स्कैल्प और हैमर मिसाइल, आत्मघाती ड्रोन...जिन मिसाइलों ने पाकिस्तान को रुलाया...उनकी क्या है खासियत?
Operation Sindoor: भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के ठीक 15 दिन बाद पाकिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ कड़ा जवाब दिया। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया।
बता दें कि इस खास ऑपरेशन में वायुसेना ने स्कैल्प और हैमर मिसाइलों के साथ-साथ कामिकेज़ ड्रोन्स का इस्तेमाल किया। ये हथियार अपनी सटीकता और ताकत के लिए जाने जाते हैं। (Operation Sindoor) लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन हथियारों की कीमत कितनी है? आइए, आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर इन हथियारों की कीमत का क्या गणित है?
सटीक निशाना साधने में काम आती है स्कैल्प मिसाइल
स्कैल्प मिसाइल, जिसे स्टॉर्म शैडो के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसी मिसाइल है जो दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमला करने के लिए बनाई गई है। इसका वजन लगभग 1,300 किलोग्राम (करीब 2,870 पाउंड) है। यह मिसाइल खास तौर पर मजबूत बंकरों, इमारतों और अन्य महत्वपूर्ण ढांचों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन की गई है। इसे फ्रांस के राफेल और यूरोफाइटर टाइफून जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों से दागा जाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक स्कैल्प मिसाइल की कीमत करीब 10 लाख डॉलर, यानी लगभग 8.46 करोड़ रुपये है। यह मिसाइल अपनी खास तकनीक के लिए मशहूर है। इसमें एक इंफ्रारेड कैमरा लगा होता है, जो टारगेट की तस्वीर को पहले से मौजूद तस्वीरों से मिलाता है। जैसे ही तस्वीरें मेल खाती हैं, मिसाइल टारगेट को लॉक करके हमला कर देती है।
इसकी सटीकता इसे बेहद खतरनाक बनाती है। भारत के अलावा, इस मिसाइल का इस्तेमाल इराक, लीबिया और सीरिया जैसे देशों में सैन्य अभियानों में हो चुका है। यूक्रेन को भी यह मिसाइल दी गई थी।
हवा से जमीन पर प्रहार करती है हैमर मिसाइल
हैमर मिसाइल का पूरा नाम है हाइली एजाइल मॉड्यूलर म्यूनिशन एक्सटेंडेड रेंज। यह एक हवा से जमीन पर मार करने वाली सटीक मिसाइल है, जिसे फ्रांस की कंपनी सफ्रान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड डिफेंस ने बनाया है। हैमर मिसाइल अपने मॉड्यूलर डिज़ाइन के लिए जानी जाती है, जिसके कारण इसे अलग-अलग तरह के टारगेट्स पर इस्तेमाल किया जा सकता है। यह GPS, लेजर गाइडेंस और इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम की मदद से टारगेट को सटीक निशाना बनाती है।
मीडिया के अनुसार, एक हैमर मिसाइल की कीमत 3 से 5 करोड़ रुपये के बीच है। इसकी खासियत यह है कि यह तेजी से और सटीक तरीके से हमला करती है, जिससे दुश्मन को बचने का मौका नहीं मिलता। इसका इस्तेमाल विभिन्न सैन्य अभियानों में किया जाता है, और यह ऑपरेशन सिंदूर में भी अहम भूमिका निभा रही थी।
आत्मघाती होते हैं कामिकेज़ ड्रोन
कामिकेज़ ड्रोन छोटे लेकिन बेहद प्रभावी हथियार हैं। इन्हें टोही (निगरानी) और हमले के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ये ड्रोन टारगेट की निगरानी करते हैं और फिर खुद उस पर हमला करके नष्ट हो जाते हैं। इसीलिए इन्हें ‘कामिकेज़’ यानी आत्मघाती ड्रोन कहा जाता है। 2023 की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक कामिकेज़ ड्रोन की कीमत 8.46 लाख रुपये से लेकर 42.31 लाख रुपये तक हो सकती है।
ऑपरेशन सिंदूर ने तोड़ दी आतंक की कमर
ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का एक छोटा सा नजराना है। इस ऑपरेशन में स्कैल्प और हैमर मिसाइलों के साथ कामिकेज़ ड्रोन्स का इस्तेमाल दिखाता है कि भारत के पास आधुनिक और सटीक हथियार हैं। ये हथियार न केवल दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने में सक्षम हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि हमले में कोई चूक न हो।
हालांकि, इन हथियारों की कीमत काफी ज्यादा है। एक स्कैल्प मिसाइल की कीमत 8.46 करोड़ रुपये, हैमर मिसाइल की कीमत 3-5 करोड़ रुपये और कामिकेज़ ड्रोन की कीमत लाखों में है। फिर भी, ये हथियार भारत की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाते हैं। ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकियों को सबक सिखाया, बल्कि यह भी दिखाया कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
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