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अफरा-तफरी का माहौल! चलती ट्रेन से मंत्रीजी हो गए गायब, सुरक्षाकर्मी हुए चिंतित, फिर क्या हुआ?

शुगर लेवल कम होने पर मंत्री ट्रेन से उतरे, चढ़ते समय फिसले, हादसे के बाद मची अफरा-तफरी
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union minister jewel oraon: मध्य प्रदेश के जबलपुर में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल उरांव के साथ एक अजीब घटना घटी। देर रात दमोह रेलवे स्टेशन पर गोंडवाना एक्सप्रेस में चढ़ते वक्त उनका पैर फिसल गया, जिससे वे ट्रेन में सवार नहीं हो सके। इस घटना के बाद रेलवे स्टाफ और उनके सुरक्षाकर्मियों में हड़कंप मच गया। (union minister jewel oraon)करीब रात 3:30 बजे मंत्री उरांव ट्रेन पकड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन ट्रेन के रवाना होने से पहले वे गिर पड़े। इसके बाद उनकी तलाश शुरू की गई।

जानिए फिर क्या हुआ?

सिहोरा में RPF पोस्ट प्रभारी राजीव खरब ने बताया कि केंद्रीय मंत्री शनिवार, 3 अप्रैल को दिल्ली से गोंडवाना एक्सप्रेस में सवार हुए थे। रविवार, 4 अप्रैल की सुबह करीब 3:45 बजे मध्यप्रदेश के दमोह स्टेशन पर गाड़ी रुकी। इसी दौरान उनका शुगर लेवल कम हो गया और वे कुछ खाने के ट्रेन से नीचे उतर गए। तभी गाड़ी चल दी। मंत्री जी ने चढ़ने की कोशिश की, लेकिन उनका पैर फिसल गया और वे नीचे गिर गए। गनीमत रही कि वे प्लेटफॉर्म पर ही गिरे। अभी तक इसकी भनक उनके स्टाफ को नहीं लगी थी। अधिकारी ने बताया कि गोंडवाना एक्सप्रेस निकल गई और दूसरे प्लेटफॉर्म पर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस आ गई। इसी ट्रेन में केंद्रीय मंत्री उरांव बैठ गए. जब उनके स्टाफ ने गोंडवाना एक्सप्रेस में उनकी बर्थ खाली पाई तो अफरातफरी मच गई।

RPF अधिकारी ने बताया कि जैसे ही इस मामले की सूचना मिली तो स्टाफ को अलर्ट कर दिया. करीब 3 घंटे तक ट्रेन और ट्रैक पर सर्च अभियान चलाया। इसके बाद वे सुबह करीब 7 बजे सिहोरा स्टेशन (जबलपुर) पर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के कोच B3 में मिले। उनके हाथ-पैर में चोट लगी हुई है। प्राथमिक उपचार देकर उन्हें जबलपुर लाया गया।

मंत्री उरांव ने की अपील

मंत्री उरांव ने खुद हादसे को लेकर बयान देते हुए कहा घबराने की कोई बात नहीं है। केवल मामूली चोटें आई हैं और अब सब कुछ ठीक है। उन्होंने लोगों से अपील की कि अफवाहों पर ध्यान न दें और उन्हें पूरी तरह स्वस्थ बताया।
यह घटना रेलवे स्टेशन पर यात्रियों और सुरक्षा कर्मचारियों के लिए एक चेतावनी की तरह है कि प्लेटफॉर्म पर सतर्कता और सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है, विशेषकर रात के समय। वहीं, मंत्री के कुशलता से जबलपुर पहुंचने पर उनके समर्थकों और प्रशासन ने राहत की सांस ली।

कौन है जुएल उरांव?

ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में जन्मे उरांव एक बेहद गरीब आदिवासी परिवार से आते हैं। उनका राजनीतिक जीवन साल 1989 से शुरु हुआ। वे BJP में शामिल हुए और 1990 में बोनाई विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बने। इसके बाद पहली बार उन्होंने 1998 में उरांव सुंदरगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता और तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें 1999 में केंद्रीय जनजातीय मामलों का मंत्री बनाया। PM मोदी की पहली कैबिनेट में भी (2014-19) उरांव को जनजातीय मामलों का मंत्री बनाया गया था। लेकिन उनके बाद अर्जुन मुंडा ने कार्यभार संभाला था। हालांकि, मोदी सरकार के 3.0 केंद्रीय मंत्रिमंडल में उन्हें फिर जनजातीय मामलों का मंत्री बनाया गया।

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