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देश के विकासपुरूष के 11 साल...कैसे जनता का दिल जीतने में कामयाब रहे PM मोदी?

PM Modi 11 Years: 9 जून 2025 को नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार ने केंद्र में एक वर्ष पूर्ण कर लिया है, और बतौर प्रधानमंत्री उन्होंने 11 साल का शानदार सफर तय किया है। इस दौरान मोदी सरकार ने कई...
12:24 PM Jun 09, 2025 IST | Avdesh
PM Modi 11 Years: 9 जून 2025 को नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार ने केंद्र में एक वर्ष पूर्ण कर लिया है, और बतौर प्रधानमंत्री उन्होंने 11 साल का शानदार सफर तय किया है। इस दौरान मोदी सरकार ने कई...

PM Modi 11 Years: 9 जून 2025 को नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार ने केंद्र में एक वर्ष पूर्ण कर लिया है, और बतौर प्रधानमंत्री उन्होंने 11 साल का शानदार सफर तय किया है। इस दौरान मोदी सरकार ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए, जो भारतीय राजनीति में मील का पत्थर साबित हुए।

2014 में नरेंद्र मोदी के रूप में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को एक करिश्माई नेता मिला, जिसके इर्द-गिर्द नारे गढ़े गए और चुनावी रणनीति तैयार की गई। 'मोदी लहर' ने बीजेपी को लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता दिलाई और कई राज्यों में विजय का परचम लहराया। आज नरेंद्र मोदी न केवल भारत, बल्कि वैश्विक मंच पर एक ताकतवर नेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं।

'ब्रांड मोदी' का अभूतपूर्व उभार कैसे हुआ?

2014 के लोकसभा चुनाव से पहले ही 'ब्रांड मोदी' ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी धमक दिखाई थी। पिछले 11 वर्षों में सोशल मीडिया से लेकर वैश्विक मंचों तक, हर जगह मोदी छाए रहे। उनकी वेशभूषा, वाकपटुता और वैश्विक नेताओं से दोस्ती की कला ने उन्हें विशिष्ट बनाया। फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर उनके लाखों फॉलोअर्स इसकी गवाही देते हैं। टीवी, रेडियो और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उनकी उपस्थिति ने 'ब्रांड मोदी' को और मजबूत किया।

मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने लगातार तीन बार केंद्र की सत्ता हासिल की, जो उनकी अपार लोकप्रियता और विश्वसनीयता का प्रतीक है। आज उनका सियासी कद इतना विशाल है कि अन्य नेता उनके सामने छोटे नजर आते हैं। उन्होंने शक्तिशाली नेतृत्व, भ्रष्टाचार-मुक्त शासन, सामाजिक समावेश और राष्ट्रवाद के प्रतीक के रूप में अपनी छवि बनाई है।

बीजेपी की जीत का आधार: मोदी के नाम और काम

बीजेपी ने मोदी के नाम और उनके कार्यों को केंद्र में रखकर हर चुनावी समर में जीत हासिल की। नोटबंदी, जीएसटी, राफेल जैसे मुद्दों पर विपक्ष ने उन्हें घेरने की कोशिश की, लेकिन ये प्रयास नाकाम रहे और उल्टे विपक्ष के लिए नुकसानदायक साबित हुए। सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, उज्जवला योजना, जनधन योजना, जीएसटी और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे कदम बीजेपी के चुनावी मुद्दे बने। बीजेपी के प्रचार अभियानों में, चाहे पोस्टर हों, होर्डिंग्स हों या सोशल मीडिया, हर जगह सिर्फ मोदी ही छाए रहे।

7 मई 2025 को शुरू हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। इस ऑपरेशन ने पहलगाम हमले का जवाब देते हुए मोदी की निर्णायक और साहसी छवि को और मजबूत किया। बीजेपी इसे अपनी सियासी उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है, जिसका लाभ भविष्य के चुनावों में मिलने की संभावना है। मोदी के नारे जैसे 'सबका साथ, सबका विकास', 'अबकी बार मोदी सरकार', 'मैं हूं चौकीदार' और 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा' जनता की जुबान पर चढ़ गए।

गरीब कल्याण और जनकल्याणकारी योजनाएं

मोदी सरकार ने गरीबों और मध्यम वर्ग को ध्यान में रखकर कई जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं। आयुष्मान भारत, उज्जवला योजना, जनधन खाते, मुफ्त राशन, पेंशन योजनाएं और शौचालय निर्माण जैसी पहल ने गरीबों के बीच मोदी को मसीहा की छवि दी। इन योजनाओं को लागू करने में टेक्नोलॉजी का प्रभावी उपयोग हुआ, जिससे योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंचा। इन प्रयासों ने बीजेपी को एक व्यापक जनाधार प्रदान किया और पार्टी को सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत आधार दिया।

हिंदुत्व को नई सियासी ताकत

मोदी के नेतृत्व में हिंदुत्व को नई सियासी धार मिली। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनकी 'हिंदू हृदय सम्राट' की छवि बनी, जो प्रधानमंत्री बनने के बाद और मजबूत हुई। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल लोक, राम मंदिर, केदारनाथ धाम और कामाख्या मंदिर जैसे प्रोजेक्ट्स ने धार्मिक भावनाओं को बल दिया और पर्यटन को बढ़ावा दिया।

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और उद्घाटन बीजेपी के कोर एजेंडे का हिस्सा रहा, जिसने हिंदुत्व को नया आयाम दिया।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना और ट्रिपल तलाक पर रोक जैसे कदमों ने भी मोदी सरकार की हिंदुत्व नीति को मजबूती दी। यूनिफॉर्म सिविल कोड की दिशा में भी सरकार धीरे-धीरे कदम बढ़ा रही है। ये सभी कदम बीजेपी के वैचारिक आधार को मजबूत करने वाले साबित हुए।

सामाजिक समीकरण और सोशल इंजीनियरिंग

मोदी ने न केवल हिंदुत्व, बल्कि सामाजिक समीकरणों को साधने में भी महारत हासिल की। एक समय ब्राह्मण-बनिया आधारित मानी जाने वाली बीजेपी ने ओबीसी, दलित और आदिवासी समुदायों तक अपनी पहुंच बढ़ाई। हाल ही में जातिगत जनगणना का फैसला इस दिशा में एक और कदम है। इसके अलावा, पसमांदा और बोहरा मुस्लिम समुदायों को जोड़ने की रणनीति ने बीजेपी के सामाजिक आधार को और विस्तार दिया।

मोदी की सोशल इंजीनियरिंग की मिसाल हरियाणा में गैर-जाट, महाराष्ट्र में गैर-मराठा और झारखंड में गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री बनाना है। यह उनकी दूरदर्शिता और राजनीतिक सूझबूझ को दर्शाता है।

राष्ट्रवाद और विदेश नीति ने बदली दिशा

मोदी ने राष्ट्रवाद को सियासी हथियार बनाया और विदेश नीति में भारत की स्थिति को मजबूत किया। डोकलाम और गलवान में चीन को जवाब, पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल और एयर स्ट्राइक, और ऑपरेशन सिंदूर जैसे कदमों ने भारत की सैन्य ताकत को प्रदर्शित किया। नक्सलवाद और कश्मीर में आतंकवाद को कम करने में भी उनकी सरकार ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की।

बीजेपी का विस्तार: 70% भारत पर कब्जा

मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने बीजेपी को देश के 70% हिस्से में स्थापित किया। वर्तमान में 21 राज्यों में बीजेपी की सरकार है, जिनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, असम, ओडिशा और अन्य शामिल हैं। कई राज्यों में बीजेपी सहयोगी दलों के साथ सत्ता में है। इसके अलावा, बीजेपी दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी है।

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