• ftr-facebook
  • ftr-instagram
  • ftr-instagram
search-icon-img

बंगाल में सियासी उबाल: मिथुन चक्रवर्ती ने राष्ट्रपति शासन लगाने और सेना की निगरानी में चुनाव की मांग की

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी हिंसा पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बंगाल में हिंसा कोई नई बात नहीं है। यह एक सामाजिक कैंसर की तरह फैल रही है जिसे अब रोका जाना चाहिए।
featured-img

वक्फ कानून पर विरोध को लेकर पश्चिम बंगाल एक बार फिर हिंसा की चपेट में है, और इस बार मामला सिर्फ सड़क तक सीमित नहीं रहा – इसकी आंच सीधे राजनीति के गलियारों तक पहुंच गई है। बीजेपी नेता और दिग्गज फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने हाल ही में जो बयान दिया है, उसने राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है। मिथुन ने साफ कहा है कि बंगाल में हालात बेहद चिंताजनक हैं और यहां निष्पक्ष चुनाव तभी हो सकते हैं जब राष्ट्रपति शासन लागू हो और सेना की निगरानी में मतदान हो। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से अपील की है कि राज्य में कानून-व्यवस्था को देखते हुए तुरंत एक्शन लिया जाए।

क्या है बंगाल में हालिया हिंसा की कहानी?

11 अप्रैल को वक्फ बोर्ड संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद, मालदा और दक्षिण 24 परगना के भांगोर इलाके में हिंसा भड़क उठी। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया और आम नागरिकों के घरों पर हमले हुए। हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुई हैं। अर्धसैनिक बलों की तैनाती के बावजूद तनाव बरकरार है।

Mithun Chakraborty Bengal Election

मिथुन चक्रवर्ती ने सत्तारूढ़ TMC पर लगाया बड़ा आरोप

मिथुन का कहना है, “हम बंगाल में दंगे नहीं चाहते। आज की तारीख में राज्य में हिंदुओं को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। तुष्टिकरण की राजनीति चरम पर है और बंगाल हाथ से निकलता नजर आ रहा है।” उनके इस बयान को बीजेपी की बड़ी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, खासकर 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले। कुछ समय पहले ही भाजपा के नेताओं ने कहा भी था कि बंगाल के हिंदू एक होकर इस बार भाजपा को सत्ता में लाएंगे।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री आए आमने-सामने

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी हिंसा पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बंगाल में हिंसा कोई नई बात नहीं है। यह एक सामाजिक कैंसर की तरह फैल रही है जिसे अब रोका जाना चाहिए। चुनाव आते ही राज्य में हिंसा क्यों भड़कती है? दूसरी ओर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पूरे घटनाक्रम को केंद्र सरकार की ‘साजिश’ बताया। उन्होंने अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि आप जिस डाल पर बैठे हैं, उसी को काट रहे हैं। बीजेपी झूठी खबरों के जरिए बंगाल को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।

Mamata Banerjee On Violence

ममता ने भाजपा पर लगाया आरोप

ममता ने यह भी कहा कि हिंसा पूरी तरह से पूर्व-नियोजित थी और इसमें सांप्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश की गई। साथ ही उन्होंने यह दावा भी किया कि टीएमसी का इस हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि फर्जी मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए सच्चाई को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।

चुनाव से पहले रणनीति तेज

राज्य में जल्द होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए, राजनीतिक दल अब एक्टिव मोड में आ गए हैं। बंगाल की मुस्लिम आबादी एक बड़ी चुनावी ताकत है और ऐसे में वक्फ बोर्ड विवाद और इसके चलते हुई हिंसा को दोनों पक्ष अपने-अपने तरीके से भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में अभी यह देखना होगा कि क्या राज्य में आने वाले समय में हिंसा बढ़ेगी अथवा राज्य में शांतिपूर्वक चुनाव होंगे और वहां चल रही तुष्टिकरण की राजनीति पर लगाम लगेगी।

यह भी पढ़ें:

Murshidabad Violence: मुर्शिदाबाद में अब होने वाला है बड़ा एक्शन ! शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर हाईकोर्ट ने क्या कहा?

Waqf Act: वक्फ बाय यूजर तो मंदिर बाय यूजर क्यों नहीं? वक्फ एक्ट पर सुनवाई के बाद नई बहस

Bengal violence: वक्फ कानून पर यूपी–बिहार का मुसलमान बेफिक्र तो बंगाल को कौन सुलगा रहा?

.

tlbr_img1 होम tlbr_img2 शॉर्ट्स tlbr_img3 वेब स्टोरीज tlbr_img4 वीडियो tlbr_img5 वेब सीरीज