'AI से बनाया गया वीडियो है', BJP नेता मनोहर धाकड़ ने हाईवे सेक्स कांड पर पेश की सफ़ाई
Mandsaur Expressway Scandal: मध्य प्रदेश के मंदसौर में हाइवे पर एक महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाते हुए वायरल हुए वीडियो में दिखाए गए BJP नेता मनोहर धाकड़ ने अब नया दावा किया है कि "यह वीडियो AI से बनाया गया है!" जमानत मिलने के बाद धाकड़ और उनके वकील ने वीडियो की सच्चाई पर सवाल उठाते हुए फॉरेंसिक जांच की मांग की है। लेकिन सवाल यह है कि क्या वाकई AI का इस्तेमाल करके किसी को फंसाने की कोशिश की गई है, या फिर यह सिर्फ एक बचाव की रणनीति है? जबकि NHAI ने वीडियो लीक करने के आरोप में तीन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है, BJP ने भी धाकड़ से किनारा कर लिया है।
सफ़ाई पेश करते हुए क्या बोले धाकड़?
मनोहर धाकड़ ने आजतक से बातचीत में कहा कि वायरल वीडियो में दिख रही कार उनकी नहीं है, क्योंकि वह उसे पहले ही बेच चुके हैं। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक जांच के बाद सच सामने आएगा।" लेकिन सवाल यह है कि अगर वह निर्दोष हैं, तो केस के बाद इतने दिनों तक छिपे क्यों रहे? इस पर धाकड़ का जवाब था कि"मेरी इमेज खराब हो रही थी, इसलिए छिपा रहा। वहीं, उनके वकील संजय सोनी ने दावा किया कि "AI के जमाने में वीडियो एडिट करना आसान है, इसलिए जांच होनी चाहिए। लेकिन अभी तक पुलिस या कोर्ट ने इस दावे को स्वीकार नहीं किया है।
NHAI और BJP की कार्रवाई से क्या मिले संकेत?
इस मामले में NHAI (नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए सीसीटीवी फुटेज लीक करने के आरोप में अपनी मॉनिटरिंग कंपनी के तीन कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। इससे साफ होता है कि वीडियो असली हो सकता है। वहीं, BJP ने भी धाकड़ से तुरंत दूरी बना ली है। मंदसौर BJP के जिला अध्यक्ष राजेश दीक्षित ने साफ किया कि "मनोहर धाकड़ पार्टी के किसी भी पद पर नहीं हैं।" यह संकेत है कि पार्टी भी इस मामले में धाकड़ के बचाव में नहीं आना चाहती।
क्या सच में डीपफेक टेक्नोलॉजी का हुआ इस्तेमाल?
धाकड़ और उनके वकील का AI वाला दावा एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि क्या भारत में अब डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे या बदनामी के लिए किया जा रहा है? हाल ही में कई केस सामने आए हैं, जहां AI से बनाए गए फर्जी वीडियो और ऑडियो का इस्तेमाल हुआ है।
लेकिन क्या यह वीडियो भी उसी श्रेणी में आता है? फिलहाल पुलिस इसकी जांच कर रही है, लेकिन अगर धाकड़ का दावा सच साबित होता है, तो यह केस भारत में डिजिटल अपराध और AI के दुरुपयोग पर एक बड़ी बहस छेड़ देगा।
क्या धाकड़ बच पाएंगे या फिर जांच में आएगी सच्चाई?
यह मामला अब सिर्फ एक सेक्स स्कैंडल नहीं रहा, बल्कि टेक्नोलॉजी और कानून के बीच एक जटिल बहस बन गया है। अगर वीडियो असली निकला, तो धाकड़ के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। लेकिन अगर यह वाकई AI से बनाया गया फर्जी वीडियो है, तो यह केस भारत में डीपफेक क्राइम से निपटने के लिए नए कानूनों की मांग को बल देगा। फिलहाल, सच्चाई सामने आने तक यह मामला राजनीति और सोशल मीडिया पर गर्म बहस का विषय बना रहेगा।
यह भी पढ़ें:
मोदी राज के 11 साल: अर्थव्यवस्था से लेकर डिजिटल इंडिया और डिफेंस तक, कैसे बदला नया भारत?