Waqf Act: वक्फ संशोधन एक्ट पर सुनवाई...सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?
Supreme Court On Waqf Act: वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की। (Supreme Court On Waqf Act) अदालत की ओऱ से कहा गया कि संसद की ओर से पारित कानून संवैधानिक माने जाते हैं। ऐसे में जब तक कोई स्पष्ट या गंभीर समस्या ना हो, अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकतीं। सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून पर सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ? जानिए...
SC में वक्फ एक्ट पर सुनवाई
वक्फ संशोधन कानून पर बहस जारी है। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट से वक्फ एक्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई तीन मुद्दों तक ही सीमित रखने का अनुरोध किया गया। जिस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने आपत्ति जताई। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अपना पक्ष रखा और कहा कि इतने महत्वपूर्ण कानून पर टुकड़ों में सुनवाई नहीं हो सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि संसद की ओर से पारित कानून संवैधानिक माने जाते हैं। ऐसे में जब तक कोई स्पष्ट और गंभीर समस्या ना हो, तब तक अदालत हस्तक्षेप नहीं कर सकती। इससे पहले याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि इस कानून का मकसद वक्फ संपत्ति को जब्त करना है। 2025 का कानून पुराने कानून से बिल्कुल अलग है। मंदिरों में चढ़ावा आता है, मगर मस्जिदों में नहीं। यही वक्फ बाय यूजर है।
कपिल सिब्बल की क्या दलील?
वक्फ एक्ट पर सुनवाई के दौरान अदालत की ओर से याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से पूछा गया कि क्या पुराने कानून में वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन का प्रावधान अनिवार्य था? इस पर अधिवक्ता की ओर से बताया गया कि पुराने अधिनियम में Shall शब्द का इस्तेमाल किया गया था। इस पर अदालत ने कहा कि सिर्फ इस शब्द से पंजीयन अनिवार्य नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट ने सिब्बल की दलील सुनने के बाद कहा कि हम आपकी इस दलील को दर्ज करेंगे कि पुराने अधिनियम के तहत पंजीकरण की आवश्यकता थी। मगर ऐसा नहीं करने पर क्या होगा? इसका कोई प्रावधान नहीं था।
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