | mediology

अहमदाबाद के प्रमुखस्‍वामीजी महाराजनगर में आयोजित प्रमुखस्‍वामीजी महाराज जन्‍मशताब्‍दी समारोह महंत स्‍वामीजी महाराज की प्रेरणा से समाज सेवा का महायज्ञ है. स्‍वयं सेवकों द्वारा सेवा और समर्पण भावना देखने को मिल रही है. स्‍वयंसेवकों के रूप में प्रशासनिक अधिकारी, डॉक्‍टर, इंजीनियर, पायलट, व्‍यापारी, मल्‍टीनेशनल कंपनी में काम करने वालों से लेकर दर्जी, मोची, कारपेंटर सभी शामिल होंगे, जो एक साथ सेवाकार्य में जुटे हुए है. 

प्रमुखस्‍वामीजी महाराज के आदेश से हजारों स्‍वयंसेवकों ने समय-समय पर श्रमदानकर करके देशवासियों के जीवन में खुशहाली लाने का प्रयास किया है. गुजरात का भूंकप हो, तमिलनाडु का सुनामी हो या उड़ीसा का चक्रवात हो, केरल में बाढ़ या रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे छात्रों को भारत पहुंचाना और उनकी मदद करना हो. सभी कार्यों में BAPS के स्‍वयं सेवकों ने निस्‍वार्थ सेवा समर्पण का परिचय कराया है.
YEAR 1999 उड़ीसा चक्रवात
BAPS ने जगतसिंहपुर जिले में तीन गांवों का दोबारा से निर्माण कराया, जिसमें चकुलिया,बानीपट, पोटक शामिल हैं. स्‍वयं सेवकों द्वारा चक्रवात से प्रभावित 58 गांवों में राहत कार्य चलाया गया.
YEAR 2001 गुजरात में भूकंप
BAPS ने 400 प्रभावित गांवों में राहत पहुंचाई. 15 गांवों और कॉलोनी का दोबारा से निर्माण कराया. जो भूकंप से तबाह हो गए थे. 51 स्‍कूलों को दोबारा से निर्माण कराया. 40दिन तक रोजाना 41000 लोगों को गर्म भोजन कराया गया. 45000 मरीजों का उपचार कराया गया.
YEAR 2004 में तमिलनाडु में सुनामी
BAPS ने प्रभावित इलाकों में रसोई बनाकर 37 दिनों तक रोजाना 5000 लोगों को ताजा भोजन उपलब्‍ध कराया. तबाह हुए गांवों में से दो पट्टीपुलम कुप्‍पम और महाबलीपुरम का दोबारा से निर्माण कराया. स्‍वयं सेवकों द्वारा 51 गांवों में राहत कार्य चलाया गया.
रूस-यूक्रेन (RUSSIA-UKRAIN WAR) युद्ध में छात्रों की मदद
BAPS के स्‍वयं सेवकों ने युद्ध के दौरान पोलैंड में 24 घंटे राहत कार्य जारी रखा. 10 दिन तक लगातार 1000 छात्रों गर्म भोजन कराया गया. इसके साथ ही, स्‍वयं सेवकों ने वहां फंसे छात्रों को बाहर निकालने में मदद की.
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