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Mumbai-Ahmedabad Bullet Train Project : साबरमती नदी पर 12 मंजिला इमारत के बराबर 36 मीटर ऊँचे पुल का निर्माण

अहमदाबाद जिले में बुलेट ट्रेन का मार्ग विभिन्न संरचनाओं, जैसे फ्लाईओवर, पुल, रेलवे लाइन और मेट्रो कॉरिडोर से होकर गुजर रहा है।
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  1. अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत अहमदाबाद में साबरमती नदी पर 36 मीटर ऊँचे पुल का निर्माण
  2. 480 मीटर लंबा यह पुल, ऊँचाई लगभग 14.8 मीटर, आधुनिक कनेक्टिविटी, हाई-स्पीड इन्फ्रास्ट्रक्चर
  3. पुल में 76 मीटर के 5 स्पैन और 50 मीटर के 2 स्पैन हैं। प्रत्येक स्पैन में 23 सेगमेंट होते हैं

अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत अहमदाबाद में साबरमती नदी पर 36 मीटर ऊँचे पुल का निर्माण किया जा रहा है, जो 12 मंजिला इमारत (लगभग 118 फीट) के बराबर है। 480 मीटर लंबा यह पुल पश्चिम रेलवे की अहमदाबाद-दिल्ली मुख्य लाइन से सटा हुआ है, जिसकी ऊँचाई लगभग 14.8 मीटर है। पूरा होने पर, यह पुल न केवल आधुनिक कनेक्टिविटी का प्रतीक बनेगा, बल्कि हाई-स्पीड इन्फ्रास्ट्रक्चर और मौजूदा रेल नेटवर्क के बीच सामंजस्य का भी उदाहरण बनेगा।

अहमदाबाद जिले में बुलेट ट्रेन का मार्ग (Mumbai-Ahmedabad Bullet Train Project) विभिन्न संरचनाओं, जैसे फ्लाईओवर, पुल, रेलवे लाइन और मेट्रो कॉरिडोर से होकर गुजर रहा है। भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार, साबरमती नदी पुल के खंभों का निर्माण इतनी ऊंचाई पर किया गया है कि निर्माण के उच्चतम बिंदु से 5.5 मीटर का आवश्यक ऊर्ध्वाधर अंतर सुनिश्चित किया जा सके।

कुल आठ (08) गोलाकार खंभे बनाए गए हैं जिनका व्यास 6 से 6.5 मीटर है, जिनमें से चार (04) नदी तल के भीतर, दो (02) नदी के किनारे (प्रत्येक तरफ एक) और दो (02) नदी तट के बाहर स्थित हैं। नदी जलमार्ग में अवरोध को कम करने के लिए पीयर्स को रणनीतिक रूप से स्थापित करके पुल को डिजाइन किया गया है।

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मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर (Mumbai-Ahmedabad Bullet Train corridor) पर स्थित अधिकांश नदी पुलों के स्पैन आमतौर पर लगभग 40 मीटर है; हालांकि, इस पुल में नदी तल में स्थित पीयर्स की संख्या कम करने के लिए 50 से 80 मीटर तक के स्पैन का विकल्प चुना गया है। पुल में 76 मीटर के 5 स्पैन और 50 मीटर के 2 स्पैन हैं। प्रत्येक स्पैन में 23 सेगमेंट होते हैं जिन्हें निर्माण स्थल पर ही कास्ट किया जाता है। इन सेगमेंट की कास्टिंग के लिए संरचनात्मक मजबूती और गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु प्रत्येक चरण पर अत्यंत सटीकता, अत्यधिक कुशल कार्यबल और समर्पित टीम की आवश्यकता होती है।

निर्माण कार्य बैलेंस्ड कैंटिलीवर विधि (Balanced Cantilever Method) का उपयोग करके किया जा रहा है, जो एक विशेष तकनीक है जो गहरे पानी और नदियों पर बने लंबे पुलों के लिए उपयोग की जाती है। इस निर्माण विधि की अवधारणा पुल के नीचे स्कैफोल्डिंग प्रणाली स्थापित किए बिना पुल का निर्माण करना है और विशेष निर्माण उपकरणों का उपयोग करके प्रत्येक खंभे से बाएं और दाएं को संतुलित करके और पोस्ट-टेंशनिंग द्वारा सेगमेंट को क्रमिक रूप से जोड़कर पुल की अधिरचना को पूरा करना है। इसके परिणामस्वरूप एक समान और मजबूत ब्रिज डेक तैयार होता है।

पुल निर्माण प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा के उच्चतम स्तर को बनाए रखने के लिए, सुरक्षा प्रोटोकॉल का एक मजबूत ढांचा लागू किया गया है, विशेष रूप से उन कार्यों के लिए जिनमें ऊंचाई पर काम करना शामिल है। कार्यस्थल पर सख्त जवाबदेही और अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए एक संरचित कार्य परमिट प्रणाली लागू की गई है। सभी कर्मचारियों को हर समय पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) पहनना अनिवार्य है, जिसमें पूरे शरीर के लिए हार्नेस भी शामिल है। गिरने से होने वाले जोखिमों को कम करने के लिए, फॉर्म ट्रैवलर/ब्रिज बिल्डर संरचनाओं के नीचे कैच नेट लगाए गए हैं। निर्माण प्रक्रिया की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

साबरमती नदी पुल निर्माण कार्य में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। नींव और उप-संरचना के सभी कार्य सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं, जबकि अधिरचना से संबंधित कार्य, जैसेकि पियर हेड निर्माण और सेगमेंट कास्टिंग, वर्तमान में प्रगति पर हैं।

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पुल की मुख्य विशेषताएं:

• पुल की लंबाई 480 मीटर है
• नदी की चौड़ाई 350 मीटर है
• इसमें 76 मीटर के 5 स्पैन और 50 मीटर के 2 स्पैन शामिल हैं
• पियर्स की ऊँचाई - 31 मीटर से 34 मीटर
• 6 मीटर और 6.5 मीटर व्यास वाले 8 गोलाकार पियर्स
• साबरमती (Sabarmati River) और अहमदाबाद बुलेट ट्रेन स्टेशनों के बीच स्थित यह पुल साबरमती बुलेट ट्रेन स्टेशन से 01 कि.मी. और अहमदाबाद बुलेट ट्रेन स्टेशन से लगभग 04 कि.मी. दूर है
• यह नर्मदा और ताप्ती के साथ भारत की पश्चिम की ओर बहने वाली प्रमुख नदियों में से एक है जो अरावली पहाड़ियों से निकलती है और अरब सागर की खंभात की खाड़ी में मिलती है

अतिरिक्त जानकारी:

मुंबई - अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना (Mumbai-Ahmedabad Bullet Train Project) के लिए 25 नदी पुल का निर्माण किया जा रहा हैं, जिनमें से 21 गुजरात में और 4 महाराष्ट्र में हैं। गुजरात में नियोजित 21 नदी पुलों में से 16 नदी पुल पूरे किये जा चुके हैं; पार (वलसाड जिला), पूर्णा (नवसारी जिला), मिंधोला (नवसारी जिला), अंबिका (नवसारी जिला), औरंगा (वलसाड जिला), वेंगानिया (नवसारी जिला), मोहर (खेड़ा जिला), धाधर (वडोदरा जिला), कोलक (वलसाड जिला), वत्रक (खेड़ा जिला), कावेरी (नवसारी जिला), खरेरा (नवसारी जिला), मेशवा (खेड़ा जिला), किम (सूरत जिला), दारोथा (वलसाड जिला) और दमन गंगा (वलसाड जिला)

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