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अब भारत किसी के आगे झुकता नहीं... अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट ने ऑपरेशन सिंदूर पर लगाई मुहर

USA Report On Operation Sindoor: भारत की रक्षा नीति में बीते कुछ वर्षों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. यूएसए ने एक रिपोर्ट में कई जानकारी दीं।
04:00 PM May 25, 2025 IST | Pushpendra Trivedi
USA Report On Operation Sindoor: भारत की रक्षा नीति में बीते कुछ वर्षों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. यूएसए ने एक रिपोर्ट में कई जानकारी दीं।

USA Report On Operation Sindoor: भारत की रक्षा नीति में बीते कुछ वर्षों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की डिफेंस स्ट्रैटजी अब सिर्फ सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि वैश्विक नेतृत्व की दिशा में बढ़ते कदमों का अहम हिस्सा बन गई है. चीन के साथ जारी तनाव हो या पाकिस्तान के साथ हुआ हालिया संघर्ष, भारत की नीति अब स्पष्ट और दृढ़ दिखाई दे रही है. ये बातें हम नहीं बल्कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद अमेरिकी की एक खुफिया रिपोर्ट में कही गई है. इसमें कहा गया है कि- भारत अब किसी के आगे झुकता नहीं.

अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा

इस रिपोर्ट को चीन और पाकिस्तान के संदर्भ में तैयार किया गया है. इसमें कहा गया है कि 2024 के अंत में भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में दो विवादित क्षेत्रों से सेनाओं की वापसी पर सहमति बनी थी. हालांकि सीमा विवाद का समाधान अब भी अधूरा है, लेकिन यह डिसएंगेजमेंट इस बात का संकेत था कि भारत अब जमीन पर मौजूद तनाव को हल करने के लिए कूटनीति और ताकत दोनों का इस्तेमाल कर रहा है.

इस रिपोर्ट का नाम है- 2025 विश्वव्यापी खतरा आकलन (2025 Worldwide Threat Assessment). यह अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की सशस्त्र सेवा उपसमिति और रक्षा खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट है. इसे आर्म्ड सर्विसेज सबकमिटी ऑन इंटेलिजेंस एंड स्पेशल ऑपरेशंस और रक्षा खुफिया एजेंसी (DIA) ने तैयार किया है. इसी ऑपरेशन सिंदूर के बाद की भारत की स्थिति का आंकलन किया गया है.

पाकिस्तान को दिया सर्जिकल मैसेज

इस महीने जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए. इसके जवाब में दोनों देशों के बीच 7 से 10 मई तक ड्रोन, मिसाइल और आर्टिलरी हमलों की झड़प चली. अंततः 10 मई को दोनों पक्षों के बीच सीज़फायर की घोषणा हुई. विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहला मौका था जब भारत ने खुलकर मिसाइल के ज़रिए जवाबी कार्रवाई की जो कि अब तक की रक्षात्मक नीति में एक बड़ा बदलाव है. इससे स्पष्ट है कि भारत अब ‘स्ट्रैटजिक डिटरेंस’ के सिद्धांत पर चल रहा है.

मेक इन इंडिया की तारीफ

मोदी सरकार की नई डिफेंस पॉलिसी में ‘आत्मनिर्भर भारत’ एक प्रमुख स्तंभ बनकर उभरा है. भारत अब सिर्फ हथियारों का आयातक नहीं बल्कि एक्सपोर्टर बनने की दिशा में बढ़ रहा है. 2024 में भारत ने स्वदेशी मिसाइल प्रणाली अग्नि-I प्राइम एमआरबीएम और अग्नि-V एमआईआरवी का सफल परीक्षण किया. इसके अलावा दूसरा न्यूक्लियर सबमरीन INS अरिघात को भी नौसेना में शामिल किया गया. इससे भारत की न्यूक्लियर ट्रायड और भी मजबूत हो गई है.

इंडो-पैसिफिक में भारत की बढ़ती पकड़

भारत अब इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारियों के ज़रिए अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है. अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर क्वाड (QUAD) समूह के तहत सैन्य अभ्यास और डायलॉग भारत की वैश्विक उपस्थिति को नई दिशा दे रहे हैं. इसके अलावा ब्रिक्स, आशियान और शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन जैसे मंचों पर भारत की सक्रियता यह संकेत देती है कि देश अब सिर्फ क्षेत्रीय शक्ति नहीं, बल्कि ग्लोबल डिफेंस प्लेयर बनना चाहता है.

रूस से रिश्ते, चीन से संतुलन

रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारत ने रूस के साथ रक्षा संबंधों को बनाए रखा है. हालांकि रूस से नई डील्स कम हो रही हैं, लेकिन भारतीय सेना की बड़ी मात्रा में मौजूद रूसी टैंक और फाइटर जेट अब भी रूस से स्पेयर पार्ट्स पर निर्भर हैं. भारत की यह रणनीति साफ करती है कि वह रूस के साथ संतुलन बनाए रखते हुए चीन से दूरी चाहता है. ऐसे में भारत-रूस और पश्चिम के बीच अपने हितों को बखूबी साध रहा है.

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