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Independence Day 2025: 15 अगस्त पर इन पांच ऐतिहासिक इमारतों का करें सफर, जानें देश का इतिहास

बलिदान, नेतृत्व और परिवर्तन की कहानियों से भरपूर ये स्थल देश की सांस्कृतिक और राजनीतिक विरासत की एक सशक्त याद दिलाते हैं।
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Independence Day 2025

Independence Day 2025: 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस सिर्फ़ आज़ादी का जश्न ही नहीं, बल्कि उस सफ़र पर चिंतन करने का भी समय है जिसने इसे हासिल किया। जहां ध्वजारोहण और देशभक्ति के गीत इस दिन की यादगार होते हैं, वहीं भारत की पहचान को आकार देने में भूमिका निभाने वाले ऐतिहासिक स्मारकों का दर्शन (Independence Day 2025) इस उत्सव को और भी गहरा आयाम देता है।

बलिदान, नेतृत्व और परिवर्तन की कहानियों से भरपूर ये स्थल देश की सांस्कृतिक और राजनीतिक विरासत की एक सशक्त याद दिलाते हैं। भारत के गौरवशाली अतीत से फिर से जुड़ने के लिए इस स्वतंत्रता दिवस पर आपको पाँच ऐतिहासिक इमारतों (Independence Day 2025) को देखने पर विचार करना चाहिए।

Independence Day 2025: 15 अगस्त पर इन पांच ऐतिहासिक इमारतों का करें सफर, जानें देश का इतिहास

लाल किला, दिल्ली

भारत में स्वतंत्रता दिवस के लिए लाल किले से बढ़कर कोई जगह नहीं है। हर साल, भारत के प्रधानमंत्री यहाँ राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, जो 15 अगस्त 1947 के उस ऐतिहासिक क्षण की याद दिलाता है जब स्वतंत्र भारत का पहला झंडा फहराया गया था।

मुगल सम्राट शाहजहाँ द्वारा 17वीं शताब्दी में निर्मित, लाल किला कई साम्राज्यों के उत्थान और पतन का साक्षी रहा है। 1947 में जब पहली बार यहाँ भारतीय तिरंगा फहराया गया, तब यह ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रतिरोध का प्रतीक बन गया। इसकी भव्य वास्तुकला और समृद्ध इतिहास इसे अवश्य देखने लायक बनाते हैं।

Independence Day 2025: 15 अगस्त पर इन पांच ऐतिहासिक इमारतों का करें सफर, जानें देश का इतिहास

सेलुलर जेल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

अक्सर "काला पानी" के नाम से प्रसिद्ध, सेलुलर जेल ब्रिटिश राज के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों के साथ किए गए क्रूर व्यवहार की एक भयावह याद दिलाती है।

वीर सावरकर सहित कई क्रांतिकारियों को यहाँ एकांत कारावास में रखा गया था। जेल की वास्तुकला स्वयं औपनिवेशिक शासन की क्रूरता को दर्शाती है। आज, प्रकाश और ध्वनि शो इन वीरों की कहानियों को जीवंत करता है, जो इसे एक भावनात्मक और शिक्षाप्रद अनुभव बनाता है।

Independence Day 2025: 15 अगस्त पर इन पांच ऐतिहासिक इमारतों का करें सफर, जानें देश का इतिहास

जलियाँवाला बाग, अमृतसर

स्वर्ण मंदिर के निकट स्थित, जलियाँवाला बाग एक पवित्र स्थल है जहाँ 1919 में एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान जनरल डायर की सेना ने सैकड़ों भारतीयों का नरसंहार किया था।

यह दुखद घटना भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ बन गई, जिसने विभिन्न धर्मों और क्षेत्रों के लोगों को औपनिवेशिक शासन के खिलाफ एकजुट किया। दीवारों और संरक्षित कुएँ पर गोलियों के निशान आगंतुकों को भारतीय लोगों की क्रूरता और अटूट भावना की याद दिलाते हैं।

Independence Day 2025: 15 अगस्त पर इन पांच ऐतिहासिक इमारतों का करें सफर, जानें देश का इतिहास

साबरमती आश्रम, अहमदाबाद

साबरमती आश्रम महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन का केंद्र था। यहीं से उन्होंने 1930 में अंग्रेजों द्वारा लगाए गए नमक कर के खिलाफ ऐतिहासिक दांडी मार्च की शुरुआत की थी।

आश्रम में घूमने से गांधीजी के अहिंसा, सादगी और आत्मनिर्भरता के दर्शन की झलक मिलती है। उनके आवास, पत्र और तस्वीरें यहाँ संरक्षित हैं, जो उस व्यक्ति के बारे में एक अंतरंग दृष्टिकोण प्रस्तुत करती हैं जिसने भारत को स्वतंत्रता दिलाई।

Independence Day 2025: 15 अगस्त पर इन पांच ऐतिहासिक इमारतों का करें सफर, जानें देश का इतिहास

विक्टोरिया मेमोरियल, कोलकाता

विक्टोरिया मेमोरियल, हालाँकि महारानी विक्टोरिया के सम्मान में बनाया गया था, आज औपनिवेशिक इतिहास और स्वतंत्रता आंदोलन के एक संग्रहालय के रूप में खड़ा है।

इसकी कलाकृतियों, चित्रों और पांडुलिपियों का विशाल संग्रह ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता तक भारत की यात्रा का चित्रण करता है। इसकी वास्तुकला में मुगल और ब्रिटिश तत्वों का मिश्रण है, जो भारत और उसके औपनिवेशिक अतीत के बीच जटिल संबंधों का प्रतीक है।

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