LIC : एलआईसी सिर्फ़ कंपनी नहीं, वो वादा है जो विदेशी रिपोर्टों से नहीं डगमगाता!
- विदेशी आरोपों के बीच भारतीयों का जवाब : एलआईसी पर भरोसा अडिग है।
- एलआईसी ने 120% मुनाफा कमाया— पर वॉशिंगटन पोस्ट को दिखा नुकसान!
भारत में अगर किसी संस्था पर सबसे गहरा भरोसा है, तो वह है एलआईसी (LIC) — यानी भारतीय जीवन बीमा निगम। यह सिर्फ़ एक बीमा कंपनी नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के सपनों और सुरक्षा का प्रतीक है। छोटे शहर के शिक्षक से लेकर महानगर के पेशेवर तक, हर कोई अपने भविष्य की गारंटी के रूप में एलआईसी को देखता है। किसी की बेटी की शादी हो, किसी का मकान बनाना हो या सेवानिवृत्ति का सहारा, हर जगह एलआईसी मौजूद है।
आर्थिक सुधार हों या कोविड-19 महामारी LIC ने हमेशा अपनी साख बनाए रखी
जैसे महाराष्ट्र (Maharashtra) के सतारा के रमेश पाटिल। उन्होंने 25 साल पहले एलआईसी की पॉलिसी ली थी। जब 2025 में उनकी बेटी की शादी का समय आया, तो वही पॉलिसी उनके लिए वरदान साबित हुई। “कंपनियाँ आती जाती हैं, पर एलआईसी हमेशा साथ देती है,” रमेश मुस्कुराते हुए कहते हैं। इसी भरोसे की जड़ें बहुत गहरी हैं। आज़ादी के बाद जब देश का वित्तीय ढांचा बन रहा था, तब 1956 में एलआईसी (LIC) की स्थापना हुई। उसने तब से लेकर अब तक हर आर्थिक संकट, हर सरकार और हर बदलते दौर में लोगों का पैसा सुरक्षित रखा है। 1991 के आर्थिक सुधार हों या कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic), एलआईसी ने हमेशा अपनी साख बनाए रखी।
LIC categorically clarifies that the documents mentioned have not been issued by LIC, nor have any such documents been received by LIC.
Furthermore, LIC has not received any instructions from the Government regarding investments in any entity under this group. https://t.co/PylUQsBnEK
— LIC India Forever (@LICIndiaForever) October 28, 2025
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LIC में भारत में 30 करोड़ से ज़्यादा पॉलिसियाँ सक्रिय
एलआईसी सिर्फ़ बीमा नहीं बेचती, वह भरोसा बेचती है। हर गाँव में उसका एजेंट परिवार का सदस्य जैसा बन जाता है। शायद इसी वजह से आज भी भारत में 30 करोड़ से ज़्यादा पॉलिसियाँ सक्रिय हैं, यह किसी निजी कंपनी के लिए असंभव आँकड़ा है। जब वॉशिंगटन पोस्ट (Washington Post) जैसी विदेशी मीडिया ने अक्टूबर 2025 में एलआईसी पर अडाणी समूह (Adani Group) को मदद पहुँचाने का आरोप लगाया, तो लोगों ने इस ख़बर पर हँसी में प्रतिक्रिया दी। उन्हें पता था कि एलआईसी का निवेश नीति के दायरे में, पूरी जाँच-पड़ताल के बाद होता है। और जब एलआईसी ने बताया कि अडाणी निवेश उसके कुल पोर्टफोलियो का 1% से भी कम है और उस पर उसे 120% का मुनाफ़ा हुआ है तो लोगों का भरोसा और मजबूत हो गया।
LIC पर हमले की एक सोची समझी रणनीति!
ऐसे समय पर जब भारत में बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) के चलते लोकतंत्र का उत्सव चल रहा है, वॉशिंगटन पोस्ट(Washington Post) जैसी संस्थाओं की बिना आधार वाली रिपोर्टें उन पत्रकारों की LIC पर हमले की एक सोची समझी रणनीति लगती हैं, जिनके राजनीतिक संरक्षक जनता का विश्वास खो चुके हैं और चुनावों में लगातार नाकाम रहे हैं।
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