प्रेग्नेंसी में की गई ये गलतियां बन सकती हैं 'प्लास्टिक बेबी' का कारण, जानें बचाव के उपाय
गर्भ धारण करना और मां बनना हर शादीशुदा महिला का पहला सपना होता है। एक नन्ही सी जिंदगी को अपने शरीर में 9 महीनों तक रखने और उसे दुनिया में लाने का जो एहसास होता है, उसे एक औरत ही महसूस कर सकती है। हालांकि, आजकल प्रेग्नेंसी में काफी दिक्कतें देखी जा रही हैं। इन्फर्टिलिटी के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वहीं, जो महिलाएं गर्भ धारण कर लेती हैं, उनके बच्चों की धड़कन का रुक जाना भी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। ऐसे में हम आपको यहां कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो प्लास्टिक बेबी के जन्म का कारण बन सकती हैं।
क्या होता है ‘प्लास्टिक बेबी’?
आगे बढ़ने से पहले जान लेते हैं कि 'प्लास्टिक बेबी' क्या होता है। दरअसल, यह ऐसा बेबी होता है, जिसका विकास गर्भ में ऐसे केमिकल्स की वजह से प्रभावित होता है, जो प्लास्टिक प्रोडक्ट्स से निकलते हैं। जो गलतियां बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं, वे निम्न प्रकार हैं-
- प्लास्टिक की बोतल या डिब्बों में खाना रखना
- प्लास्टिक की बोतल से पानी पीना
- प्लास्टिक के डिब्बों में गर्म खाना रखना
- माइक्रोवेव में प्लास्टिक डिब्बों का इस्तेमाल
- पैक्ड फूड्स खाना
- प्लास्टिक में पैक किया हुआ खाना
प्लास्टिक केमिकल्स की वजह से होने वाली दिक्कतें
जो गर्भवती महिलाएं ये गलतियां करती हैं, उनके गर्भ में पल रहे बच्चों को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। दरअसल, इससे बच्चे के दिमाग पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, थायरॉइड, हार्मोन्स की गड़बड़ी और बच्चे को भविष्य में मोटापा या डायबिटीज भी हो सकती है। इसके अलावा, ऐसे बच्चों में लड़कियों में समय से पहले पीरियड्स का होना और लड़कों में टेस्टोस्टेरोन कम होने की समस्या हो सकती है।
प्लास्टिक बेबी की समस्या से कैसे करें बचाव?
अगर आप भी प्लास्टिक बेबी की समस्या से बचना चाहती हैं, तो इसके लिए कुछ सावधानी बरतें। जैसे खाने के लिए प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल न करें। पैक किए हुए या प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें और ऑर्गेनिक स्किनकेयर व हेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें। ध्यान रखें कि घर का बना खाना ही खाएं।
यह भी पढ़ें: