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Spiritual Tourism: ये कम मशहूर ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ बन गए हैं अब टूरिस्ट हॉटस्पॉट

बेहतर कनेक्टिविटी, सोशल मीडिया पर पहचान और कल्चर से भरपूर जगहों में बढ़ती दिलचस्पी के साथ, इनमें से कई छिपे हुए मंदिर बड़े टूरिस्ट हॉटस्पॉट बन रहे हैं।
06:48 PM Dec 10, 2025 IST | Preeti Mishra
बेहतर कनेक्टिविटी, सोशल मीडिया पर पहचान और कल्चर से भरपूर जगहों में बढ़ती दिलचस्पी के साथ, इनमें से कई छिपे हुए मंदिर बड़े टूरिस्ट हॉटस्पॉट बन रहे हैं।

Spiritual Tourism: भारत का स्पिरिचुअल टूरिज़्म या आध्यात्मिक पर्यटन हमेशा से भक्ति, परंपरा और सदियों पुराने मंदिरों से जुड़ा रहा है। लेकिन हाल के सालों में, एक नया ट्रेंड सामने आया है—ट्रैवलर सिर्फ़ काशी विश्वनाथ, केदारनाथ या वैष्णो देवी जैसे मशहूर मंदिरों में ही नहीं जा रहे हैं। वे अब कम मशहूर ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ मंदिरों को भी देख रहे हैं, जो शांति, पुराना इतिहास और अनछुई (Spiritual Tourism) प्राकृतिक सुंदरता देते हैं।

बेहतर कनेक्टिविटी, सोशल मीडिया पर पहचान और कल्चर से भरपूर जगहों में बढ़ती दिलचस्पी के साथ, इनमें से कई छिपे हुए मंदिर बड़े टूरिस्ट हॉटस्पॉट बन रहे हैं। इस आर्टिकल में कुछ सबसे खास लेकिन कम मशहूर ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ जगहों के बारे में बताया गया है जो स्पिरिचुअल ट्रैवलर्स (Spiritual Tourism) के बीच पॉपुलर हो रही हैं।

औंधा नागनाथ ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र

कई लोग इसे पहला ज्योतिर्लिंग मानते हैं, औंधा नागनाथ भगवान शिव को समर्पित सबसे पुराने और सबसे शक्तिशाली मंदिरों में से एक है। हिंगोली जिले में मौजूद इस मंदिर का बहुत पौराणिक महत्व है—माना जाता है कि यह वह जगह है जहाँ युधिष्ठिर ने वनवास के दौरान शिव की पूजा की थी।

यह हॉटस्पॉट क्यों बन रहा है:

नया इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतर रोड कनेक्टिविटी
ऐतिहासिक रूप से समृद्ध तीर्थ स्थलों में बढ़ती दिलचस्पी
मुख्य ज्योतिर्लिंगों की तुलना में कम भीड़

पुरानी नक्काशी और अनोखे आर्किटेक्चरल स्टाइल को देखकर आने वालों को गहरी शांति का एहसास होता है। यह असलियत की तलाश करने वाले आध्यात्मिक टूरिस्ट के लिए तेज़ी से पसंदीदा जगह बन रहा है।

भीमाशंकर शक्तिपीठ और ज्योतिर्लिंग (पश्चिम बंगाल)

हालांकि ज़्यादातर लोग महाराष्ट्र में भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के बारे में जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि पश्चिम बंगाल में एक और भीमाशंकर मंदिर को भी शक्तिपीठ के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह छिपा हुआ रत्न दक्षिण रायपुर के शांत जंगलों में है और इसका गहरा तांत्रिक महत्व है।

यह क्यों पॉपुलर हो रहा है:

ऑनलाइन धार्मिक फ़ोरम के ज़रिए जागरूकता बढ़ाना
ध्यान के लिए शांत, सुकून देने वाली जगह
ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ की एनर्जी का अनोखा मेल
यात्री इसकी रहस्यमयी आभा और शांत माहौल की ओर खिंचे चले आते हैं, जो इसे आध्यात्मिक और प्रकृति से भरा एस्केप बनाता है।

नार्तियांग शक्तिपीठ, मेघालय

जैंतिया हिल्स में मौजूद नार्तियांग शक्तिपीठ भारत के सबसे अनदेखे लेकिन शक्तिशाली तीर्थ स्थलों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि देवी सती की बाईं जांघ यहां गिरी थी, जिससे यह एक पवित्र जगह बन गई। हरी-भरी हरियाली, झरनों और घुमावदार पहाड़ियों से घिरा यह मंदिर एडवेंचर पसंद करने वालों और आध्यात्मिक साधकों, दोनों के बीच पहचान बना रहा है।

यह हॉटस्पॉट क्यों बन रहा है:

आध्यात्मिकता और नॉर्थईस्ट टूरिज्म का एक बेहतरीन मेल
मेघालय को एक प्रीमियम ट्रैवल स्टेट के तौर पर प्रमोट करना
मंदिर से जुड़ी खासी परंपराएं

यह शक्तिपीठ आने वालों को दिव्य ऊर्जा और बेदाग प्राकृतिक सुंदरता का एक दुर्लभ मेल देता है।

परली वैजनाथ ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र

बीड जिले में मौजूद परली वैजनाथ मंदिर के बारे में माना जाता है कि इसमें ठीक करने की शक्ति है। भक्त बीमारियों, स्वास्थ्य समस्याओं और जीवन की मुश्किलों से राहत पाने के लिए आते हैं। मंदिर की बनावट शानदार है, जिसमें पत्थर पर बारीक नक्काशी और रामायण से जुड़ी समृद्ध ऐतिहासिक जड़ें हैं।

यह क्यों मशहूर हो रहा है:

टूरिज्म की बेहतर सुविधाएं
हीलिंग तीर्थ स्थलों में बढ़ती दिलचस्पी
बड़े शहर की भीड़-भाड़ से दूर शांत जगह

यह मंदिर उन लोगों के लिए एक खास जगह बन गया है जो भगवान का आशीर्वाद और अंदरूनी हीलिंग दोनों चाहते हैं।

जयंती शक्तिपीठ, बांग्लादेश (इंडिया-बांग्लादेश टूरिज्म)

इंडिया-बांग्लादेश बॉर्डर पर जैंतिया पहाड़ियों के पास, जयंती शक्तिपीठ एक और उभरती हुई आध्यात्मिक जगह है। यह मंदिर देवी सती के बाएं टखने से जुड़ा है और अपने अनोखे बॉर्डर पार तीर्थयात्रा महत्व के कारण विज़िटर्स को आकर्षित करता है।

यह ट्रेंडिंग क्यों है:

क्रॉस-कंट्री धार्मिक टूरिज्म में बढ़ती दिलचस्पी
इंडिया और बांग्लादेश के बीच कल्चरल एक्सचेंज
रीजनल टूरिज्म प्रोजेक्ट्स के तहत प्लान्ड डेवलपमेंट

विज़िटर्स इस शक्तिशाली लेकिन कम मशहूर मंदिर की ओर तेज़ी से आकर्षित हो रहे हैं जो प्राचीन हिंदू विरासत को दिखाता है।

निष्कर्ष

इंडिया में स्पिरिचुअल टूरिज्म तेज़ी से बढ़ रहा है। आज भक्त ऐसी जगहों को एक्सप्लोर करना चाहते हैं जो आम भीड़-भाड़ वाले मंदिरों से परे शांति, पवित्रता और कल्चरल गहराई दें। ये कम मशहूर ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ साइटें ठीक यही देती हैं। बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, शानदार प्राकृतिक माहौल और पुराने इतिहास में नई दिलचस्पी के साथ, ये मंदिर 2025 में बड़े टूरिस्ट हॉटस्पॉट बन रहे हैं।

चाहे आप आध्यात्मिक विकास, शांति या एक अनोखा ट्रैवल एक्सपीरियंस चाहते हों, ये छिपे हुए मंदिर एक ऐसी यात्रा देते हैं जो दिव्य और यादगार दोनों है।

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