टेस्ला का भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने का कोई इरादा नहीं, क्या ट्रंप की बात मान रहे हैं Elon Musk?
एलन मस्क की टेस्ला को लेकर भारत में लंबे वक्त से हलचल मची हुई है। हर कोई यही सोच रहा था कि टेस्ला की इलेक्ट्रिक गाड़ियां जल्द ही भारतीय सड़कों पर दौड़ेंगी। लेकिन अब इस कहानी में नया ट्विस्ट आ गया है। खबर है कि टेस्ला भारत में गाड़ियां बनाने की जगह सिर्फ बेचने पर फोकस कर रही है। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने साफ कर दिया है कि टेस्ला का भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने का कोई इरादा नहीं है।
भारत की नई EV पॉलिसी का क्या है सीन?
कुमारस्वामी ने बताया कि भारत जल्द ही अपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पॉलिसी के तहत ग्लोबल ऑटोमोबाइल कंपनियों से आवेदन मंगवाएगा। इस पॉलिसी का मकसद है कि दुनियाभर की बड़ी कंपनियां भारत में निवेश करें और यहां इलेक्ट्रिक गाड़ियों का प्रोडक्शन बढ़े। मार्च 2024 में लाई गई इस नई पॉलिसी में बड़ा ऑफर है- अगर कोई कंपनी भारत में 486 मिलियन डॉलर (करीब 4150 करोड़ रुपये) का निवेश करती है, तो उसे 35,000 डॉलर या उससे महंगी इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 70% की जगह सिर्फ 15% इंपोर्ट ड्यूटी देनी होगी। लेकिन, एक साल में सिर्फ 8000 गाड़ियां ही इस कम ड्यूटी रेट पर इंपोर्ट हो सकेंगी।
ट्रंप ने क्यों मचाया बवाल?
फरवरी 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टेस्ला के भारत में फैक्ट्री लगाने के प्लान को अमेरिका के लिए "अनुचित" करार दिया था। ट्रंप का कहना था कि भारत का 100% इंपोर्ट टैरिफ अमेरिकी कंपनियों के लिए नुकसानदायक है, और अगर टेस्ला भारत में फैक्ट्री लगाती है, तो ये अमेरिकी हितों के खिलाफ होगा। उन्होंने फॉक्स न्यूज से कहा, "अगर मस्क भारत में फैक्ट्री लगाते हैं, तो ये हमारे लिए ठीक नहीं है। ये बहुत अनुचित है।"
टेस्ला का भारत में क्या है प्लान?
हालांकि टेस्ला भारत में मैन्युफैक्चरिंग करने के मूड में नहीं दिख रही, लेकिन कंपनी ने भारतीय बाजार में एंट्री की तैयारियां तेज कर दी हैं। खबर है कि टेस्ला ने दिल्ली और मुंबई में दो शोरूम्स के लिए जगह फाइनल कर ली है और 13 मिड-लेवल जॉब्स के लिए वैकेंसी भी निकाली हैं। ये साफ संकेत है कि टेस्ला अप्रैल 2025 से भारत में अपनी गाड़ियां बेचना शुरू कर सकती है। कंपनी जर्मनी की अपनी फैक्ट्री से गाड़ियां इंपोर्ट करने की प्लानिंग कर रही है, न कि चीन से, क्योंकि भारत सरकार ने चीनी इंपोर्ट्स पर सख्ती दिखाई है।
मस्क की पुरानी शिकायत, नया मौका
एलन मस्क लंबे समय से भारत के हाई इंपोर्ट टैरिफ की शिकायत करते आए हैं। उनकी मांग थी कि भारत में गाड़ियां बेचने से पहले टैरिफ कम किए जाएं। अब नई EV पॉलिसी टेस्ला जैसी कंपनियों को लुभाने की कोशिश है, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग के लिए 500 मिलियन डॉलर का निवेश और लोकल प्रोडक्शन की शर्त मस्क को भारी पड़ रही है। यही वजह है कि टेस्ला अभी सिर्फ शोरूम खोलने और गाड़ियां इंपोर्ट करने पर फोकस कर रही है। अब देखना ये है कि क्या टेस्ला ट्रंप की बात मानकर भारत में फैक्ट्री लगाने का इरादा छोड़ देगी, या भविष्य में कोई नया प्लान बनाएगी।