ऑपरेशन सिंदूर की बलि चढ़ा मसूद अजहर का कुनबा, जानें कैसे भारत ने चुकता किया 25 साल का हिसाब?
Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर में पहलगाम हमले के करीब 15 दिन बाद मंगलवार देर रात भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर में एयरस्ट्राइक (ऑपरेशन सिंदूर) कर 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। जिसमें इंडियन एयरफोर्स ने राजस्थान के खाजूवाला से करीब 100 किलोमीटर बहावलपुर में मिसाइल दागकर जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के आतंकी ठिकानों को तहस-नहस कर दिया। बताया जा रहा है कि मिसाइल स्ट्राइक में मसूद की बीवी, बहन, बच्चे और 4 करीबियों समेत 14 लोग मारे गए। (Operation Sindoor) भारत की मिसाइल स्ट्राइक के बाद मसूद अहजर ने कहना है कि 'मेरे खानदान के 10 लोगों और 4 करीबियों को आज रात एक साथ शहादत नसीब हुई। मोदी ने मासूम बच्चों, पर्दानशीं औरतों और बुजुर्गों को निशाना बनाया। न मायूसी, न खौफ है, न कोई हिचक, बल्कि बार-बार दिल में आता है कि मैं भी इन 14 के खुशनसीब काफिले में शामिल होता।'
मसूद अजहर के ठिकाने को कैसे बनाया गया निशाना?
'ऑपरेशन सिंदूर' में पिछले 3 दशकों में भारत में आतंक फैला रहे आतंकियों के 9 ठिकानों को टारगेट किया गया है। इनमें से 8 ठिकाने बॉर्डर से 9 से 30 किमी की दूरी पर थे। सिर्फ एक बहावलपुर को इंटरनेशनल बॉर्डर से 100 किमी दूर होने के बावजूद चुना गया। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बसा बहावलपुर, पाकिस्तान का 12वां सबसे बड़ा शहर है। यहां ‘मरकज सुभानअल्लाह’ नाम के एक बड़े कैंपस पर भारत ने एयर स्ट्राइक की। इस 18 एकड़ के कैंपस को पाकिस्तान में ‘उस्मान-ओ अली कैंपस’ भी कहा जाता है। इसकी कुछ इमारतों में मसूद अजहर और उसके परिवार के कुछ लोग भी रहते हैं।
इसी कैंपस में जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर भी था, जिसमें नए लोगों को भर्ती कर आतंक की ट्रेनिंग दी जाती थी। 2019 में हुए पुलवामा अटैक की प्लानिंग भी यहीं हुई थी। पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, बहावलपुर की पुलिस ने पुष्टि की है कि मरकज सुभानल्लाह को निशाना बनाया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां चार बड़े धमाके हुए और पूरे इलाके में बत्ती गुल हो गई। सोशल मीडिया पर भी बहावलपुर के लोगों ने ऐसे ही दावे किए हैं।
'ऑपरेशन सिंदूर' में मसूद अजहर कितना नुकसान?
हमले के बाद 7 मई की सुबह जैश-ए-मोहम्मद ने मसूद के हवाले से बयान जारी कर बताया कि भारत के हमले में मसूद के परिवार के 14 लोग मारे गए हैं। इसमें मसूद अजहर ने दावा किया कि उसकी बड़ी बहन साहिबा, साहिबा का पति, भांजा, भांजे की पत्नी, भांजी और 5 बच्चों की मौत हुई है।
वहीं 4 करीबियों में अजहर का एक साथी हुजैफा, हुजैफा की मां और दो अन्य लोग शामिल हैं। हालांकि, हम स्वतंत्र रूप से इन दावों की पुष्टि नहीं करते हैं। मसूद का परिवार काफी बड़ा है। इसमें तीस से ज्यादा लोग हैं। मसूद के बड़े भाई इब्राहिम के दो बेटे उस्मान और उमर पहले ही जम्मू-कश्मीर में मारे जा चुके हैं।
कैसे बचा मसूद अजहर?
मसूद अजहर सालों से बहावलपुर के चौक आजम इलाके के मरकज सुभानल्लाह नाम के कैंपस में ही रह रहा था। साल 2011 तक इस कैंपस में सिर्फ एक मस्जिद थी, उसके बाद आतंकियों की ट्रेनिंग और बाकी एक्टिविटीज के लिए कैंपस में इमारतें और बाकी स्ट्रक्चर बढ़ता चला गया। सैटेलाइट इमेजेज के आधार पर इसका पूरा इलाका 18 एकड़ बताया जाता है। फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। इसके बाद भारत की मांग पर संयुक्त राष्ट्र ने मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में डाला था।
अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ने पर पाकिस्तान ने कहा था कि जैश के बहावलपुर हेडक्वार्टर को सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने मसूद की सिक्योरिटी और बढ़ा दी थी। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को इस तरह की स्ट्राइक का अंदेशा था, इसलिए माना जाता है कि मसूद को पहले ही वहां से शिफ्ट कर दिया गया था।
ले. ज. रामेश्वर रॉय के मुताबिक, ‘पाकिस्तान में मसूद को सेना का प्रोटेक्शन मिला हुआ है, लेकिन पाकिस्तान यह नहीं मानता कि मसूद उसकी जमीन पर मौजूद है। इसलिए पाकिस्तान मसूद अजहर के मारे जाने की बात छिपाने की कोशिश कर सकता है। एक थ्योरी ये भी है कि मसूद अफगानिस्तान में छिपा हुआ है, हालांकि ये दावा पाकिस्तान का है।
ऑपरेशन सिंदूर का मेन टारगेट था मसूद का आतंकी ठिकाना
पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन तीनों ही हिंदुस्तान पर आतंकी हमले करते हैं। इन तीनों के ठिकानों को टारगेट किया गया। जैश के ठिकाने पर हमला किया गया, क्योंकि वह आतंकियों के सबसे बड़े ट्रेनिंग सेंटर्स में से एक है और आबादी से दूर एक मिलिट्री बेस के पास है।
इसलिए यह तो नहीं कहा जा सकता कि मसूद अजहर ही भारत के ऑपरेशन का मेन टारगेट था, लेकिन ये भी सच है कि बीते कुछ सालों में भारत में बड़े आतंकी हमलों के पीछे सीधे तौर पर मसूद अजहर और जैश का हाथ रहा है। लश्कर को सबसे बड़ा और ताकतवर आतंकी संगठन माना जाता है, उसके बैनर तले विदेशी आतंकी भी हैं, लेकिन जैश-ए-मोहम्मद ज्यादातर है और PoK और भारत के जम्मू-कश्मीर से आतंकियों की भर्ती करता है।
सबसे बड़ा दुश्मन मसूद अजहर क्यों?
2000 में जैश-ए-मोहम्मद को खड़ा करने के बाद से अब तक मसूद भारत पर 6 बड़े हमले करवा चुका है। माना जा रहा है कि पहलगाम में भी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े एक आतंकी ग्रुप ने लश्कर-ए-तैयबा की मदद से हमले को अंजाम दिया। यह ग्रुप बैन से बचने के लिए कश्मीर टाइगर्स और कश्मीर फ्रीडम आर्मी जैसे फर्जी नामों का इस्तेमाल कर रहा है।
जानिए कौन है मसूद अजहर?
1968 में बहावलपुर में जन्मा मसूद अजहर शुरुआत में अफगानिस्तान में रहा करता था और हरकत-उल-मुजाहिदीन के लिए काम करता था। अजहर भारत के अलावा अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भा आतंकवादी हमले करवा चुका है। उसे 1994 में भारत में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के चलते गिरफ्तार किया गया था। मसूद को भारत की कैद से छुड़ाने के लिए हरकत-उल-हरकत ने साजिश रची। 24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस की काठमांडू से नई दिल्ली जा रही फ्लाइट IC814 को हाइजैक कर अफगानिस्तान के कांधार ले जाया गया। इस फ्लाइट में 187 पैसेंजर्स और क्रू मेंबर्स सवार थे।
हाइजैक करने वाले आतंकियों ने यात्रियों की रिहाई के बदले जम्मू जेल में कैद मसूद अजहर सहित तीन आतंकियों को जेल से रिहा करने की मांग रखी। कई दिनों तक भारत सरकार और आतंकवादियों के बीच बातचीत का दौर चला, लेकिन आखिरकार भारत को फ्लाइट में सवार लोगों की सुरक्षा के लिए मसूद को छोड़ना पड़ा। भारत की कैद से छूटने के बाद मसूद ने 31 जनवरी, 2000 को कराची में जैश-ए-मोहम्मद की नींव रखी। माना जाता है कि आतंकी संगठन चलाने की ट्रेनिंग उसे अफगानिस्तान में रहने के दौरान अल-कायदा चीफ ओसामा बिन लादेन से मिली।
हिजबुल से आए आतंकी जैश के कमांडर बने और ISI से उसे फंडिंग मिली। बहावलपुर हेडक्वार्टर का इस्तेमाल फंड जुटाने और इस्लामिक कट्टरपंथी सोच को बढ़ावा देने के लिए होता है, जबकि खैबर पख्तूनख्वा और PoK में बने जैश के कैंपों में आतंकियों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है।
मई 2019 में ग्लोबल टेररिस्ट घोषित होने के बाद से मसूद को सार्वजनिक जगहों पर कम ही देखा गया है। कहा जाता है कि मसूद को किडनी की बीमारी है, उसे आखिरी बार जून 2024 में एक शादी में देखा गया था। उसका भाई अब्दुल रऊफ अजहर भी जैश-ए-मोहम्मद का एक अहम लीडर है। जैश में शाह नवाज खान (साजिद जिहादी) और मौलाना मुफ्ती मोहम्मद असगर आतंकियों की ट्रेनिंग का काम देखते हैं।
बहावलपुर में मसूद चला रहा था ट्रेनिंग सेंटर
जानकारी के मुताबिक, खाजूवाला और अनूपगढ़ से 100 किलोमीटर दूर पाकिस्तान के बहावलपुर में आतंकी संगठन 'जैश ए मोहम्मद' के चार ट्रेनिंग सेंटर चिन्हित किए गए थे। जहां बच्चों और युवाओं को ट्रेनिंग दी जाती है। इसके बाद एडवांस ट्रेनिंग के लिए उन्हें पीओके भेजा जाता है। बहावलपुर में पाक सेना का मुख्यालय और एयरबेस भी है। इससे करीब 10 किलोमीटर दूरी पर ही आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ट्रेनिंग कैंप चला रहा है।
ऐसे कैंप भावलनगर, यजमान मंडी सहित आस-पास के इलाके में भी हैं। यहां बच्चों और युवाओं का माइंडवॉश किया जाता है। फिर उन्हें कड़ी ट्रेनिंग के लिए पीओके में उन स्थानों पर भेजा जाता है, जहां जैश और लश्कर ए तैयबा के ट्रेनिंग कैंप चलते हैं। आर्मी, बीएसएफ, आईबी, रॉ सहित सभी खुफिया एजेंसियां इन पर नजर रखे हुए हैं।
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