मालेगांव ब्लास्ट केस में कोर्ट का बड़ा फैसला, साध्वी प्रज्ञा सहित सभी 7 आरोपी बरी
Malegaon Blast Case: मालेगांव ब्लास्ट केस में गुरूवार को NIA की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। इस मामले में कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सहित सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया है। बता दें अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा, 'आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता क्योंकि कोई भी धर्म हिंसा की वकालत नहीं करता है। इसके अलावा मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये का मुआवजा देने का फैसला सुनाया।
साध्वी प्रज्ञा सहित सभी 7 आरोपी बरी
मालेगांव ब्लास्ट केस में करीब 17 साल की लंबी सुनवाई के बाद आखिरकार कोर्ट का फैसला आ गया। इससे पहले कोर्ट ने 19 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रखा था। जिसके बाद इस पर 8 मई फैसला सुनाया जाना था, लेकिन फिर कोर्ट ने इसके लिए 31 जुलाई की तिथि तय कर दी थी। इस केस में पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय राहिरकर, सुधाकर धर द्विवेदी और समीर कुलकर्णी शामिल थे।
NIA Court acquits all accused in Malegaon blast case, including Sadhvi Pragya Singh, Lt Colonel Purohit and others
On September 29, 2008, six people were killed and several others injured when an explosive device strapped to a motorcycle detonated near a mosque in Malegaon City,… pic.twitter.com/PYsIBvrvc4
— ANI (@ANI) July 31, 2025
कोई भी सबूत विश्वसनीय नहीं है: कोर्ट
इस मामले में लंबे समय बाद फैसला आ गया। कोर्ट ने सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि 'कोई भी सबूत विश्वसनीय नहीं है। कोर्ट ने कहा कि घटनास्थल पर मिले मोबाइल फोन और वाहनों के मालिक का कोई पुख्ता सबूत नहीं है। केस की जांच एटीएस ने की थी। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई विश्वसनीय और पुख्ता सबूत नहीं मिला, इसलिए सभी को बरी किया जाता है।
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का बड़ा बयान
साध्वी प्रज्ञा सिंह ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैंने शुरू से ही कहा था कि किसी को जांच के लिए बुलाने के पीछे कोई ठोस कारण होना चाहिए. मुझे बिना कारण बुलाया गया, गिरफ्तार किया गया और यातना दी गई। भगवा को बदनाम करने की साजिश की गई थी. आज भगवा और हिंदुत्व की जीत हुई है। भगवान दोषियों को सजा देंगे।''
2008 में हुआ था धमाका
मुंबई के मालेगांव में साल 2008 में ये बड़ा धमाका हुआ था। 29 सितंबर 2008 को मालेगांव के भीकू चौक पर एक दोपहिया वाहन में धमाके से 6 लोगों की मौत हो गई और 101 लोग घायल हुए। इसके बाद कई सालों तक अदालत में केस चला। अब करीब 17 साल बाद इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।
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