Thursday, July 24, 2025
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मौलाना रशीदी ने पहली बार बीजेपी को क्यों दिया वोट? कांग्रेस और AAP को लेकर क्या बोले?

मौलाना रशीदी ने दिल्ली चुनाव में पहली बार बीजेपी को वोट दिया। जानिए उन्होंने क्यों कांग्रेस और AAP पर निशाना साधा और बीजेपी को समर्थन दिया। पूरी खबर पढ़ें।
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दिल्ली विधानसभा चुनाव में 5 फरवरी को वोटिंग हुई। एग्जिट पोल में दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच कड़ी टक्कर का अनुमान जताया जा रहा है। दिल्ली के इन चुनावों के बीच एक और बात सामने आई, जो चर्चा का विषय बनी है। यह बयान दिया है मौलाना मोहम्मद साजिद रशीदी ने, जो ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। मौलाना रशीदी ने दावा किया है कि इस बार उन्होंने अपनी जिंदगी में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) को वोट दिया है।

इससे पहले कभी भी वह बीजेपी के समर्थन में नहीं थे, लेकिन इस बार उनका वोट बीजेपी को गया। आइए जानते हैं, मौलाना रशीदी ने बीजेपी को वोट क्यों दिया और कांग्रेस और AAP पर उनका क्या कहना था।

पहली बार बीजेपी को वोट क्यों दिया?

मौलाना रशीदी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपना वोट दिखाते हुए यह खुलासा किया कि उन्होंने इस बार बीजेपी को वोट दिया है। वीडियो में वह कहते हैं, "दोस्तों, मैंने वोट कर दिया है। दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी, इसके लिए मैंने यह वोट किसे किया है, यह जानकर आपको हैरानी होगी। मैंने यह वोट भारतीय जनता पार्टी को दिया है। यह मेरी जिंदगी का पहला मौका है जब मैंने बीजेपी को वोट किया है।"

 AIIA के प्रमुख मौलाना साजिद रशीदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी को वोट देने का दावा किया है.

रशीदी ने कहा कि अब तक यह आरोप लगता रहा है कि मुसलमान हमेशा बीजेपी को हराने के लिए वोट करते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने बीजेपी को वोट इसलिए दिया क्योंकि वह मानते हैं कि दिल्ली में बीजेपी का जीतना जरूरी है। उनका कहना था कि अगर बीजेपी जीतती है तो यह दिल्ली के लिए फायदेमंद होगा।

कांग्रेस और AAP पर किया हमला

मौलाना रशीदी ने वीडियो में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) को भी निशाने पर लिया। उनका कहना था कि बीजेपी को मुसलमानों के लिए अछूत नहीं मानना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को भी आलोचना की। रशीदी ने कहा, "पिछले चुनावों में कांग्रेस ने मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मुस्लिम बस्तियों में वोट मांगने के लिए नहीं आए।" इसके बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) पर भी आरोप लगाए कि अरविंद केजरीवाल ने मुस्लिम बस्तियों में रैलियां नहीं कीं और मुस्लिम नेताओं के साथ मंच भी साझा नहीं किया।

ये भी पढ़ें- दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: इन 5 आंकड़ों से जानिए कौन बनाएगा दिल्ली में सरकार!

रशीदी ने यह भी कहा कि मुसलमानों को इन पार्टियों का बंधुआ मजदूर नहीं बनना चाहिए। उनका कहना था, "जब हमें सिर्फ वोट के लिए याद किया जाता है, तो हम इन पार्टियों के लिए बंधुआ मजदूर क्यों बनें?"

हमें BJP को दुश्मन की तरह नहीं देखना चाहिए

मौलाना रशीदी ने बीजेपी के समर्थन में कहा कि मुसलमानों को यह समझने की जरूरत है कि बीजेपी भी एक राजनीतिक पार्टी है, और हमें उसे दुश्मन की तरह नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा, "अगर हम बीजेपी को वोट देंगे, तो हमें यह अधिकार मिलेगा कि हम अपनी मांगें उनके सामने रखें। हमें यह सोचने की जरूरत है कि बीजेपी हमारे दुश्मन नहीं है। यह कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की तरह एक और राजनीतिक पार्टी है।"

रशीदी ने आगे कहा कि मुसलमानों को अपनी राजनीतिक सोच में बदलाव लाने की जरूरत है, क्योंकि जो पार्टियां हमें वोट के बाद भूल जाती हैं, उनके साथ हमें क्यों खड़ा रहना चाहिए?

 AIIA के प्रमुख मौलाना साजिद रशीदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी को वोट देने का दावा किया है.

केजरीवाल ने मुस्लिम बस्तियों से बनाई दूरी

दिल्ली चुनाव में एक अहम मुद्दा यह भी बन गया है कि अरविंद केजरीवाल ने मुस्लिम बस्तियों में रैलियां क्यों नहीं कीं। रशीदी ने इस बात को लेकर केजरीवाल पर तंज कसा और कहा कि अगर केजरीवाल ने मुस्लिम बस्तियों में रैलियां की होतीं, तो आम आदमी पार्टी को फायदा हो सकता था। उन्होंने कहा, "अगर केजरीवाल मुस्लिम बस्तियों में रैलियां करते, तो शायद उनका प्रभाव और बढ़ता।"

क्या मौलाना रशीदी का बयान मुस्लिम समुदाय को प्रभावित करेगा?

मौलाना रशीदी का यह बयान मुस्लिम समुदाय के लिए एक बड़ा संदेश हो सकता है। उनके इस बयान से यह साफ है कि अब समय आ गया है जब मुसलमानों को अपनी राजनीति में बदलाव लाने की जरूरत है। उनका मानना है कि हमें बीजेपी को दुश्मन नहीं समझना चाहिए। इस बयान से यह उम्मीद जताई जा रही है कि मुस्लिम वोटरों की सोच में बदलाव आ सकता है।

दिल्ली में मुस्लिमों का एक बड़ा वोट बैंक है, और रशीदी का यह बयान उस वोट बैंक को प्रभावित कर सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या दिल्ली के मुसलमान बीजेपी को लेकर अपनी सोच में बदलाव लाते हैं या नहीं।

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