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गौतम अदाणी ने इंडोलॉजी मिशन के लिए दिया 100 करोड़ का ऐतिहासिक योगदान

Adani Group Indology Mission: आज अहमदाबाद के अदाणी शांतिग्राम टाउनशिप में आयोजित "अदाणी ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव: रिवाइविंग ट्रेडिशन फॉर ए यूनाइटेड वर्ल्ड" के उद्घाटन समारोह में भारत की प्राचीन संस्कृति और ज्ञान परंपरा को एआई की आधुनिक प्रणालियों के साथ...
08:49 PM Nov 21, 2025 IST | Surya Soni
Adani Group Indology Mission: आज अहमदाबाद के अदाणी शांतिग्राम टाउनशिप में आयोजित "अदाणी ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव: रिवाइविंग ट्रेडिशन फॉर ए यूनाइटेड वर्ल्ड" के उद्घाटन समारोह में भारत की प्राचीन संस्कृति और ज्ञान परंपरा को एआई की आधुनिक प्रणालियों के साथ...

Adani Group Indology Mission: आज अहमदाबाद के अदाणी शांतिग्राम टाउनशिप में आयोजित "अदाणी ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव: रिवाइविंग ट्रेडिशन फॉर ए यूनाइटेड वर्ल्ड" के उद्घाटन समारोह में भारत की प्राचीन संस्कृति और ज्ञान परंपरा को एआई की आधुनिक प्रणालियों के साथ जोड़ने के लिए महत्वाकांक्षी सिफारिशें की गई हैं। अहमदाबाद में आयोजित इस समारोह में अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने भारत नॉलेज ग्राफ निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये की ऐतिहासिक घोषणा की। यह डिजिटल ढांचा एआई के युग में भारत के सभ्यतागत ज्ञान को संरक्षित और भविष्य के लिए सुरक्षित करने का प्रयास है।

भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में बड़ा कदम

कॉन्क्लेव में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस पहल को भारत को विश्वगुरु बनाने के स्वप्न की दिशा में बड़ा कदम बताया। यह साझेदारी अदाणी ग्रुप की राष्ट्र-निर्माण की प्रतिबद्धता को आईकेएस के उस उद्देश्य से जोड़ती है, जिसके तहत पारंपरिक भारतीय ज्ञान को आधुनिक शिक्षा से जोड़ा जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत स्थापित IKS प्राचीन ग्रंथों और प्रथाओं को संरक्षित करने और उन्हें इंजीनियरिंग, पर्यावरण विज्ञान, भाषाविज्ञान, स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में लागू करने पर काम कर रहा है।

यह एआई का युग है और हमें इसके साथ चलना चाहिए: जगद्गुरु शंकराचार्यजी

इस कार्यक्रम का मुख्य विषय इंडोलॉजी है, जो भारत की संस्कृति, इतिहास, धर्म, परंपरा, भाषा, धर्मग्रंथों, ज्ञान और प्राचीन ग्रंथों का वैज्ञानिक अध्ययन है। जगद्गुरु शंकराचार्यजी ने अपने संबोधन में कहा, "यह एआई का युग है और हमें इसके साथ चलना चाहिए। लेकिन किसी भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता में हमारे मानव मस्तिष्क जितनी बुद्धिमत्ता नहीं होती।" इसलिए, हमें अपने मस्तिष्क का यथासंभव उपयोग करके प्राचीन ज्ञान को जीवित रखना चाहिए।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एआई एक उपकरण है, लेकिन इसका उपयोग हमारी संस्कृति के रक्षक के रूप में किया जाना चाहिए, न कि इसके गुलाम के रूप में।

100 करोड़ का ऐतिहासिक योगदान

गौतम अडानी ने इस कार्यक्रम में 100 करोड़ रुपये के विशेष कोष की घोषणा की, जिसका उपयोग भारतीय संस्कृति के अध्ययन, संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय संस्कृति को जानने, समझने और संरक्षित करने का यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है। एआई दुनिया का नया शिक्षक बन रहा है, लेकिन इसमें अदृश्यता, संकीर्णता और हमारी संस्कृति पर विदेशी दृष्टिकोण के जोखिम भी हैं।

कार्यक्रम में पांच मुख्य प्रतियोगिताएं आयोजित की गई हैं, जिनमें इंडोलॉजी क्विज, प्रज्ञा टेक स्टार्टअप चैलेंज, लोकरंगम (इंडिक आर्ट्स), आईकेएस पोस्टर प्रेजेंटेशन और डॉक्यूमेंट्री फिल्में शामिल हैं। ये प्रतियोगिताएं वेद, उपनिषद, पुराण, संस्कृत साहित्य और ऐतिहासिक साक्ष्य सहित 16 विषयों पर आधारित हैं। विजेताओं को ₹1 लाख तक के पुरस्कार दिए जाएँगे। कार्यक्रम में 14 पीएचडी स्कॉलर्स को 5 वर्षों के लिए ₹13.16 करोड़ की सहायता राशि देने की भी घोषणा की गई। जिसमें डेटा विज्ञान, सिस्टम थिंकिंग और मल्टीमॉडल आर्काइविंग जैसे आधुनिक उपकरणों का उपयोग करके प्राचीन ज्ञान को पुनर्जीवित किया जाएगा।

गौतम अडानी ने अपने संबोधन में कहा, “नागरिकों का विनाश तलवारों से नहीं होता, बल्कि विनाश तब होता है जब उनकी सांस्कृतिक स्मृति को नुकसान पहुंचाया जाता है। नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालयों के विनाश और मैकाले की औपनिवेशिक शिक्षा प्रणाली ने हमारी ज्ञान परंपरा को नष्ट कर दिया।" एआई को "मानव मस्तिष्क पर कब्जा करने वाला नया आक्रमणकारी" बताते हुए उन्होंने कहा कि एआई दुनिया का नया शिक्षक बन रहा है, लेकिन इसमें हमारी अदृश्य लिखावट, सांस्कृतिक संकीर्णता और पश्चिमी फिल्टर के खतरे भी हैं।

इस दौरान अडानी ने पांच मुख्य सुझाव दिए, जिनमें भारत नॉलेज ग्राफ बनाना, भारत केंद्रित कॉर्पस बनाना शामिल है। एआई में सुधार के लिए शिक्षाविदों को सशक्त बनाना, इंडोलॉजी एआई चेयर की स्थापना करना और सांस्कृतिक तकनीकी-विशेषज्ञों को तैयार करने के लिए कॉर्पोरेट्स को जोड़ना।

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