शशि थरूर को मोदी सरकार दे सकती है अहम जिम्मेदारी, कांग्रेस ने याद दिलाई ‘लक्ष्मण रेखा’
केंद्र सरकार ने हाल ही में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने के लिए विभिन्न दलों के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजने का निर्णय लिया है। इस प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाना है। सूत्रों के अनुसार, शशि थरूर को इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सौंपने की योजना है। थरूर, जो विदेश मामलों पर संसदीय पैनल के अध्यक्ष हैं, ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई है, लेकिन उन्होंने कहा है कि इस पर अंतिम निर्णय कांग्रेस पार्टी से परामर्श के बाद लिया जाएगा।
अलग-अलग दलों के सांसदों को भेजा जाएगा प्रतिनिधि मंडल में
सरकार ने इसमें विभिन्न दलों के सांसदों को भेजने की योजना बनाई है। इन सांसदों में कांग्रेस के मनीष तिवारी, अमर सिंह, शिवसेना यूबीटी की प्रियंका चतुर्वेदी, बीजेपी के समिक भट्टाचार्य, बीजेडी के सस्मित पात्रा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, एनसीपी-शरद पवार गुट की सुप्रिया सुले समेत कई अन्य सांसदों के नाम शामिल हैं।
शशि थरूर को लेकर कांग्रेस ने दी प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी ने थरूर के इस कदम पर अपनी चिंता व्यक्त की है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि थरूर ने अपने हालिया बयानों से पार्टी की आधिकारिक नीति से भटककर 'लक्ष्मण रेखा' पार की है। हालांकि, थरूर ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उन्होंने हमेशा अपनी व्यक्तिगत राय व्यक्त की है और पार्टी की नीति से कोई भिन्नता नहीं रखी है।
बदल सकती है शशि के करियर की दिशा
शशि थरूर का यह कदम उनके राजनीतिक करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस पार्टी इस मामले में क्या रुख अपनाती है और थरूर इस अवसर का किस प्रकार उपयोग करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मोदी सरकार इस प्रतिनिधिमंडल को 22 मई के आसपास रवाना कर सकती है तथा फिर अगले महीने तीन-चार जून तक वापस आएगा।
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