दुनिया को भारत की दवाओं पर भरोसा...फार्मा सेक्टर में चीन को पछाड़ भारत ने जमाया सिक्का !
India's Dominance Pharma Sector: भारत की दवाओं पर दुनिया भरोसा कर रही है। यही वजह है कि भारत का फार्मा सेक्टर में दबदबा लगातार बढ़ रहा है। (India's Dominance Pharma Sector) कुछ साल पहले तक दुनिया के फार्मा सेक्टर पर चीन का दबदबा था। मगर अब दुनिया की बड़ी- बड़ी कंपनियां भारत के साथ डील कर रही हैं। फार्मा सेक्टर में भारत ने चीन को बुरी तरह पटखनी दी है। जिससे चीन को तगड़ा झटका लगा है।
दुनिया के दवा मार्केट में भारत का रुतबा
दुनिया के दवा बाजार में चीन का रुतबा अब खत्म होने लगा है। अब फार्मा सेक्टर पर भारत राज कर रहा है। दुनिया के सभी देशों को भारत की दवाओं पर भरोसा है, जिसकी वजह से भारत ने फार्मा सेक्टर में तेजी से ग्रोथ की है और चीन को काफी पीछे छोड़ दिया है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अब भारतीय फार्मा कंपनियां विदेशों तक व्यापार कर रही है। बिजनेस रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल ही हैदराबाद बेस्ड भारतीय कंपनी ने विदेशी कंपनी के साथ बड़ी डील की है।
हैदराबाद की कंपनी ने की बड़ी डील
हैदराबाद बेस्ड भारतीय दवा कंपनी ने जिस विदेशी कंपनी के साथ डील की है। वह कंपनी दवाओं के लिए जरुरी सामान बनाती है। भारतीय दवा कंपनियों का फोकस उन कंपनियों को खरीदने पर है, जो तकनीकी तौर पर सक्षम हों और अमेरिका-यूरोप के लिए दवाएं बना सकें। यही वजह है कि भारतीय कंपनी ने दिसंबर में ही अमेरिकी कंपनी में हिस्सेदारी खरीदी थी। यह अमेरिकी कंपनी रिसर्च बेस्ड है और कैंसर की दवाओं पर काम करती है।
भारत की दवा पर सभी देशों को भरोसा
भारतीय कंपनी सुवेन ने अमेरिकी कंपनी में करीब 564 करोड़ की हिस्सेदारी खरीदी है। इसके बाद यह भारतीय कंपनी उन कंपनियों में शामिल हो गई है, जो दूसरी फार्मा कंपनियों के लिए मेडिसिन बनाती हैं। यह भारतीय कंपनी मेडिसिन बनाने के साथ उनकी मार्केटिंग तक को अंजाम देने का सारा काम करती है। भारत की अन्य फार्मा कंपनियां भी लगातार ग्रोथ कर रही हैं। इससे दवा मार्केट में अब चीन की मनमानी लगभग खत्म हो चुकी है और भारत की कंपनियों पर लगभग सभी बड़े देश भरोसा जता रहे हैं।
यह भी पढ़ें: “कमजोरी छोड़ो, जागो हिंदू! दुनिया तब तक नहीं मानेगी“, जब तक तुम खुद मजबूत न बनो”...भागवत का संदेश!
यह भी पढ़ें: Bihar Politics: तेज प्रताप यादव को लालू यादव ने राजद से 6 साल के लिए निष्कासित किया