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Dussehra 2025: दशहरा के दिन यहां होते हैं अनोखे उत्सव, घूमें भारत में पाँच जगहें

दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है।
03:47 PM Oct 01, 2025 IST | Preeti Mishra
दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है।

Dussehra 2025: दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष दशहरा गुरुवार, 2 अक्टूबर (Dussehra 2025) को मनाया जाएगा। भारत के हर कोने में इस त्योहार को मनाने का अपना अलग तरीका है, लेकिन कुछ जगहें अपनी अनूठी परंपराओं, विशाल समारोहों और अविस्मरणीय समारोहों के लिए खास हैं।

इस आर्टिकल में दशहरा 2025 (Dussehra 2025) पर भारत की पाँच ऐसी जगहों के बारे में बताया गया है जहां यह त्योहार बेजोड़ उत्साह और भव्यता के साथ मनाया जाता है। आइए डालते हैं एक नजर।

मैसूर, कर्नाटक - भव्य मैसूर दशहरा

भारत के सबसे प्रतिष्ठित दशहरा समारोहों में से एक, मैसूर दशहरा एक शाही आयोजन है जो चार शताब्दियों से भी अधिक समय से मनाया जाता रहा है। मैसूर महल लगभग 1,00,000 दीपों से जगमगाता है, जो एक जादुई दृश्य प्रस्तुत करता है। इसका मुख्य आकर्षण जंबो सवारी है, जो सजे-धजे हाथियों, पारंपरिक संगीत, लोक नृत्यों और झांकियों वाला एक भव्य जुलूस है।

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कुल्लू, हिमाचल प्रदेश - अंतर्राष्ट्रीय दशहरा

अंतर्राष्ट्रीय उत्सव घोषित, कुल्लू दशहरा अद्वितीय है क्योंकि यह विजयादशमी से शुरू होता है, जबकि भारत के अन्य हिस्सों में यह उत्सव उसी दिन समाप्त होता है। ढालपुर मैदान में मनाया जाने वाला यह उत्सव, भगवान रघुनाथ के सम्मान में 200 से अधिक स्थानीय देवताओं की रंगीन शोभायात्राओं में ले जाया जाता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोक नृत्य और वैश्विक भागीदारी इस उत्सव को विशिष्ट बनाते हैं।

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वाराणसी, उत्तर प्रदेश - प्रतिष्ठित रामनगर रामलीला

वाराणसी में, दशहरा विश्व प्रसिद्ध रामनगर रामलीला के साथ मनाया जाता है, जो रामायण का 200 साल पुराना नाट्य मंचन है। लगभग एक महीने तक चलने वाला यह उत्सव विजयादशमी पर रावण के पुतले के भव्य दहन के साथ समाप्त होता है। वेशभूषा, संवादों और पारंपरिक परिवेश की प्रामाणिकता इस उत्सव को भक्ति और विरासत का एक अनूठा मिश्रण बनाती है।

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कोटा, राजस्थान - रंगारंग दशहरा मेला

कोटा दशहरा मेला आध्यात्मिकता और उत्सव का मिश्रण है। इसका मुख्य आकर्षण रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के विशाल पुतलों का दहन है, जो 75 फीट तक ऊँचे होते हैं। यह मेला हज़ारों लोगों को आकर्षित करता है, जिसमें हस्तशिल्प, सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्थानीय व्यंजन शामिल होते हैं। जीवंत राजस्थानी माहौल इस उत्सव के आकर्षण को और बढ़ा देता है।

यहां क्यों जाएँ: भक्ति, स्थानीय संस्कृति और दशहरा के भव्य उत्सव जैसे उत्सव का आनंद लेने के लिए।

बस्तर, छत्तीसगढ़ - दुनिया का सबसे लंबा दशहरा

भारत के अन्य हिस्सों के विपरीत, बस्तर दशहरा रामायण से जुड़ा नहीं, बल्कि स्थानीय देवी, माँ दंतेश्वरी की पूजा से जुड़ा है। 75 दिनों तक चलने वाला यह दशहरा दुनिया का सबसे लंबा दशहरा उत्सव माना जाता है। इस उत्सव में आदिवासी रीति-रिवाज, लोक नृत्य और अनूठी सांस्कृतिक परंपराएँ शामिल होती हैं जो छत्तीसगढ़ के आदिवासी समुदायों की समृद्ध विरासत को दर्शाती हैं।

यहां क्यों जाएँ: आदिवासी परंपराओं में निहित दशहरे के एक अनोखे, गहन आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध संस्करण का आनंद लेने के लिए।

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