डी गुकेश ने वर्ल्ड नंबर 1 को फंसाया अपनी शतरंज की चाल में, हार से तिलमिलाए कार्लसन पीटने लगे टेबल!
नॉर्वे चेस 2025 का छठा राउंड वह ऐतिहासिक पल बन गया जब भारत के 18 वर्षीय दिग्गज डी. गुकेश ने शतरंज की दुनिया के बादशाह मैग्नस कार्लसन को उनके ही गढ़ में धूल चटा दी। कार्लसन, जिन्हें क्लासिकल शतरंज में हराना किसी असंभव सपने जैसा माना जाता था, आज गुकेश के सामने बेबस नजर आए। गुस्से में टेबल पर जोरदार थप्पड़ मारकर मैदान छोड़ने वाले कार्लसन का यह रूप दुनिया ने पहली बार देखा, जबकि गुकेश ने शांत भाव से अपनी इस ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाया। यह सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि शतरंज की दुनिया में एक नए युग की शुरुआत थी!
कैसे गुकेश ने कार्लसन को धैर्य की सबक सिखाई?
पूरे मैच के दौरान कार्लसन ने गुकेश पर दबाव बनाने की हर कोशिश की, लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने अपना धैर्य नहीं खोया। सफेद मोहरों से खेलते हुए गुकेश ने कार्लसन की एक छोटी सी गलती का फायदा उठाया और पलटवार करते हुए पूरे गेम को अपने नियंत्रण में ले लिया।
जहां कार्लसन समय के दबाव में गलतियां करते रहे, वहीं गुकेश ने हर चाल को सोच-समझकर चला। मैच के बाद गुकेश ने कहा कि मैंने सिर्फ उन चालों पर फोकस किया जो कार्लसन के लिए मुश्किल थीं।" यह जीत सिर्फ शतरंज की बिसात पर नहीं, बल्कि मानसिक धैर्य की लड़ाई में भी गुकेश की श्रेष्ठता साबित करती है।
कार्लसन के किंग वाले दावे को गुकेश ने दे दिया जवाब?
मैच से पहले कार्लसन ने एक संदेश पोस्ट किया था कि "आप किंग के पास आते हैं, आपको चूकना नहीं चाहिए।" शतरंज प्रशंसकों ने इसे कार्लसन के 'अहंकार' के रूप में लिया, लेकिन गुकेश ने बिना किसी बयानबाजी के बिसात पर ही जवाब दे दिया। मैच के बाद कार्लसन इतने नाराज थे कि उन्होंने बोर्ड छोड़कर तुरंत मैदान से बाहर निकल लिया, जबकि गुकेश ने शांत भाव से अपने कोच को धन्यवाद दिया। शतरंज विशेषज्ञ सुज़ैन पोल्गर ने कहा कि यह कार्लसन के करियर की सबसे दर्दनाक हारों में से एक है। गुकेश की इस जीत ने साबित कर दिया कि अब शतरंज की दुनिया में नए खिलाड़ी पुराने दिग्गजों को चुनौती देने के लिए तैयार हैं।
क्या यह शतरंज की दुनिया में बदलाव का संकेत है?
गुकेश की यह जीत सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि शतरंज की दुनिया में आए बदलाव का संकेत है। कार्लसन, जिन्होंने पिछले एक दशक से शतरंज पर राज किया है, अब नई पीढ़ी के खिलाफ संघर्ष करते नजर आ रहे हैं। गुकेश ने न सिर्फ कार्लसन को हराया, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी झटका दिया है। अब सवाल यह है कि क्या गुकेश कार्लसन के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी बनने जा रहे हैं? अगले कुछ सालों में यह प्रतिद्वंद्विता और भी रोमांचक हो सकती है, क्योंकि गुकेश जैसे युवा खिलाड़ी अब पुराने चैंपियन्स को पीछे छोड़ने के लिए तैयार हैं। आज का मैच साबित करता है कि शतरंज की दुनिया में नए राजाओं का आगमन हो चुका है!
यह भी पढ़ें:
CDS अनिल चौहान के बयान पर हमलावर हुआ विपक्ष, क्या मोदी सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर पर छुपाए थे तथ्य?