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Waqf Act: वक्फ संशोधन एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई... आज क्या हुआ?

वक्फ संशोधन एक्ट पर गुरुवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान क्या दलील दी गईं? जानिए
08:53 PM May 22, 2025 IST | Vivek Chaturvedi
वक्फ संशोधन एक्ट पर गुरुवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान क्या दलील दी गईं? जानिए

Supreme Court On Waqf Act: वक्फ संशोधन एक्ट 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को भी सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से दलील दी गई कि वक्फ सिर्फ दान है, यह इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। (Supreme Court On Waqf Act) सरकार की इस दलील का मुस्लिम पक्ष के वकील ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि वक्फ केवल किसी समुदाय के लिए दान की बात नहीं। बल्कि ईश्वर के लिए समर्पण है, जिसका उद्देश्य आत्मिक लाभ है। सु्प्रीम कोर्ट में वक्फ एक्ट को लेकर क्या-क्या तर्क दिए गए? जानिए...

वक्फ एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

वक्फ संशोधन एक्ट 2025 पर गुरुवार को भी सुनवाई जारी रही। इस दौरान सरकार की ओर से वक्फ प्रॉपर्टी को लेकर कई तर्क दिए गए। जिनका मुस्लिम पक्ष के वकील कपिल सिब्बल ने विरोध किया। सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि इस्लाम के मूल सिद्धांतों के मुताबिक वक्फ ईश्वर के प्रति समर्पण करना है। मुस्लिम पक्ष की ओर से कपिल सिब्बल की दलील पर सीजेआई ने कहा कि दान हर धर्म का मूल तत्व होता है। सभी धर्मों में ईश्वर या समाज के लिए दान करने की परंपरा रही है।

वक्फ संपत्ति पंजीयन राज्यों की जिम्मेदारी

सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की ओर से वक्फ प्रबंधन समिति में गैर मुस्लिमों को शामिल करने के प्रावधान पर भी बात रखी। कपिल सिब्बल ने कहा कि हिंदू धार्मिक संस्थानों की व्यवस्था में गैर हिंदुओं को शामिल नहीं किया जाता। हिंदू धार्मिक न्यास में गैर हिंदू नहीं होते। जबकि वक्फ बोर्ड में चार गैर मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान किया गया है। जबकि इसमें एक ही काफी होता है। सिब्बल ने वक्फ प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन को लेकर कहा कि इसे पंजीकृत करने की जिम्मेदारी राज्यों पर थी। मगर 1913 से 2013 तक सिर्फ एक राज्य ने ही सर्वे पूरा किया। इसमें किसकी गलती है?

'रजिस्ट्रेशन हुआ होता तो ऐसा नहीं होता'

वक्फ संशोधन एक्ट पर मुस्लिम पक्ष की दलील सुनने के बाद सीजेआई ने कहा कि अगर 1923 एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन हुआ होता तो ऐसा नहीं होता। जस्टिस मसीह ने पूछा कि मतलब यह है कि किसी संपत्ति पर विवाद हुआ तो जांच शुरू होने से नतीजा आने तक संपत्ति वक्फ की नहीं रहेगी। कपिल सिब्बल ने इस बात पर सहमति जताई और कहा कि इसकी जांच की जिम्मेदारी भी कलेक्टर को दी गई है। ऐसे में कलेक्टर का जो भी फैसला होगा, उसके आधार पर संपत्ति का फैसला होगा।

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