त्रिशूल अभ्यास में सैन्य शक्ति का प्रदर्शन, माधवपुर बीच पर त्रि-सेवा अभ्यास का समापन
Trishul Exercise: थार रेगिस्तान से लेकर कच्छ क्षेत्र तक, सेना, नौसेना और वायु सेना पिछले दो हफ्तों से तीनों सेनाओं के संयुक्त अभ्यास ‘त्रिशूल’ के व्यापक ढांचे के तहत कई उप-अभ्यासों में भाग लिया। इसका समापन गुरूवार को सौराष्ट्र तट पर एक संयुक्त जल-थल अभ्यास के साथ हुआ। बता दें भारतीय सशस्त्र सेनाओं के त्रि-सेवा अभ्यास (टीएसई-2025) “त्रिशूल” का समापन 13 नवंबर को पोरबंदर के माधवपुर बीच पर आयोजित शक्तिशाली उभयचर ऑपरेशन डेमोंस्ट्रेशन के साथ हुआ।
अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि इस अभ्यास में बेहतरीन तालमेल का प्रदर्शन किया। नौसेना की पश्चिमी नौसेना कमान (डब्ल्यूएनसी) ने गुरुवार को अपने एक्स हैंडल पर सौराष्ट्र तट पर आइएनएस विक्रांत पर सवार तीन कमांडर-इन-चीफ की कुछ तस्वीरें साझा कीं।
दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल नगेश कपूर ने मीडिया से संवाद किया और अभ्यास के विभिन्न पहलुओं की जानकारी साझा की। भारतीय नौसेना की अगुवाई में भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना के साथ संयुक्त रूप से यह विशाल सैन्य अभ्यास नवंबर 2025 के प्रारंभ में शुरू हुआ था।
पिछले कुछ दिनों में हुए अभियानों से पहले कई महीनों तक व्यापक योजना, समन्वय और तैयारियां की गईं। मीडिया से बातचीत के तुरंत बाद तीनों सेनाओं के सहयोग से योजनाबद्ध उभयचर अभियान का जीवंत प्रदर्शन किया गया, जिसने त्रि-सेना समन्वय की उच्चतम क्षमता को सामने रखा।
अभ्यास का नेतृत्व भारतीय नौसेना के पश्चिमी नौसेना कमान (डब्ल्यूएनसी) द्वारा किया गया, जबकि भारतीय सेना की दक्षिणी कमान (एससी) और भारतीय वायुसेना की दक्षिण पश्चिमी वायु कमान (एसडब्ल्यूएसी) इसमें प्रमुख सहभागी रहीं। इस व्यापक अभ्यास में राजस्थान और गुजरात के क्रीक एवं मरुस्थलीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रणनीतिक अभियान संचालित किए गए।
त्रिशूल अभ्यास का मुख्य उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच सहयोग, समन्वय और एकीकृत युद्ध-तैयारी को और मजबूत करना था। इसमें बहु-क्षेत्रीय (मल्टी डोमेन) एकीकृत संचालन प्रक्रियाओं की प्रभावशीलता को परखा और एक-दूसरे के साथ समन्वयित किया गया, ताकि समय पर संयुक्त प्रभाव-आधारित अभियान सुनिश्चित किए जा सकें।
त्रिशूल अभ्यास के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में जीओसी-इन-सी (दक्षिणी कमान), एओसी-इन-सी (दक्षिण पश्चिमी वायु कमान) और एफओसी-इन-सी (पश्चिमी नौसेना कमान) ने भी अपनी-अपनी सेनाओं के दृष्टिकोण और अभियान विवरण साझा किए।
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