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Navratri 2025: कामाख्या देवी के दर्शन को जा रहे हैं तो इन 5 जगहों को भी लिस्ट में कर लें शामिल

नदी के किनारे स्थित मंदिरों से लेकर चाय के बागानों और वन्यजीव अभयारण्यों तक, असम प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धि का खजाना है।
09:55 PM Sep 27, 2025 IST | Preeti Mishra
नदी के किनारे स्थित मंदिरों से लेकर चाय के बागानों और वन्यजीव अभयारण्यों तक, असम प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धि का खजाना है।

Navratri 2025: असम स्थित कामाख्या देवी मंदिर भारत के सबसे पवित्र शक्तिपीठों में से एक है, जो हर साल लाखों भक्तों और आध्यात्मिक साधकों को आकर्षित करता है। गुवाहाटी में नीलाचल पहाड़ियों की चोटी पर स्थित यह प्राचीन मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा और रहस्यवाद का केंद्र भी है। अगर आप कामाख्या देवी की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो असम (Navratri 2025) की और भी खासियतों को क्यों न जानें?

नदी के किनारे स्थित मंदिरों से लेकर चाय के बागानों और वन्यजीव अभयारण्यों तक, असम (Navratri 2025) प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धि का खजाना है। यहाँ 5 ऐसी जगहें हैं जिन्हें आपको अपनी यात्रा योजना में ज़रूर शामिल करना चाहिए।

उमानंद मंदिर - ब्रह्मपुत्र पर भक्ति का द्वीप

ब्रह्मपुत्र नदी के बीचों-बीच मयूर द्वीप पर स्थित, उमानंद मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसे दुनिया का सबसे छोटा बसा हुआ नदी द्वीप माना जाता है और यह एक शांत और आध्यात्मिक वातावरण प्रदान करता है।

क्यों जाएँ:

- ब्रह्मपुत्र पर मनोरम नौका विहार
- समृद्ध पौराणिक महत्व
- गुवाहाटी शहर के मनोरम दृश्य

असम राज्य संग्रहालय - असम के इतिहास और संस्कृति में गोता लगाएँ

कामाख्या मंदिर से कुछ ही दूरी पर असम राज्य संग्रहालय है, जहाँ आप मूर्तियों, पांडुलिपियों, वेशभूषा, आदिवासी कला और हथियारों के माध्यम से राज्य के गौरवशाली अतीत को देख सकते हैं।

यहाँ क्यों जाएँ:

- असम की अनूठी सांस्कृतिक पहचान को समझें
- प्राचीन राज्यों, जनजातियों और शिल्पकला के बारे में जानें
- इतिहास और संस्कृति प्रेमियों के लिए आदर्श

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान - यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल

अगर आपकी यात्रा गुवाहाटी से आगे भी जारी है, तो एक सींग वाले गैंडे का घर, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, ज़रूर देखें। कामाख्या से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित, यह वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है।

यहां क्यों जाएँ:

- जीप और हाथी सफ़ारी
- गैंडे, हाथी, बाघ और पक्षियों को देखना
- हरे-भरे प्राकृतिक सौंदर्य और आर्द्रभूमि

हाजो - सद्भाव का शहर

हाजो गुवाहाटी से लगभग 24 किमी दूर एक प्राचीन तीर्थस्थल है और हिंदुओं, बौद्धों और मुसलमानों, सभी के लिए धार्मिक महत्व रखता है।

यहां के प्रमुख आकर्षण:

- हयग्रीव माधव मंदिर (हिंदू और बौद्ध पूजा स्थल)
- पोवा मक्का मस्जिद (मुस्लिम तीर्थस्थल)
- समृद्ध अंतर्धार्मिक इतिहास और वास्तुकला

श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र - असम का एक सांस्कृतिक केंद्र

अगर आप असम की आधुनिक संस्कृति और विरासत का अनुभव करना चाहते हैं, तो श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र एक आदर्श स्थान है। यह सांस्कृतिक परिसर असमिया नृत्य, कला, रंगमंच और पारंपरिक जीवनशैली का प्रदर्शन करता है।

यहां क्यों जाएँ:

- नृवंशविज्ञान संग्रहालय, खुला रंगमंच, शिल्प ग्राम
- संत-सुधारक श्रीमंत शंकरदेव के नाम पर
- परिवारों और संस्कृति प्रेमियों के लिए बेहतरीन

कामाख्या मंदिर के दर्शनार्थियों के लिए ट्रेवल टिप्स

कामाख्या मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच या जून में प्रसिद्ध अंबुबाची मेले के दौरान है। आस-पास के दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए गुवाहाटी में 2-3 दिन रुकें। स्थानीय असमिया व्यंजन जैसे मछली करी, बांस के अंकुर से बने व्यंजन और पीठा ज़रूर आज़माएँ।

यह भी पढ़ें: World Tourism Day 2025: उत्तराखंड से केरल तक, भारत में पर्यटन कैसे जोड़ता है संस्कृति और अर्थव्यवस्था

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