Thursday, June 26, 2025
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बिहार एनडीए में घमासान! चिराग पासवान ने मांझी के बाद दिखाए तेवर, गठबंधन में उथल-पुथल

बिहार एनडीए में मतभेद गहराते दिख रहे हैं, मांझी के बाद अब चिराग पासवान ने भी दिखाए तल्ख तेवर
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Bihar NDA tensions: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन NDA और विपक्षी महागठबंधन अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं। लेकिन NDA के भीतर हालिया घटनाक्रमों ने राजनीतिक हलको में हलचल मचा दी है।

कांग्रेस-राजद की अगुवाई वाला महागठबंधन बिहार में सीटों के तालमेल और नेतृत्व के मुद्दे पर मंथन कर रहा है। लेकिन भाजपा और जदयू की अगुवाई वाले एनडीए खेमे में भी सीटों और नेतृत्व को लेकर कम घमासान नहीं है। (Bihar NDA tensions) सभी दल अपने लिए ज्यादा सीटों की दावेदारी कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान के इस बयान ने सियासी तापमान बढ़ा दिया कि "बिहार उन्हें बुला रहा है और" हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के नेता जीतन राम मांझी द्वारा 30-40 सीटों की मांग से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या NDA में सब कुछ सही है?

चिराग ने उलझाया...

एनडीए खेमे में सबसे बड़ी उलझन चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास पासवान) के कारण पैदा हुई है। पिछली बार चिराग पासवान ने एनडीए खेमे से अलग होकर चुनाव लड़ा था। इससे भाजपा-जदयू को पर्याप्त सीटें मिल गई थीं। 2020 में भाजपा ने 110 सीटों और जदयू ने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा था। वीआईपी को 11 और हम को सात सीटें मिली थीं। लेकिन इस बार चिराग के साथ आने के कारण दोनों ही बड़े दलों को अपनी सीटों की संख्या से समझौता करना पड़ेगा। ऐसे में अब किसके खाते से कितनी सीटें कम होंगी, यह देखने वाली बात होगी।

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के नेता जीतन राम मांझी 40 सीटों पर दावेदारी कर रहे हैं। चिराग पासवान के कारण यदि सभी बड़े दलों की सीटें कम होंगी तो हम के कोटे से भी कुछ सीटों के कम होने की संभावना है। जीतन राम मांझी की 40 सीटों पर दावेदारी अपने कोटे की सीटों को बनाए रखने की कवायद ही मानी जा रही है।

मेरा राजनीति में आने का कारण ही बिहार

चिराग पासवान...जो बिहार के दलित समुदाय, खासकर पासवान जाति के बड़े चेहरे माने जाते हैं, ने हाल ही में एक बयान देकर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी। उन्होंने कहा कि मेरा राजनीति में आने का कारण ही बिहार और बिहारी रहे हैं। सांसद बनने से ज्यादा महत्वपूर्ण मेरे लिए एक विधायक की भूमिका होगी, जहां मैं अपने राज्य के लिए ज्यादा कार्य कर सकूं। वहीं कुछ विश्लेषकों का मानना है कि चिराग अपनी पार्टी को विधानसभा चुनाव में मजबूत स्थिति में लाने के लिए दबाव की रणनीति अपना रहे हैं, जबकि अन्य का कहना है कि यह उनकी मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षा का संकेत हो सकता है।

वहीं भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि एनडीए खेमे में पूरी तरह सहमति है। सभी घटक दल केंद्र सरकार में भी सहयोगी हैं, इसलिए राज्य के स्तर पर भी सहमति बनी रहेगी। गठबंधन में सभी दल ज्यादा सीटों पर दावेदारी करना चाहते हैं, यह बहुत स्वाभाविक है। लेकिन जब सभी दलों के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक होगी, तब इसका हल निकाल लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एनडीए बिहार में 2025 में भी सरकार बनाने के लिए तैयार है।

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