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Imran Khan News: जेल में बंद इमरान खान का टाइम मैगजीन में लेख, कहा- पाकिस्तान में लोकतंत्र खतरे में, अमेरिका से सहयोग की उम्मीद

 टाइम मैगजीन में इमरान खान के नाम से एक लेख प्रकाशित हुआ है, जिसमें उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनकी राजनीतिक वापसी के लिए बधाई दी है।
10:40 AM Mar 03, 2025 IST | Girijansh Gopalan

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लंबे समय से जेल में बंद हैं और उनकी रिहाई की कोई उम्मीद फिलहाल नजर नहीं आ रही। इमरान समर्थक इसे पाकिस्तान में लोकतंत्र और कानून के खिलाफ बता रहे हैं। इसी बीच, टाइम मैगजीन में इमरान खान के नाम से एक लेख प्रकाशित हुआ है, जिसमें उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनकी राजनीतिक वापसी के लिए बधाई दी है। साथ ही, अमेरिका से उम्मीद जताई कि वह पाकिस्तान के साथ आर्थिक साझेदारी को मजबूत करेगा और स्थिरता को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

कैसे पब्लिश हुआ इमरान का लेख?

सबसे बड़ा सवाल ये है कि जेल में बंद इमरान खान का ये लेख टाइम मैगजीन तक पहुंचा कैसे? इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। लेकिन इस लेख में इमरान खान ने पाकिस्तान में जारी ‘राजनीतिक उथल-पुथल’ पर खुलकर बात की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस समय अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है और लोकतंत्र के लिए यह एक बड़ा खतरा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे पाकिस्तान में लोकतंत्र को बचाने के लिए आगे आएं।

इमरान खान बोले- मेरी गिरफ्तारी राजनीतिक चाल

इमरान खान का कहना है कि उन्हें साजिश के तहत जेल में डाला गया है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और इनका मकसद लोकतंत्र को कमजोर करना है। उन्होंने साफ किया कि उनकी लड़ाई किसी पद या सत्ता के लिए नहीं, बल्कि पाकिस्तान में लोकतंत्र बचाने के लिए है।

इमरान ने कहा- "ये सिर्फ मेरी नहीं, पूरे पाकिस्तान की लड़ाई है। अगर आज लोकतंत्र दबाया जा रहा है, तो कल पाकिस्तान का हर नागरिक इसकी चपेट में आएगा।"
उन्होंने दुनिया से अपील की कि पाकिस्तान के हालात को नजरअंदाज न किया जाए, क्योंकि इसका असर पूरे क्षेत्र पर पड़ेगा।

आतंकवाद पर इमरान का बड़ा बयान

इमरान खान ने अपने लेख में आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने दावा किया कि वर्तमान सरकार ने PTI के खिलाफ साजिश रचने में इतनी ताकत झोंक दी कि आतंकवाद पर ध्यान ही नहीं दिया। खासकर, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान जैसे इलाकों में, जहां आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी हैं, वहां की स्थिति खराब होती जा रही है। इमरान का कहना है कि इन क्षेत्रों को सुरक्षा देने के बजाय, सेना और सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ सैन्य अभियानों में व्यस्त हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की न्यायपालिका भी अब राजनीतिक उत्पीड़न का एक साधन बन गई है।

क्या पाकिस्तान में लोकतंत्र खतरे में है?

इमरान खान के इस लेख के बाद पाकिस्तान की राजनीति में हलचल मच गई है। उनके समर्थक इसे सच्चाई बता रहे हैं, जबकि सरकार समर्थक इसे सिर्फ एक ‘राजनीतिक स्टंट’ कह रहे हैं।

लेकिन सवाल ये है कि

क्या इमरान खान जेल से जल्द बाहर आ पाएंगे?
क्या पाकिस्तान में लोकतंत्र वाकई खतरे में है?
अमेरिका और अन्य देश इमरान खान की अपील पर क्या रुख अपनाएंगे?
फिलहाल, पाकिस्तान में सियासी संकट गहराता जा रहा है और इस लेख ने आग में घी डालने का काम किया है।

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