नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसआईपीएल 2025चुनाव

तिरुपति लड्डू विवाद: आंध्र प्रदेश सरकार ने गठित किया SIT, होगी गहन जांच

आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद के लड्डू को लेकर चल रहा विवाद अब एक नए मोड़ पर पहुँच गया है। राज्य सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन...
03:43 PM Sep 27, 2024 IST | Vibhav Shukla
आंध्र प्रदेश सरकार ने गठित किया SIT

आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद के लड्डू को लेकर चल रहा विवाद अब एक नए मोड़ पर पहुँच गया है। राज्य सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। इस टीम का उद्देश्य लड्डू में मिलावट के आरोपों की जांच करना है, जो हाल ही में मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू द्वारा उठाए गए थे।

मुख्यमंत्री के आरोपों से उठा विवाद

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार, जो युवा कांग्रेस के अधीन थी, ने भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर को भी नहीं बख्शा। उनके अनुसार, लड्डुओं को बनाने में घटिया सामग्री और पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया था, जिससे करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं आहत हुईं। उनके इस बयान ने पूरे देश में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है, और लोग इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

SIT का नेतृत्व करेंगे सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी

आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव, नीरभ कुमार प्रसाद ने गुरुवार देर रात एक आदेश जारी करते हुए बताया कि सरकार ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की पवित्रता की रक्षा के लिए इस मामले की विस्तृत और व्यापक जांच आवश्यक समझी है। SIT का नेतृत्व गुंटूर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी करेंगे, जिनके साथ अन्य पुलिस अधिकारी भी इस जांच में शामिल रहेंगे।

वाईएसआरसीपी नेताओं की चिंताएं

हालांकि, वाईएसआरसीपी के नेताओं ने इस SIT की तैनाती पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह पर्याप्त नहीं है। उनका मानना है कि जांच एक ऐसी एजेंसी द्वारा नहीं होनी चाहिए जो सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करती हो। इन नेताओं ने मांग की है कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो, ताकि जांच की निष्पक्षता पर कोई सवाल न उठे।

पूर्व महाधिवक्ता की राय

पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता पी सुधाकर रेड्डी ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि लड्डू में मिलावट के आरोपों की जांच किसी ऐसे संगठन को नहीं करनी चाहिए जो मुख्यमंत्री के अधीन काम करता हो। उनके अनुसार, इस तरह की जांच में पारदर्शिता सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है, ताकि जांच के परिणाम सभी के लिए विश्वसनीय हों।

इस मामले में SIT के गठन के बाद सभी की नजरें अब जांच पर टिकी हुई हैं। यह देखना होगा कि क्या SIT जांच में पारदर्शिता और निष्पक्षता से काम करती है, या यह केवल एक राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। इस विवाद ने तिरुपति बालाजी मंदिर के पवित्र प्रसाद पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है, और यह मामला धार्मिक भावनाओं से जुड़ा होने के कारण बेहद संवेदनशील है।

Tags :
Andhra Pradesh GovernmentN. Chandrababu NaiduSIT investigationTirupati LadooYSRCP Concerns

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article