नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसआईपीएल 2025चुनाव

नेपाली पादरियों का खेल! यूपी के जिले में अवैध धर्मांतरण, 3000 सिखों ने बदला धर्म,जानिए क्या है मामला

यूपी के जिले में नेपाली पादरियों द्वारा 3000 सिखों का धर्मांतरण, प्रशासन ने अवैध धर्मांतरण मामले की जांच शुरू कर दी
08:46 AM May 18, 2025 IST | Rajesh Singhal
यूपी के जिले में नेपाली पादरियों द्वारा 3000 सिखों का धर्मांतरण, प्रशासन ने अवैध धर्मांतरण मामले की जांच शुरू कर दी

Up News: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत ज़िले से सामने आई एक बड़ी और चिंताजनक खबर ने पूरे प्रदेश ही नहीं, देशभर में हलचल मचा दी है। यहां के सीमावर्ती क्षेत्रों में रह रहे करीब 3000 सिख समुदाय के लोगों के धर्मांतरण का मामला सामने आया है। ऑल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल के अनुसार इधर कुछ ही समय में करीब तीन हजार सिख धर्मांतरण कर ईसाई बन चुके हैं।

प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि यह सब एक सुनियोजित साजिश के तहत किया गया, जिसकी जड़ें नेपाल सीमा तक फैली हुई हो सकती हैं। यह मामला सिर्फ धर्मांतरण का नहीं, (Up News)बल्कि इससे कहीं ज्यादा गंभीर प्रतीत हो रहा है। इसमें स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय संगठनों की भूमिका की आशंका जताई जा रही है। पुलिस और प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और कई अहम सुराग हाथ लगे हैं।

धर्मांतरण के पीछे कौन?

काउंसिल के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी ने आरोप लगाया है कि नेपाल से आने वाले पादरी गांव-गांव जाकर लालच और अंधविश्वास के जरिए लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं। उनका कहना है कि यह सिलसिला वर्ष 2020 से चल रहा है। जग्गी के अनुसार धर्मांतरण की गतिविधियां मुख्य रूप से बैल्हा, टाटरगंज, बमनपुर भागीरथ जैसे गांवों में हो रही हैं, जहां कुल मिलाकर 20,000 से अधिक की आबादी है। इनमें बड़ी संख्या सिख समुदाय की है।

जानिए कौन हैं निशाने पर?

प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि जिन परिवारों का धर्मांतरण हुआ है, वे अधिकतर आर्थिक रूप से कमजोर, पिछड़े और सामाजिक रूप से हाशिए पर रहने वाले लोग हैं. उन्हें बेहतर जीवन, मुफ्त राशन, इलाज, शिक्षा और रोज़गार का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए राजी किया गया। कई मामलों में लोगों ने बताया कि उन्हें धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या के नाम पर भ्रमित किया गया और बताया गया कि उनका जीवन तभी सुधरेगा जब वे “नया मार्ग” अपनाएंगे।

डीएम-एसपी को सौंपी गई रिपोर्ट

160 परिवारों की सूची प्रशासन को सौंपी गई। फरवरी में हुए एक गुरमत समागम में 180 परिवारों ने घर वापसी की है।
हजारा थाने में 8 नामजद और 3-4 दर्जन अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। धर्मांतरण की जानकारी सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, सांसद बृजलाल, विधायक राजेश्वर सिंह सहित कई जनप्रतिनिधियों को भी दी गई है। मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। वहीं डीएम संजय कुमार सिंह ने बताया कि शिकायतों की जांच की जा रही है। एक महिला के मामले में अप्रत्यक्ष दबाव की बात सामने आई है।एसपी अभिषेक यादव ने पुष्टि की कि एक एफआईआर दर्ज की गई है और जांच जारी है।

यह भी पढ़ें:

भारत की स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों को मुआवजा ? शहबाज शरीफ का ऐलान, पाकिस्तान फिर बेनकाब !

धरती कांपी, दिल दहले! अरुणाचल में भूकंप के झटकों से मचा हड़कंप, जानिए पूरी अपडेट

Tags :
Breaking News IndiaChristian MissionariesConversion in UPIllegal ConversionNepali Pastorspilibhit newsReligion NewsReligious ControversyReligious ConversionSikh to ChristianityUP NewsUttar Pradesh newsअवैध धर्मांतरणधर्म जागरूकताधर्म परिवर्तन केसधर्म विवादधर्मांतरणनेपाली पादरीयूपी धर्म परिवर्तनसिख ईसाई बनेसिख धर्म

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article