सुप्रीम कोर्ट का बड़ा कदम, जजों की संपत्ति का हुआ सार्वजनिक खुलासा...जानिए कौन हैं सबसे अमीर?
Supreme Court Judges Assets: न्यायपालिका में पारदर्शिता और जनता का विश्वास बढ़ाने की दिशा में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है और जजों की संपत्ति और देनदारियों को सार्वजनिक किया गया है। सारा ब्योरा सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।
यह इतिहास में पहली बार है कि सुप्रीम कोर्ट के जजों की संपत्ति की घोषणा सार्वजनिक की गई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और 20 अन्य जजों की घोषणाएं अपलोड की गई हैं। (Supreme Court Judges Assets)इनमें वे तीन जज भी शामिल हैं जो निकट भविष्य में CJI बनने की कतार में हैं। दरअसल CJI संजीव खन्ना की अगुवाई में फुल कोर्ट ने ये फैसला जस्टिस यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास से कथित कैश की बरामदगी की घटना के बाद लिया था...जानें कौन हैं सबसे अमीर जज सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक किया जजों की संपत्ति का ब्यौरा।
सुप्रीम कोर्ट के कितने न्यायाधिशों ने संपत्ति की घोषित
सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल 33 न्यायाधीश हैं, जिसमें से 12 न्यायाधीशों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले से प्राप्त न्यायाधीशों की संपत्ति का विवरण अपलोड किया जा रहा है। अन्य न्यायाधीशों की संपत्ति का विवरण भी प्राप्त होते ही अपलोड कर दिया जाएगा।
CJI संजीव खन्ना के पास कितनी संपत्ति
भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के पास सावधि जमा और बैंक खातों में 55.75 लाख रुपये और सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) में 1.06 करोड़ रुपये हैं, उनकी जमीनी संपत्तियों में दक्षिण दिल्ली में दो बेडरूम का डीडीए फ्लैट और कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज में चार बेडरूम का फ्लैट शामिल है। गुरुग्राम में चार बेडरूम के फ्लैट में भी उनकी 56 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि उनकी बेटी के पास बाकी 44 प्रतिशत हिस्सा है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में विभाजन से पहले के एक पुश्तैनी घर में भी उनकी हिस्सेदारी है।
होने वाले सीजेआई बी आर गवई के पास कितनी संपत्ति
जबकि न्यायमूर्ति बी आर गवई, जो 14 मई को मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालेंगे, के बैंक खातों में 19.63 लाख रुपये और पीपीएफ खाते में 6.59 लाख रुपये हैं। जस्टिस गवई को महाराष्ट्र के अमरावती में एक घर के अलावा मुंबई और दिल्ली में आवासीय अपार्टमेंट भी मिले हैं। सूची के अनुसार, उन्हें अमरावती और नागपुर में कृषि भूमि भी विरासत में मिली है। उन्होंने 1.3 करोड़ रुपये की देनदारी भी घोषित की है।
नियुक्तियों की पूरी प्रक्रिया भी सार्वजनिक
सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में नियुक्तियों की पूरी प्रक्रिया को भी जनता की जागरूकता के लिए वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।
इसमें हाई कोर्ट कॉलेजियम को सौंपी गई भूमिका राज्य सरकारों, भारत सरकार से प्राप्त भूमिका और इनपुट और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के विचार शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या बताया?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस फैसले को लेकर कहा- "उच्चतम न्यायालय की पूर्ण अदालत ने एक अप्रैल 2025 को निर्णय लिया कि इस न्यायालय के न्यायाधीशों की संपत्ति का विवरण उसकी वेबसाइट पर अपलोड करके सार्वजनिक किया जाएगा। पहले से प्राप्त न्यायाधीशों की संपत्ति का विवरण अपलोड किया जा रहा है। अन्य न्यायाधीशों की संपत्ति का विवरण भी प्राप्त होते ही अपलोड कर दिया जाएगा।
वर्मा के खिलाफ आरोपों पर CJI को रिपोर्ट सौंपी
वहीं उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय समिति ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों पर सीजेआई संजीव खन्ना को रिपोर्ट सौंपी। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी एस संधावालिया और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अनु शिवरामन वाली तीन सदस्यीय समिति ने तीन मई को अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया।
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