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कौन बनाता है जासूस, कैसे चलता है नेटवर्क…जानें SPY की दुनिया के बारे में

Spy News: दुनिया की हर बड़ी एजेंसी मुखबिरों की सेना तैयार करती है, जो खतरनाक भी होते हैं और चालाक भी.
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Spy News: दुनिया की हर बड़ी एजेंसी मुखबिरों की सेना तैयार करती है, जो खतरनाक भी होते हैं और चालाक भी. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय एजेसियों ने बहुत से जासूस पकड़े हैं जिनमें यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का नाम भी है तो सवाल उठता है कि आखिर कैसे एक सामान्य सी ब्लागर गद्दारी पर उतर आती है. कौन बनाता है जासूस और कैसे चलता है इनका नेटवर्क. ज्योति मल्होत्रा, तारीफ, अरमान, गजाला, राकिब, देवेंद्र सिंह, प्रियंका सेनापति…लिस्ट लंबी है. नाम कई हैं. पूरा देश इन नामों को हिकारत की नजर से देख रहा है. देश में रहकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप 13 लोगों पर लगा है.

जासूसी की पाठशाला

इनमें से 8 पहले पाकिस्तानी एंबेसी के संपर्क में आए और फिर जासूसी करने लगे. यानी दिल्ली में मौजूद पाकिस्तानी एंबेसी ने जासूसी की पाठशाला खोली है और हमारे लोगों को ही हमारे खिलाफ तैयार किया जा रहा था. पकड़े गए लोगों में से कईयों को पाकिस्तानी वीजा आसानी से दिलवाने, पाकिस्तानी नागरिकता और पैसे का लालच दिया गया. आरोपी जासूसों की लिस्ट में जो नाम सबसे चर्चा में है, वो है ज्योति मल्होत्रा का. कई बार पाकिस्तान गई ज्योति मल्होत्रा की तस्वीरें और वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल हैं. ज्योति से लगातार सवाल जवाब किए जा रहे हैं. लेकिन ज्योति जांच एजेंसियों को गुमराह कर रही है.

एजेंसियों को घुमा रही ज्योति

पाक हैंडलर्स की जानकारी पर जवाब नहीं दे रही है. ISI की ओर से फंडिंग पर भी वो गोलमोल जवाब दे रही है. पाकिस्तान और चीन की यात्रा को वो स्पॉन्सर्ड बता रही है. ज्योति 2023 में पाकिस्तान का वीजा लगवाने दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन गई थी. वहां पर दानिश नाम के शख्स से उसकी मुलाकात हुई. दोनों की बातचीत होनी लगी और गहरा संबंध बन गया. पाकिस्तान गई तो दानिश के कहने पर अली अहवान से मिली. वहां अली ने ही उसके रुकने, ठहरने और घूमने का इंतजाम किया. ज्योति से अब दानिश के बारे में सवाल पूछे जा रहे हैं तो वो इस पर कुछ नहीं बोल रही है.

ज्योति की गिरफ्तारी के बाद जब उसको पुलिस उसके घर लेकर गई थी, वहां उसने एक डायरी में ये नोट लिखा था. ज्योति की गिरफ्तारी के वक्त का नोट सामने आया. डायरी में ज्योति ने नोट लिखा था. ज्योति ने लिखा, सविता को कहना फ्रूट्स ला दे. ज्योति ने लिखा-घर का ख्याल रखें, जल्दी आ जाऊंगी. ज्योति जब पाकिस्तान गई तो वो मरियम नवाज से भी मिली. मरियम नवाज पाकिस्तान प्रांत की मुख्यमंत्री हैं. पूर्व पीएम नवाज शरीफ की बेटी हैं. दोनों के बीच कुछ देर तक बातचीत भी हुई. अब सवाल ये है कि मरियम नवाज आखिर ज्योति से क्यों मिली. दोनों में क्या बात हुई.

क्या है हनीट्रैप?

खुफिया या जासूसी तकनीक
किसी व्यक्ति को फंसाकर जानकारी निकालना
आमतौर पर सुंदर महिलाओं का इस्तेमाल
कई एजेंसियों ने पुरुषों का भी इस्तेमाल किया

हनीट्रैप का मकसद

अहम पद पर बैठे शख्स से गुप्त जानकारी निकालना
किसी व्यक्ति को ब्लैकमेल करके कंट्रोल करना
उससे अपने देश या एजेंसी के लिए काम करवाना
उसकी छवि खराब करना, करियर बर्बाद करना

हनीट्रैप एजेंट की खासियत

दिखना जरूरी
बातें बनाने में माहिर
का खेल खेल सकें
झूठ बोलने में माहिर

कौन सी एजेंसियां करती हैं इस्तेमाल?

KGB
मोसाद
CIA
ISI

Spy Racket Busted India

हनीट्रैप के 3 चरण

पहला चरण: संपर्क और भरोसा जीतना
किसी पार्टी या सोशल मीडिया के जरिए संपर्क
मकसद टारगेट का विश्वास हासिल करना

दूसरा चरण: भावनात्मक रिश्ता बनाना

बातचीत को निजी और गहरा बनाया जाता है
अंतरंग बातचीत या तस्वीरों का आदान-प्रदान

तीसरा चरण: ब्लैकमेलिंग

निजी चैट्स, तस्वीर या वीडियो मिलने के बाद ब्लैकमेलिंग शुरू – गोपनीय जानकारी न देने पर निजी बातें सार्वजनिक करने की धमकी
हनीट्रैप से राज उगलवाने में एक जासूस बहुत मशहूर है, और उसका नाम है माता हरि. नीदरलैंड मूल की माता हरि का मतलब है सूरज की आंख. माता हरि ने पहले विश्वयुद्ध में जर्मनी को ऐसी जानकारियां दी जो उसके लिए काफी अहम साबित हुई.

आखिर क्या है माता हरि की पूरी कहानी…

माता हरि सबसे मशहूर महिला जासूस रही है. 1900 में पेरिस में एक्सोटिक डांसर के तौर पर वह मशहूर थी. उसके फ्रांसीसी-जर्मन दोनों सैन्य अधिकारियों के साथ रिश्ते थे. वो पहले विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस-जर्मनी की डबल एजेंट थी. उसे फ्रांस ने भर्ती किया लेकिन उसने जर्मनी के लिए जासूसी की.

माता हरि ने हनीट्रैप से सैन्य अफसरों से कई राज़ उगलवाए. जर्मन सेना के रिकॉर्ड में एजेंट H-21 कहा गया. फ्रांस ने माता हरि का कोडेड वायरलेस संदेश इंटरसेप्ट किया था. 1917 में फ्रांस ने उसे गिरफ्तार किया और मौत की सजा दी.

लोग क्यों बनते हैं जासूस?

खुफिया जानकारी जुटाने के लिए
अपने देश की सुरक्षा के लिए
युद्धकाल में सैन्य जानकारी जुटाने के लिए
पैसों के लालच में भी जासूसी का काम
विचारधारा से प्रभावित होकर जासूसी

जासूसी को कैसे रोक सकते हैं?

आसपास कड़ी निगरानी
मजबूत डिजिटल सुरक्षा
देश के जागरूक नागरिक
काउंटर खुफिया जानकारी
संदिग्ध गतिविधियों पर नजर

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