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जस्टिस वर्मा के खिलाफ आज आ सकता है महाभियोग! लोकसभा में पेश होगा प्रस्ताव- सूत्र

इस मामले में लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) आज समिति के गठन का ऐलान कर सकते है। ये समिति उन सभी आधारों की जांच करेगी...
04:08 PM Jul 24, 2025 IST | srkauthor
इस मामले में लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) आज समिति के गठन का ऐलान कर सकते है। ये समिति उन सभी आधारों की जांच करेगी...
  1. आज लोकसभा में जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने की प्रक्रिया हो सकती है शुरू
  2. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला आज समिति के गठन का कर सकते है ऐलान
  3. समिति उन सभी आधारों की करेगी जांच, जिस पर जस्टिस वर्मा को हटाने की की जा रही है मांग
  4. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के आवास पहुचें केंद्रिय गृहमंत्री अमित शाह

संसद का मानसून सत्र चल रहा है विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है, कभी पहलगाम हमले पर तो कभी ऑपरेशन सिंदूर पर बात, जिससे सरकार की तरफ से लगातार बैठक पर बैठक की जा रही है। पहले केंद्रिय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के आवास पहुचें और कई मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। सदन को कैसे चलाया जाए ? लंबित बिल कैसे पास कराया जाए ? जैसे तमाम मुद्दों पर बात हुई। लेकिन एक मुद्दा ऐसा है जिसको लेकर विपक्ष पूरी तरह से हमवार है, वो मुद्दा है जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) को हटाने की प्रक्रिया का जिसे आज लोकसभा में शुरू की जा सकती है। इस मामले में लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) आज समिति के गठन का ऐलान कर सकते है। ये समिति उन सभी आधारों की जांच करेगी, जिस पर जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) को हटाने की मांग की जा रही है।

इसी साल मार्च के महिने में जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली में स्थित घर पर आधे जले हुए नोटों की गड्डीया मिली थी। दरसल, मार्च 2025 को जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली (Delhi) स्थित सरकारी आवास से आधे जले नोटों की गड्डिया मिली थीं, जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) से जस्टिस वर्मा का ट्रांसफर यूपी के इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में कर दिया गया था।

जस्टिस वर्मा को हटाने की प्रकिया हो गई शुरु!

ससंद के मानसून सत्र के तिसरे दिन लोकसभ में जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने की प्रक्रिया के आखिरी चरण तक पहुचाने के लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) और राज्यसभा के कार्यवाहक सभापति हरिवंश (Harivansh) की बैठक हुई। इस दौरान दोनों सदनों के महासचिव समेत और भी अधिकारी मौजूद थे। हालाकिं, इस बैठक में केंद्रिय गृहमंत्री अमित शाह बाद में शामिल हुए। यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए कल 152 सदस्यों के हस्ताक्षर वाला नोटिस लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को दिया गया, जिनमें सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही तरफ के सांसद शामिल हैं। वहीं, राज्यसभा में दिए गए नोटिस पर सिर्फ विपक्ष के 63 सांसदों के हस्ताक्षर हैं। न्यायाधीश (जांच) अधिनियम के अनुसार, जब एक ही दिन संसद के दोनों सदनों में महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस दिया जाता है तो दोनों सदनों के अध्यक्ष संयुक्त रूप से जांच समिति का गठन करते हैं।

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ओम बिरला ने स्वीकार किया लेकिन जगदीप धनखड़ के नोटिस स्वीकार ने पर संदेह

इस मामले में कानून के जानकारों का कहना है कि लेकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) को लोकसभा के 152 सदस्यों के सिग्नेचर वाला नोटिस मिला तो उन्होंने इसे फौरन स्वीकार कर लिया और जस्टिस वर्मा (Jusitsce Yashvant Verma) को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई, लेकिन दूसरी तरफ ऐसा लगता है की राज्यसभा के तत्कालीन सभापति जददीप धनखड़ ने ये नोटिस एक्सेपट नहीं किया था और बस उसका जिक्र भर करके चुप्पी साध ली थी। ऐसे में अगर लोकसभा और राज्यसभा यानि की दोनों सदनों के अध्यक्ष इस नोटिस स्वीकार करते तो उसे दोनों सदनों में पारित करना ही पड़ता, और इसके बाद दोनों संयुक्त समिति गठित करते। इस मामले में मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सभापति रहते जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankar) ने इस नोटिस का जिक्र किया था, लेकिन अब जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद इस समिति के गठन के लिए मौजूदा राज्यसभा के कार्यवाहक सभापति हरिवंश (Harivansh) से सलाह ली जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में कल संसद भवन में मिले अमित शाह

जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में कल दिल्ली में संसद भवन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पीएम मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात की थी, अमित शाह और पीएम मोदी की यह बैठक उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे और एसआईआर समेत विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के विरोध के कारण संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही में लगातार व्यवधान को लेकर हुई।

लोकसभा और राज्यसभा के द्वारा बनाई गई समिति ने अगर दोषी पाया तो आएगा प्रस्ताव

इस मासमे में सूत्रों के मुताबिक, जांच के लिए तीन सदस्यीय वैधानिक समिति का ऐलान आज हो सकता है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के एक जज और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और एक कानूनविद् शामिल किए जाएंगे। अगर ये समिति जस्टिस यशवंत वर्मा को दोषी पाती है तो लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव पेश किया जाएगा और फिर इस मसले पर विस्तृत चर्चा के बाद इस पर मतदान होगा और उसके पारित कराने के लिए संदन में दो तिहाई बहुमत की आवश्कता होगी। और जब लोकसभा में ये पारित हो जाएगा तो फिर उसके बाद राज्यसभा में पेश किया जाएगा और लोकसभा की तरह वही प्रकिया दोहराई जाएगी।

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