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उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से तबाही: 47 मजदूर बर्फ में फंसे, जानिए क्यों टूटते हैं ग्लेशियर?

चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से हड़कंप, 47 मजदूर बर्फ में फंसे। जानिए ग्लेशियर टूटने के कारण और इसके खतरनाक प्रभाव।
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Uttarakhand Glacier Breakup: उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही मच गई है। इस घटना में 47 मजदूर बर्फ में दब गए हैं, जबकि 10 को रेस्क्यू कर लिया गया है। बता दें कि ये मजदूर बद्रीनाथ धाम में चल रहे एक सड़क निर्माण कार्य में लगे हुए थे। वहीं ग्लेशियर टूटने की यह घटना (Uttarakhand Glacier Breakup) उत्तराखंड में पहली बार नहीं हुई है। आइए जानते हैं कि ग्लेशियर क्यों टूटते हैं और इस तरह की तबाही कैसे मचाते हैं।

ग्लेशियर टूटने के कारण

ग्लेशियर टूटने की वजह को दो भागों में बांट कर समझ सकते हैं। इसके टूटने के प्रमुख कारण प्राकृतिक ही होते हैं, वहीं कुछ मानवीय कारण भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। जानें इसे विस्तार से...

1.गिलेशियर टूटने के प्राकृतिक कारण

तेज बारिश और बर्फ पिघलना: अत्यधिक बारिश और तापमान में वृद्धि के कारण बर्फ पिघलती है, जिससे ग्लेशियर का आकार बदलता है और वह टूट जाता है।

ग्लोबल वार्मिंग: बढ़ता तापमान ग्लेशियर को अस्थिर बना रहा है, जिससे उनके टूटने की घटनाएं बढ़ रही हैं।

भूकंपीय गतिविधियां: धरती के नीचे होने वाली टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल भी ग्लेशियर को कमजोर करती है, जिससे वे टूट जाते हैं। अभी हाल ही में दिल्ली NCR से लेकर नेपाल और भूटान तक भूकंप की घटना देखी गईं हैं।

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2.गिलेशियर टूटने के मानवीय कारण

पेड़ों को कटना: वनों की कटाई से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ता है, जो ग्लेशियर को प्रभावित करता है।

निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट: ग्लेशियर के पास बनाए जाने वाले टनल, हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट और अन्य निर्माण कार्य ग्लेशियर को कमजोर करते हैं।

प्रदूषण: ग्लेशियर के आसपास बढ़ता पर्यटन और प्रदूषण भी इनके टूटने (Uttarakhand Glacier Breakup) का कारण बनता है।

ग्लेशियर कैसे बनते हैं?

बता दें कि ग्लेशियर बर्फ के विशाल खंड होते हैं, जो सालों तक बर्फ के जमने और दबाव के कारण बनते हैं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के अनुसार, जब बर्फ गर्म पानी या हवा के संपर्क में आती है, तो वह पिघलने लगती है। ग्लेशियर धीरे-धीरे खिसकते हैं और अपने साथ चट्टानों और मलबे को ले जाते हैं। यह प्रक्रिया ग्लेशियर के टूटने और तबाही का कारण बनती है।

उत्तराखंड में जारी बचाव अभियान

चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद ITBP (इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस) और गढ़वाल स्काउट की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। मौसम की खराब स्थिति के बावजूद बचाव कार्य जारी है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना (Uttarakhand Glacier Breakup) पर दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट करके बताया कि "जनपद चमोली में माणा गांव के निकट BRO द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन की वजह से कई मजदूरों के दबने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ।

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