पाकिस्तान को हर बार मात! पुरानी जंगों में इंडियन आर्मी के सामने कितनी देर टिक पाया था पाकिस्तान?
Pahalgam Terrorist attack: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। पहलगाम आतंकी हमले के आका पाकिस्तान को डर सता रहा है कि भारत उसपर बड़ी सैन्य कार्रवाई कर सकता है। भारत की ओर से सिंधु जल संधि की समीक्षा, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने और पाक कलाकारों के अकाउंट्स बंद करने जैसे कड़े कदम उठाए गए हैं. इस बीच सवाल उठ रहा है क्या भारत और पाकिस्तान एक और युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं? (Pahalgam Terrorist attack) हालांकि, अगर ऐसा हुआ, तो यह पहली बार नहीं होगा, इससे पहले भी चार में युद्ध में भारत पाकिस्तान को पछाड़ चुका है. इसके साथ ही यह भी जानते हैं कि किस युद्ध में पाकिस्तान ने कितने दिनों बाद भारत के आगे अपने घुटने टेक दिए थे...
1947 का युद्ध
इस युद्ध को प्रथम कश्मीर युद्ध कहा जाता है। इसकी शुरुआत अक्टूबर 1947 में हुई और इसका परिणाम जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय था। पाकिस्तान को डर था कि महाराजा हरि सिंह भारत में शामिल हो जाएंगे। अंग्रेजों द्वारा किये गये विभाजन के बाद ही रियासतों को तीन विकल्प दिये गये थे। जिनमें भारत में शामिल होना,पाकिस्तान में शामिल हो जाओ, स्वतंत्र रहें।जम्मू-कश्मीर में बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी थी और बड़ी संख्या में हिंदू भी थे।
कबायली इस्लामी सेनाएं मिलीं और पाकिस्तान की सेना में शामिल हो गईं और रियासत के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया। इससे महाराजा हरि सिंह के पास भारत में शामिल होने और सैन्य सहायता प्राप्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। । 1 जनवरी, 1949 को 23:59 बजे युद्धविराम की घोषणा की गई। भारत के पास जम्मू और कश्मीर के दो-तिहाई हिस्से पर नियंत्रण था, जबकि पाकिस्तान ने गिलगित बाल्टिस्तान और आजाद कश्मीर पर कब्जा कर लिया था। भारत इसे पाक अधिकृत कश्मीर कहता है।
1965 का युद्ध
-इसमें 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की यादें थीं, जिसने शायद पाकिस्तान को इस हद तक परेशान कर दिया था कि उसने फिर से कश्मीर में घुसपैठ करने की कोशिश की। युद्ध पाकिस्तान के ऑपरेशन जिब्राल्टर के बाद शुरू हुआ, जहां पड़ोसी देशों की सेनाओं ने भारत सरकार शासित क्षेत्रों में घुसने और विद्रोह भड़काने की कोशिश की।भारत ने उसी समय पश्चिमी पाकिस्तान के खिलाफ पूरे पैमाने पर सैन्य प्रतिक्रिया शुरू की।
युद्ध 17 दिनों तक लड़ा गया और दोनों पक्षों के हजारों लोग मारे गए और घायल हुए। यह युद्ध द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़े टैंकों का भी गवाह था। इसमें सोवियत संघ और अमेरिका को हस्तक्षेप करना पड़ा और युद्धविराम की घोषणा कर दी गयी। इस युद्ध में भारत का पलड़ा भारी था, क्योंकि पाकिस्तान ने विद्रोह कराया था।
1971 का युद्ध...बांग्लादेश मुक्ति संग्राम
बांग्लादेश पहले पूर्वी पाकिस्तान था। यह संकट शेख मुजीबुर रहमान और याह्या खान तथा जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच राजनीतिक लड़ाई के कारण उत्पन्न हुआ। इसके बाद पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच युद्ध की घोषणा हो गई और बांग्लादेश पाकिस्तान से आजादी चाहता था। भारत ने बांग्लादेश मुक्ति आंदोलन में हस्तक्षेप किया और पाकिस्तान ने भारत पर एहतियाती हमला करने की गलती की।
यही वह समय था, जब भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से युद्ध शुरू हुआ। भारतीय सेना ने पाकिस्तान की करीब 15000 वर्ग किलोमीटर तक की जमीन पर कब्जा कर लिया था। पाकिस्तान के कश्मीर, पाकिस्तानी पंजाब और सिंध क्षेत्रों में प्राप्त यह भूमि बाद में शिमला समझौते में पाकिस्तान को वापस उपहार में दे दी गई।
1999 का युद्ध.... कारगिल युद्ध
इसे आमतौर पर कारगिल युद्ध के नाम से जाना जाता है। पाकिस्तानी सैनिकों ने नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ की और कश्मीर के कारगिल जिले में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। भारत ने न सिर्फ सैन्य जवाब दिया, बल्कि कूटनीतिक तौर पर भी पाकिस्तान के पीछे पड़ गया था। सपैठ के दो महीने के भीतर ही उनके कब्जे वाली चोटियों को भारत ने वापस ले लिया। बड़े पैमाने पर सैन्य वृद्धि का डर था, जिसके बाद अमेरिका को पाकिस्तान पर पीछे हटने के लिए दबाव डालने के लिए मजबूर होना पड़ा।
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