एनडीए की दिल्ली बैठक का बड़ा संदेश, बिहार चुनाव जीतने के लिए भरी हुंकार
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की दिल्ली में हुई अहम बैठक ने भारतीय राजनीति में नए संकेत दे दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस हाई लेवल मीटिंग में 20 राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मौजूद रहे। इस बैठक से तीन बड़े संदेश निकले—राष्ट्र की सुरक्षा पर सरकार की निर्णायक भूमिका की तारीफ, जातिगत जनगणना का समर्थन और बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी। बैठक का फोकस सिर्फ योजनाओं और विकास की बातों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें चुनावी समीकरण, सामाजिक न्याय और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर विषयों पर भी साफ रणनीतिक रुख सामने आया।
ऑपरेशन सिंदूर पर एकजुट समर्थन
बैठक में सबसे पहले 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय सेना की सराहना करते हुए प्रस्ताव पास किया गया। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने आम भारतीयों में गर्व और आत्मविश्वास का संचार किया है।” उन्होंने मोदी सरकार के साहसिक फैसलों की तारीफ करते हुए कहा, "जो हमसे टकराएगा, वह मिट्टी में मिल जाएगा" अब सिर्फ नारा नहीं, बल्कि भारत की नई रणनीति है। प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान—"मेरी नसों में लहू नहीं, गरम सिंदूर दौड़ता है"—का हवाला देते हुए शिंदे ने कहा कि देश को अपने प्रधानमंत्री पर गर्व है। उन्होंने इसे एक निर्णायक और पराक्रमी नेतृत्व का प्रतीक बताया जो हर सुरक्षा चुनौती का डटकर सामना करता है।
जातिगत जनगणना पर साफ रुख, बिहार पर खास नजर
बैठक में दूसरा बड़ा प्रस्ताव था जातिगत जनगणना का समर्थन। यह प्रस्ताव विशेष रूप से बिहार जैसे राज्यों के सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखकर पारित किया गया। जातिगत आंकड़ों को समर्थन देना यह दिखाता है कि एनडीए सामाजिक न्याय के मसले पर भी स्पष्ट रुख रखती है और विपक्ष को इस मुद्दे पर एकाधिकार नहीं लेने देना चाहती। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बैठक में मौजूदगी और इस प्रस्ताव पर सहमति आने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति का एक मजबूत संकेत है। ऐसा प्रतीत होता है कि एनडीए, जातिगत राजनीति के मैदान में विपक्ष को सीधी टक्कर देने की तैयारी कर चुका है।
‘राष्ट्र सर्वोपरि’ का संदेश—सुरक्षा नीति पर सख्त रुख
बैठक में एकनाथ शिंदे ने कहा कि भारत अब आतंकवाद या परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत हर आतंकी हमले का जवाब अपने शर्तों पर देगा। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया को अब यह समझने की जरूरत है कि भारत की सुरक्षा और संप्रभुता सर्वोपरि है, और इस पर किसी तरह का समझौता नहीं होगा। प्रधानमंत्री मोदी के इस दृष्टिकोण को ‘राजनेता से बढ़कर, एक स्टेट्समैन’ का विजन बताया गया—जो दुनिया को भारत की स्पष्ट नीति और एकता का संदेश देता है।
बिहार चुनाव की तैयारी और NDA की मजबूती
यह बैठक महज औपचारिकता नहीं थी। यह NDA-3 के गठन के बाद पहली बड़ी बैठक थी जिसमें बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर गंभीर रणनीतिक संकेत दिए गए। एनडीए की कोशिश साफ है—जातिगत संतुलन, सुशासन और विकास के नाम पर जनता का भरोसा फिर से जीतना। बैठक में 18 उपमुख्यमंत्री, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई बड़े नेता शामिल थे। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी ने बैठक की अहमियत और बढ़ा दी।
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