Bihar Politics: बिहार में RJD पर बना संकट!, तेज प्रताप यादव महुआ सीट से लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव
Bihar Politics: बिहार में राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। शनिवार को लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। तेज प्रताप यादव के इस एलान से RJD की परेशानी बढ़ सकती है। पिछले विधानसभा चुनाव (Bihar Politics) में कुछ ही सीटों से RJD सरकार बनाने में नाकाम रही थी। लेकिन इस बार लालू परिवार की फूट का नुकसान पार्टी को उठाना पड़ सकता है। तेज प्रताप यादव ने अपने चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ ही ‘टीम तेज प्रताप यादव’ नामक एक ओपन प्लेटफॉर्म की भी शुरुआत कर दी है।
महुआ सीट से लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव
कुछ समय पहले तेज प्रताप यादव को आरजेडी से निष्कासित कर दिया गया था। उसके बाद कयास लगाया जा रहा था कि तेज प्रताप यादव बिहार में अपनी नई पार्टी बना सकते हैं। लेकिन अब स्थिति साफ़ हो गई हैं और तेज प्रताप यादव ने भी जानकारी देते हुए बताया कि ''वो नई पार्टी नहीं बना रहे हैं बल्कि ‘टीम तेज प्रताप यादव’ के बैनर तले चुनाव लड़ेंगे। बिहार की राजनीति के जानकारों की मानें तो तेज प्रताप के इस फैसले से आरजेडी को आगामी चुनाव में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
महुआ को हम जिला बनाएंगे: तेज प्रताप यादव
लालू यादव बिहार की राजनीति में बड़ा महत्व रखते हैं। लेकिन उनके परिवार की फूट का नुकसान पार्टी को विधानसभा चुनाव में उठाना पड़ सकता हैं। लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने शनिवार को चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि ''महुआ को हम जिला बनाएंगे, यह हमारी कर्मभूमि है। अगर आरजेडी ने किसी और को टिकट दिया, तो जनता उसे हराने का काम करेगी।''
महुआ विधानसभा सीट का पूरा समीकरण
बता दें महुआ विधानसभा सीट आरजेडी का गढ़ मानी जाती हैं। पिछले दो चुनाव से यहां से आरजेडी का विधायक ही चुना गया है। इस समय आरजेडी के मुकेश रोशन यहां से विधायक हैं। लेकिन अब तेज प्रताप के इस सीट से चुनाव लड़ने के एलान के बाद आरजेडी की मुसीबत बढ़ती नज़र आ रही है। अगर इस सीट के सियासी समीकरण की बात करें तो यादव, मुस्लिम, सुनार और कुशवाहा वोटर्स चुनाव परिणाम को प्रभावित करते हैं।
अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं चुनाव
बिहार में नितीश सरकार का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में अगले विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं। कुछ एक-दो महीनों में बिहार में चुनाव आचार संहिता लग सकती हैं। अब तेज प्रताप के इस कदम से आरजेडी को कितना नुकसान होगा ये देखने वाली बात होगी।
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