मेरी जान भी चली जाए तो… ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद तेज़प्रताप यादव ने भरी हुंकार, जानिए ऐसा क्या बोले?
जब भारतीय वायुसेना के वीर जवानों ने पाकिस्तान के आतंकी अड्डों को ध्वस्त किया, तो पूरा देश गर्व से सीना तान कर खड़ा हो गया। इसी जोश में RJD नेता तेज प्रताप यादव ने एक ऐसा बयान दिया जिसने सबका ध्यान खींचा कि"अगर मेरी पायलट ट्रेनिंग देश के काम आ सके तो मैं हर समय तैयार हूं... मेरी जान भी चली जाए तो खुद को धन्य समझूंगा!" सोशल मीडिया पर अपने फ्लाइट रेडियो ऑपरेटर लाइसेंस की तस्वीर शेयर करते हुए लालू यादव के बेटे ने देशभक्ति की नई मिसाल पेश की।
हुंकार भरते हुए क्या बोले तेज़प्रताप?
तेज प्रताप यादव ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में लिखा कि आप सभी को बता दूं कि मैंने पायलट की ट्रेनिंग ले रखी है।" उन्होंने अपने फ्लाइट रेडियो टेलीफोन ऑपरेटर लाइसेंस (रेस्ट्रिक्टेड) की तस्वीर शेयर करते हुए साबित किया कि उन्हें विमान संचालन की बेसिक ट्रेनिंग मिली है। हालांकि यह पूर्ण पायलट लाइसेंस नहीं है, लेकिन उनका यह कदम देश के प्रति समर्पण को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि अगर मेरी यह ट्रेनिंग देश की सेवा में काम आ सके तो मैं किसी भी समय तैयार हूं।
तेजस्वी यादव ने भी दी सेना को सलामी
तेज प्रताप के छोटे भाई और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी ऑपरेशन सिंदूर की सराहना करते हुए कहा कि "हिंदुस्तान जिंदाबाद! भारतीय सेना जिंदाबाद!" उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा कि भारत ने कभी आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया और न ही भविष्य में करेगा। तेजस्वी ने जोर देकर कहा, "हम शांति में विश्वास करते हैं, लेकिन अगर कोई हमारी संप्रभुता पर हमला करेगा तो हम एकजुट होकर जवाब देंगे।" उनका यह बयान भी देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत था।
क्या सच में उतरेंगे मैदान में तेज प्रताप?
तेज प्रताप यादव का यह बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। कुछ लोग उनकी देशभक्ति की सराहना कर रहे हैं तो कुछ सवाल उठा रहे हैं कि क्या वह वाकई देश की सेवा के लिए आगे आएंगे? राजनीतिक हलकों में यह चर्चा भी हो रही है कि क्या यह सिर्फ जनता का ध्यान खींचने का प्रयास है? फिलहाल, उनका यह बयान देशवासियों के लिए प्रेरणादायक जरूर बना है।
देशभक्ति का जोश या राजनीतिक मंशा?
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने न केवल भारतीय सेना के मनोबल को बढ़ाया है, बल्कि देश के हर नागरिक में देशभक्ति की लहर पैदा कर दी है। तेज प्रताप यादव का यह बयान इसी भावना को प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने कहा, "अगर देश के लिए मेरी जान भी चली जाए तो मैं खुद को भाग्यशाली समझूंगा।" यह वही भावना है जो हर भारतीय के दिल में धड़कती है। अब देखना यह है कि क्या तेज प्रताप अपने शब्दों को कार्यरूप में भी बदलेंगे या यह सिर्फ एक जोशीला बयान बनकर रह जाएगा?
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