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अवैध बांग्लादेशियों को कहां भेजा जा रहा?...असम सरकार का बड़ा एक्शन

असम सरकार ने अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ बड़ा एक्शन शुरु कर दिया है। क्या हो रहा है? जानिए
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Assam Action On Illegal Bangladeshi: असम में अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। असम सरकार ने अवैध विदेशी घोषित किए जा चुके अवैध बांग्लादेशियों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। (Aasam Action On Illegal Bangladeshi) अब तक ऐसे 49 लोगों को भेजा गया है, जिसके खिलाफ कई लोग कोर्ट भी पहुंचे हैं। हालांकि असम सरकार का कहना है कि सब कुछ कानूनी प्रक्रिया से किया जा रहा है। अवैध बांग्लादेशी कहां भेजे जा रहे हैं? जानिए...

असम में अवैध बांग्लादेशियों पर कार्रवाई

असम सरकार ने अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ एक्शन शुरु कर दिया है। असम सरकार की ओर से विदेशी न्यायाधिकरणों से अवैध विदेशी घोषित किए जा चुके लोगों की पहचान की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसके साथ ही इन्हें वापस भेजने की कवायद भी शुरु कर दी है। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने पिछले दिनों कहा था कि कई सालों में अलग-अलग न्यायाधिकरणों की ओर से विदेशी नागरिक घोषित किए जाने के बाद 30 हजार लोग गायब हैं। हमने उन्हें ढूंढने की प्रक्रिया तेज कर दी है।

Assam Action On Illegal Bangladeshi

अदालत में अपील पर राहत भी मिल रही

हिमंत बिस्व सरमा का कहना है कि यहां दो कैटेगरी के लोग हैं। कुछ अभी आए हैं, कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें न्यायाधिकरण विदेशी घोषित कर चुका है। अदालत भी कह चुकी है कि विदेशी घोषित किए गए जिन लोगों ने कोई अपील नहीं की है। उन्हें वापस भेजा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि हाल ही बांग्लादेश से आए कुछ लोगों को पकड़कर वापस भेजा गया है। आने वाले दिनों में बहुत सारी पुश बैक कार्रवाई होंगी। अगर कोई शख्स अदालत में अपील कर रहा है, तो हम उसे परेशान नहीं कर रहे।

अवैध बांग्लादेशियों को कहां भेजा जा रहा?

असम सरकार की ओर से अवैध बांग्लादेशियों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। इसके तहत असर सरकार की ओर से इन लोगों को भारत-बांग्लादेश के बीच नो-मेन्स लैंड में डंप किया जा रहा है। अब तक कई अवैध बांग्लादेशियों को नो मेंस लैंड में डंप किया जा चुका है। कुछ लोगों ने इसके खिलाफ अदालत में अपील भी की है। इस पर असम सरकार की ओर से कहा गया कि अगर अदालत ने विदेशी घोषित करने वाले न्यायाधिकरण के आदेश पर स्थगन दिया है, तो हम कोर्ट का सम्मान कर रहे हैं। ऐसे लोगों को रहने की अनुमति दी जा रही है।

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