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जंग नहीं, लेकिन तबाही जारी! भारत की चाल से रोज फुंक रहे पाकिस्तान के 4 अरब, बचने की राह नहीं!

भारत के मास्टरस्ट्रोक से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था हर रोज 4 अरब रुपये खो रही, पहलगाम हमला हालात को और बिगाड़े...
03:06 PM May 06, 2025 IST | Rajesh Singhal

Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तान ने पहलगाम में आतंकी हमला कराकर बड़ा खतरा मोल लिया है। इंडिया ने इस हमले के जवाब में जो कदम उठाए हैं, उससे पाकिस्तान का संकट हर दिन गहराता जा रहा है। भारत की आर्थिक और कूटनीतिक स्ट्रेटेजी रंग लाती दिख रही है। भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंध पूरी तरह से तोड़ दिया है। (Pahalgam Terror Attack)पाकिस्तान आनेजाने पर रोक लगा दी है। सिंधु नदी समझौता रद्द कर दिया है। इससे एक तरफ पाकिस्तान आर्थिक संकट में घिरता जा रहा है तो दूसरी तरफ दुनियाभर में उसकी पहचान आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले देश के रूप में बन रही है। वहीं पाकिस्तान की युद्ध को लेकर दी जा रही गीदड़भभकियों पर भारत के पलटवार और सीमा पर सख्त तैयारी ने पाकिस्तान के लिए कंगाली में आटा गीला करने का काम किया है।

भारत ने पाक को FATF की ग्रे लिस्ट में डालने की मांग उठाई

इसके अलावा भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में फिर से शामिल करवाने की मुहिम भी तेज कर दी गई है। FATF की सूची में नाम जुड़ने का मतलब होता है कि संबंधित देश को आर्थिक मदद मिलने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। भारत का तर्क है कि पाकिस्तान में आतंकी नेटवर्कों को लगातार शह मिल रही है, इसलिए उस पर आर्थिक सख्ती ज़रूरी है।

 

बढ़ते तनाव से PAK को होगा तगड़ा नुकसान

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस स्थिति के आर्थिक असर की भी समीक्षा की जा रही है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। इसकी वजह है कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध काफी सीमित हैं। भारत के कुल निर्यात में पाकिस्तान की हिस्सेदारी 0.5% से भी कम है। इसके उलट पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ सकता है।

सरकार का कुल कर्ज (FRDLA) 67,034 बिलियन रुपये

पाकिस्तान की मौजूदा जीडीपी 350 बिलियन डॉलर के आसपास है। जबकि पाकिस्तान स्टेट बैंक के आंकड़े बताते हैं कि पाकिस्तान का ग्रॉस पब्लिक डेट उसके जीडीपी का 67.5 प्रतिशत, सरकार पर कुल कर्ज 61.6 प्रतिशत, कुल बाहरी कर्ज और देनदारी 34.5 प्रतिशत और सरकारी घरेलू कर्ज 44.7 प्रतिशत है। पाकिस्तान स्टेट बैंक के आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (दिसंबर 2024) में पड़ोसी देश की सरकार पर कुल घरेलू कर्ज 49,883 बिलियन रुपये, बाहरी कर्ज 21,764 बिलियन रुपये, आईएमएफ का कर्ज 2,366 बिलियन रुपये है। कुल मिलाकर कहें तो पाकिस्तान पर दिसंबर 2024 तिमाही में ग्रॉस पब्लिक डेट 74,013 बिलियन रुपये, सरकार का कुल कर्ज (FRDLA) 67,034 बिलियन रुपये और कुल बाहरी कर्ज और देनदारी 36,512 बिलियन रुपये था।

युद्ध में रोजाना 500 मिलियन डॉलर से 1 बिलियन डॉलर का खर्च

पाकिस्तान की मौजूदा वित्तीय हालातों के बाद अगर अब एक युद्ध के दैनिक खर्च की बात करें तो ये 500 मिलियन डॉलर से 1 बिलियन डॉलर के बीच हो सकती है। किसी भी युद्ध में खर्च होने वाला पैसा, उस युद्ध में शामिल देशों, उनके हालातों और उनकी वित्तीय स्थितियों पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस को रोजाना 500 मिलियन डॉलर से लेकर 1 बिलियन डॉलर तक का खर्च उठाना पड़ा। इसी तरह, गाजा पर हमले में इजरायल को रोजाना 246 मिलियन डॉलर का खर्च उठाना पड़ा।

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