गिरिजा व्यास का अंतिम सफर! पूजा में लगी आग ने छीनी जिंदगी, जानिए उनके जीवन की कहानी
Girija Vyas: केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस की दिग्गज और वरिष्ठ नेता गिरिजा व्यास का गुरुवार शाम अहमदाबाद के निजी अस्पताल में निधन हो गया। गिरिजा व्यास के निधन का समाचार सुनकर पूरे राजस्थान में शोक का माहौल है। गिरिजा व्यास एक अच्छी शिक्षिका और महान दार्शनिक थीं, उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। (Girija Vyas) 2 मई को उनका अंतिम संस्कार उदयपुर में किया जाएगा। शिक्षक से केंद्रीय मंत्री तक का सफर, कौन थीं गिरिजा व्यास? जिनका पूजा के दौरान झुलसने से हुआ निधन, जानें।
नाथद्वारा में जन्मी थीं गिरिजा
राजसमंद जिले के नाथद्वारा में जन्मी गिरिजा के पिता स्वतंत्रता सेनानी थे। मां शिक्षिका थीं। उन्होंने उदयपुर में आकर उदयपुर यूनिवर्सिटी (वर्तमान में मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी) से स्नातक और स्नातकोत्तर किया था। बाद में दिल्ली यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। उन्होंने उदयपुर के सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के दर्शनशास्त्र विभाग में प्रोफेसर के रूप में भी काम किया था।।
राजनीतिक जगत में शोक की लहर
डॉ. व्यास के निधन पर कांग्रेस सहित संपूर्ण राजनीतिक जगत में शोक की लहर फैल गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अशोक गहलोत, सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा, टीकाराम जूली समेत अनेक नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखा, "पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. गिरिजा व्यास का निधन हम सबके लिए एक अपूरणीय क्षति है। सीएम भजनलाल शर्मा ने एक्स पर लिखा कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को सद्गति तथा शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। शिक्षा, राजनीति और समाज सेवा के क्षेत्र में उनका बड़ा योगदान रहा है। उनका असमय और इस तरह एक हादसे का शिकार होकर जाना हम सभी के लिए गहरा आघात है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
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