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Census process: जनगणना शुरू करने की प्रक्रिया तेज, जानें क्या-क्या होगा?

Census Process: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीपीए) की ओर से आगामी जनगणना में जातियों की गणना को मंजूरी दी जा चुकी है।
03:49 PM May 01, 2025 IST | Pushpendra Trivedi
Census Process: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीपीए) की ओर से आगामी जनगणना में जातियों की गणना को मंजूरी दी जा चुकी है।

Census Process: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीपीए) की ओर से आगामी जनगणना में जातियों की गणना को मंजूरी दी जा चुकी है। इस फैसले की मांग विपक्ष लंबे समय करता रहा है। कैबिनेट फैसले के बाद जनगणना की प्रक्रिया को आरम्भ करने की कोशिश तेज कर दी गई। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है।

सूत्रों के मुताबिक, जनगणना के लिए जल्दी ही देशभर के पदाधिकारियों की बैठक जल्द बुलाया जाएगा। ट्रेनिंग शुरू होगी, जिसका मॉड्यूल तैयार किया जा रहा है। इस बार के जनगणना में टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल होगा। जनगणना में AI का इस्तेमाल होगा। इस बार जियो फेंसिंग का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसे उस गांव और मोहल्ला में जाकर ही भरा जा सकेगा, जहां का जनगणना होना निश्चित होगा।

धर्म का कॉलम भी होगा

सूत्रों का कहना है कि इस बार जनगणना में जातीय जनगणना के लिए ओबीसी कॉलम को भी जोड़ा जाएगा। अब तक हुए जनगणना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का कॉलम होता था, उसमें इस बार अब ओबीसी भी जोड़ा जाएगा। जनगणना के क्रम में धर्म का कॉलम पहले की ही भांति जारी रहेगा। जनगणना के साथ-साथ होने वाले जातीय जनगणना में ओबीसी की सब कैटेगरी होगी या नहीं इस पर फैसला होना बाकी है। 2011 में सोशियो इकोनॉमिक आधार पर जनगणना की कोशिश हुई थी, जिसमें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। इस बार जनगणना में 30 से ज्यादा प्रश्न होंगे, जिसमें किसी व्यक्ति या परिवार का आर्थिक, सामाजिक हालत को बयान करने वाले बहुत सारे प्रश्न होंगे।

क्या होती है जनगणना?

जनगणना को 10 साल में एक बार किया जाता है। इसमें जनसंख्या-आधारित सर्वे किया जाता है। अब तक 15 बार आयोजित की जा चुकी है। ये 1872 में वायसराय लॉर्ड मेयो के अधीन हर 10 साल में की जाती थी और पहली पूर्ण जनगणना 1872 में की गई थी। 1949 के बाद जनगणना गृह मंत्रालय (एमएचए) के तहत भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त की ओर से आयोजित की गई थी। 1951 के बाद से सभी जनगणनाएं 1948 के भारतीय जनगणना अधिनियम के तहत की गई हैं। पिछली जनगणना 2011 में हुई थी, जबकि अगली जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन भारत में कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।

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