• ftr-facebook
  • ftr-instagram
  • ftr-instagram
search-icon-img

कौन हैं कश्मीर के नायक DGMO राजीव घई, जिनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने तोड़ा पाकिस्तान का घमंड

भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को हुए संघर्षविराम समझौते ने दोनों देशों के बीच तनाव को कुछ शांत किया। इस समझौते के बाद 12 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ (Director General of Military Operations) के बीच वार्ता...
featured-img

भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को हुए संघर्षविराम समझौते ने दोनों देशों के बीच तनाव को कुछ शांत किया। इस समझौते के बाद 12 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ (Director General of Military Operations) के बीच वार्ता होने जा रही है, जो बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। भारत की ओर से इस वार्ता में नेतृत्व करेंगे लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, जो अपनी रणनीतिक योजनाओं और कश्मीर के मामले में गहरी समझ के लिए प्रसिद्ध हैं।

कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई?

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई भारतीय सेना के एक अत्यंत अनुभवी और रणनीतिक सोच वाले अधिकारी हैं, जिन्होंने अक्टूबर 2024 में डीजीएमओ का पद संभाला था। इससे पहले, वह श्रीनगर की चिनार कोर (15वीं कोर) के कमांडिंग इन चीफ रहे थे, जहां उन्होंने कश्मीर घाटी में आतंकवाद के खिलाफ कई सफल ऑपरेशंस का नेतृत्व किया था। उनका विशेष अनुभव नियंत्रण रेखा (LOC) और कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ अभियानों में रहा है।

आतंकवादियों की रीढ़ तोड़ने का अभियान

राजीव घई की प्रमुख पहचान कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ उनके सशक्त अभियानों से है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी समूहों के अड्डों की पहचान कर भारतीय सेना के हमले में इनको नष्ट कर दिया। यह कदम कश्मीर में आतंकवादियों की रीढ़ तोड़ने वाला था, और इससे भारतीय सेना को क्षेत्र में एक निर्णायक बढ़त मिली।

Indian army DGMO Rajiv Ghai

राजीव घई का सेना में योगदान और डीजीएमओ का महत्व

भारतीय सेना में डीजीएमओ की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है। यह अधिकारी सेना प्रमुख के फैसलों में अहम योगदान निभाता है, और सेना की रणनीतियों को सही दिशा में मार्गदर्शन करता है। राजीव घई की नेतृत्व क्षमता और गहरी सैन्य समझ उन्हें कश्मीर और नियंत्रण रेखा (LOC) पर भारत की रक्षा रणनीतियों को मजबूती से लागू करने का अवसर देती है।

भारत और पाकिस्तान में डीजीएमओ की रैंक

भारत में डीजीएमओ की रैंक थ्री-स्टार लेफ्टिनेंट जनरल होती है, जबकि पाकिस्तान में यह रैंक दो-स्टार मेजर जनरल की होती है। भारत की सेना पाकिस्तान के मुकाबले लगभग तीन गुना बड़ी है, और भारतीय रिजर्व सैनिकों की संख्या भी पाकिस्तान के मुकाबले कहीं अधिक है। इस वार्ता में दोनों देशों के सैन्य ऑपरेशन महानिदेशक एक दूसरे से बातचीत करेंगे और सीमा पर शांति बनाए रखने के उपायों पर चर्चा करेंगे। यह वार्ता शांति और सुरक्षा के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, क्योंकि दोनों देशों के बीच सेना के प्रमुख अधिकारियों के बीच सीधी बातचीत हमेशा से ही तनाव को कम करने में सहायक रही है।

भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ वार्ता: शांति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम

10 मई को हुए संघर्षविराम के बाद, भारत और पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ स्तर पर वार्ता का आयोजन हो रहा है, जो दोनों देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भारतीय पक्ष की ओर से यह वार्ता लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई करेंगे, जबकि पाकिस्तान की ओर से मेजर जनरल कासिफ अब्दुल्ला वार्ता में भाग लेंगे। यह वार्ता हॉटलाइन पर होगी, जैसे कि 2021 में संघर्षविराम समझौते के समय भी डीजीएमओ स्तर पर ही सहमति बनी थी।

वार्ता की अहमियत और भविष्य की दिशा

भारत और पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ स्तर पर होने वाली वार्ता का मुख्य उद्देश्य सीमा पर शांति और सद्भाव बनाए रखना है। दोनों देशों के सैन्य ऑपरेशनों के महानिदेशक एक-दूसरे से सीधी बातचीत करके समन्वय बनाए रख सकते हैं, जिससे सीमा पर किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सकता है।

यह भी पढ़ें:

भारत ने मॉर्डन एयर डिफेंस की क्षमता का बेहतरीन प्रदर्शन किया… जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका की कॉम्बैट ड्रेस ने बताया, भारत है तैयार!

हमले से लेकर सीजफायर तक... सेना अधिकारियों ने दी पूरी जानकारी, कहा- जरुरत पड़ी तो फिर होगी कार्रवाई

.

tlbr_img1 होम tlbr_img2 शॉर्ट्स tlbr_img3 वेब स्टोरीज tlbr_img4 वीडियो tlbr_img5 वेब सीरीज