Kaas Plateau: जा रहे हैं कास पठार तो जान लें ये पांच बातें, ये जगह है महाराष्ट्र का एक वंडर
Kaas Plateau: महाराष्ट्र का कास पठार एक पर्यटन स्थल से कहीं बढ़कर है; यह प्रकृति की सुंदरता और जैव विविधता का संगम है। महाराष्ट्र के सतारा ज़िले में स्थित, कास पठार, एक ऐसा मानसूनी गंतव्य (Kaas Plateau) है जहां हर किसी को अपने जीवन में एक बार जरूर जाना चाहिए। अब आप पूछेंगे ऐसा क्या है इस जगह में?
इस पठार का मौसमी रूप से फूलों के स्वर्ग में बदल जाना, इसकी अनूठी वनस्पतियाँ, दुर्लभ प्रजातियाँ और जीवंत मानसूनी फूल इसे महाराष्ट्र के सबसे विशिष्ट आकर्षणों में से एक बनाते हैं। प्रकृति में कुछ सार्थक पल बिताने की चाह रखने वालों के लिए, कास पठार (Kaas Plateau) एक शानदार और फ्रेशनेस लाने वाला विकल्प है।
कास पठार कहाँ है?
कास पठार के नाम से भी जाना जाने वाला यह स्थल महाराष्ट्र के सतारा के पास सह्याद्रि पर्वतमाला में स्थित है। यह पठार पुणे से लगभग 140 किमी और मुंबई से 273 किमी दूर स्थित है, और ऑफबीट यात्रा में रुचि रखने वालों के लिए एक बेहतरीन रोड ट्रिप गंतव्य है।
कास पठार की क्या खासियत है?
कास पठार की खासियत इसकी पुष्प विविधता है। जी हाँ, कास पठार एक वनस्पति चमत्कार है, जहाँ 850 से ज़्यादा फूलों वाले पौधों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से कई दुर्लभ और इस क्षेत्र में स्थानिक हैं। मानसून के दौरान, यह पठार एक ऐसा नज़ारा है जिसे आप कभी नहीं भूलेंगे। यह पठार गुलाबी, बैंगनी, पीले और सफ़ेद फूलों के जीवंत कालीन में बदल जाता है।
कास पठार की नेचुरल ब्यूटी है देखने लायक
मानसून के दौरान कास पठार फूलों की दुनिया में तब्दील हो जाता है, जहाँ जंगली फूल गुलाबी, बैंगनी, पीले और सफेद रंगों से परिदृश्य को रंग देते हैं। यह मनमोहक दृश्य लगभग अलौकिक सा लगता है, जो प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों को अपनी ओर आकर्षित करता है। लुढ़कती पहाड़ियाँ, धुंध भरी हवा और जीवंत फूल एक शांत और मनोरम वातावरण का निर्माण करते हैं। फूलों के अलावा, पठार के मनोरम दृश्य और शांत वातावरण शहरी जीवन से एक शांतिपूर्ण विश्राम प्रदान करते हैं।
कास पठार घूमने का सबसे अच्छा समय
कास पठार घूमने का सबसे अच्छा समय अगस्त के अंत से अक्टूबर की शुरुआत तक मानसून के मौसम में है, जब इसके जंगली फूल पूरी तरह खिले होते हैं। पठार रंगों से सराबोर हो जाता है, और धुंध भरा मौसम जादुई माहौल को और भी बढ़ा देता है। यह समय ट्रेकिंग और फ़ोटोग्राफ़ी के लिए आदर्श है, क्योंकि ठंडी जलवायु और हरी-भरी हरियाली एक शांत वातावरण बनाती है। आगंतुकों को सलाह दी जाती है कि वे पहले से योजना बनाएँ क्योंकि प्रवेश नियमन के अधीन है, और सप्ताह के दिनों में एक शांत अनुभव मिलता है।
कास पठार कैसे पहुँचें?
कास पठार की दुरी पुणे से 140 किमी और मुंबई से 273 किमी है। यह सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, और यात्रा के दौरान सह्याद्रि पर्वतमाला के मनोरम दृश्य दिखाई देते हैं, जो यात्रा के अनुभव को और भी बेहतर बनाते हैं। कास झील और थोसेघर झरनों जैसे आकर्षणों से इसकी निकटता इसे इस क्षेत्र की खोज के लिए एक आदर्श स्थान बनाती है।
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